‘आदमियत को बचाती है कविता’

‘आदमियत को बचाती है कविता’
मिदनापुर, 21 मार्चः विद्यासागर विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग की ओर से विश्व कविता दिवस का पालन किया गया। इस अवसर पर स्वागत वक्तव्य देते हुए विभागाध्यक्ष डॉ प्रमोद कुमार प्रसाद ने कहा कि  सभी साहित्य विधाओं में कविता सबसे प्राचीन विधा है।हम सबसे पहले कविता से जुड़ते हैं। विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ संजय जायसवाल ने कहा कि कविता हमारे सृजनात्मकता का प्रवेश द्वार है। कविता आदमियत को बचाने की बात करती है और कविता जब व्यापक सरोकारों से कट जाती है तो आत्मविलाप बन जाती है।
इस अवसर पर विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ श्रीकांत द्विवेदी, रूपेश कुमार यादव, अंजलि तमांग और लक्ष्मी यादव ने स्वरचित कविताओं का पाठ किया। टीना परवीन, संजीत कुमार, नेहा शर्मा, प्रगति दुबे, संजना प्रजापति, कल्याण कुमार, प्रीति कुमारी, सोनल सिंह, प्रिंसू कुमारी, नाजिया सनवर, मुस्कान अग्रवाल, सीता मेहता, मधु साव, सिमरन गुप्ता, ज्योति सिंह ने प्रसाद, निराला, महादेवी, बच्चन, मुक्तिबोध, अज्ञेय, केदारनाथ सिंह, केदारनाथ अग्रवाल, वीरेन डंगवाल आदि की कविताओं की प्रभावी आवृत्ति प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ संजय जायसवाल ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ श्रीकांत द्विवेदी ने दिया।