अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन के २७वें अधिवेशन में विचार संगोष्ठी का आयोजन

अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन के २७वें अधिवेशन में विचार संगोष्ठी का आयोजन

गुवाहाटी : अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन के २७वें अधिवेशन के पहले सत्र ‘निर्वाचनी समिति की बैठक’ में अखिल भारतीय समिति की बैठक में प्रस्तावित चार प्रस्ताव (संविधान संशोधन, मायड़ भाषा का प्रचार-प्रसार, प्री-वेडिंग फोटोशूट, सड़कों पर नृत्य, ड्रेस कोड का विरोध और विवाह समारोह में मद्यपान निषेध) सर्वसम्मति से खुला सत्र में पारित करवाने के लिए अनुमोदित किया। दूसरे सत्र में ‘संस्कार हमारी विरासत’ विषय पर  विचार संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस सत्र में विषय का प्रवर्तन करते हुए स्वागताध्यक्ष श्री अशोक धानुका ने कहा कि बच्चों को हम बचपन से ही संस्कारित करे तभी हम उनके अंदर अच्छे से संस्कारों का बीजारोपण कर पाएंगे और बच्चे संस्कारित होंगे। बच्चों को बचपन में ही श्लोक, हनुमान चालीसा, राम चरित मानस का पाठ करवाने की व्यवस्था हमें करना चाहिए। प्रादेशिक अध्यक्ष श्री कैलाश चंद काबरा ने कहा कि संस्कार भाव से विचार की तरफ संचरण करती है, जिसके  कारण जीवन में बदलाव घटित होता है। श्री काबरा  जोर देकर कहते हैं कि हमें अपने बच्चों की १२ वीं तक की पढ़ाई अपने साथ रखकर करवानी चाहिए, जिससे हम उनमें संस्कार रोपित कर सकें।

बिहार प्रादेशिक मारवाड़ी सम्मेलन के प्रांतीय अध्यक्ष श्री युगल किशोर अग्रवाल ने कहा कि जहाँ हम एक तरफ उन्नति की ओर जा रहे हैं वहीं दूसरी तरफ अवनति की ओर जा रहे हैं। उन्होंने समाज के लोगों से निवेदन करते हुए कहा कि रात का भोजन हम अपने पूरे परिवार के साथ बैठकर खाएं, इससे बड़ा बदलाव हमें देखने को मिलेगा। तमिलनाडु प्रांत के अध्यक्ष श्री विजय कुमार गोयल ने अपना वक्तव्य रखते हुए कहा कि संस्कार हमें माँ से मिलता है। माँ यदि संस्कारी होगी तो बच्चा संस्कारी स्वयं हो जाएगा। इसका बीज गर्भ में ही बच्चे पर पड़ जाता है, इसके कई उदाहरण हमारे महाकाव्यों और पुराणों में मिलते हैं। उत्कल प्रादेशिक मारवाड़ी सम्मेलन अध्यक्ष श्री गोविंद अग्रवाल ने कहा कि संस्कारों का ह्रास बड़ी तेजी से हो रहा है। हमें एक लम्बी लडाई के लिए तैयार होने की आवश्यकता है, हमें पहले संस्कारों के गिरावट को रोकना होगा। गुवाहाटी की साहित्यकार श्रीमती निशा नंदनी भारतीय ने कहा कि समान रूप से जीने की कला संस्कृति है। हमारे आज के बच्चे वैज्ञानिक तथ्यों में विश्वास करने वाली पीढ़ी है। हमारे संस्कार पूर्ण रूप से वैज्ञानिक तथ्यों पर आधारित हैं। बच्चे हमारी नकल करते हैं तो बदलने की जरूरत हमें है, बच्चे स्वयं सुधर जाएंगे।

अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन के निर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री शिव कुमार लोहिया जी ने कहा कि संस्कार हमारे आचरण और विचार का मामला है। हम यहाँ समस्याओं की बात कर रहे हैं, समाधान की बात करें तो हम सही दिशा में आगे बढ़ पाएंगे। मनु कहते हैं- जन्मना जायते शूद्र: कर्मणा द्विज उच्यते। अर्थात जन्म से सभी शूद्र होते हैं और कर्म से ही वे ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र बनते हैं। हमें भौतिक विकास के साथ ही साथ आध्यात्मिक विकास भी करना होगा तब बात बनेगी। निवर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री संतोष सराफ ने कहा कि हमें अपने नैतिक गिरावट पर विचार करने की आवश्यकता है। हमारे संस्कार और संस्कृति हमें हमेशा अपने बुजुर्गों से मिला है। हमारे बच्चे, बुजुर्ग से दूर होते जा रहे हैं। बदलते परिवेश में हम यदि अपने संस्कारों और नैतिक मूल्यों को बचाना चाहते हैं तो हमें अपने बच्चों को बुजुर्गों के शरण में रखना होगा। हमें ऐसे विषयों पर ज्यादा से ज्यादा गोष्ठियों का आयोजन करना चाहिए और आगे भविष्य में हम ऐसी गोष्ठियां करेंगे।

श्री चांदमल अग्रवाल, श्री संतोष खेतान, श्री अशोक मुधड़ा, श्री ओमप्रकाश खण्डेलवाल, श्री रंजित कुमार जालान, श्री कमल बिहानी, श्री सीताराम अग्रवाल, श्री महेश जालान, श्री संजय जाजोदिया ने भी ‘संस्कार हमारी विरासत’ विषय पर अपना वक्तव्य रखा। सम्मेलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री गोवर्धन प्रसाद गाडोदिया ने विषय को समाहित करते हुए कहा कि आचरण सर्वकालिक होता है, शुरुआत हमें अपने आचरण से करना चाहिए। ऐसे विषय पर चर्चा से युवाओं में हमारे संस्कार और संस्कृति के प्रति चेतना जागृत होगी। इस पहल से समाज में सकारात्मक बदलाव आएगा।इस पूरे सत्र का संचालन राष्ट्रीय महामंत्री श्री संजय हरलालका ने किया।

तीसरे सत्र में राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री गोवर्धन प्रसाद गाडोदिया ने अध्यक्षीय संबोधन दिया तथा विशिष्ट कार्यकर्ता, सहयोगी, पूर्व प्रांतीय पदाधिकारी, प्रांतीय अध्यक्ष एवं महामंत्रियों, निवर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष, पूर्व राष्ट्रीय महामंत्री, पूर्व राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष को ममेंटो देकर सम्मान किया। मंच पर उपस्थित थे राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री गोवर्धन प्रसाद गाडोदिया, राष्ट्रीय महामंत्री श्री संजय हरलालका, निवर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री संतोष सराफ, निर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री शिव कुमार लोहिया, पूर्वोत्तर प्रादेशिक अध्यक्ष श्री कैलाश चंद काबरा एवं प्रादेशिक महामंत्री श्री विनोद लोहिया उपस्थित थे। पूर्वोत्तर के महामंत्री श्री विनोद कुमार लोहिया ने सभी पदाधिकारियों और अतिथियों के प्रति पूर्वोत्तर प्रदेशीय मारवाड़ी सम्मेलन की ओर से कृतज्ञता व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापन दिया। अंत में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ जिसका सभी उपस्थित लोगों ने भरपूर आनंद लिया।