‘गरीब कल्याण सम्मेलन’ पर किसान मेला का आयोजन

‘गरीब कल्याण सम्मेलन’ पर किसान मेला का आयोजन

कृषि विज्ञान केंद्र (के.वी.के.), उत्तर 24 परगना (अतिरिक्त) ने मनाया आजादी का अमृत महोत्सव

कोलकाता, 1 जूनः कृषि विज्ञान केंद्र (के.वी.के.),, उत्तर 24 परगना (अतिरिक्त) द्वारा 31 मई,2022को जिले के किसानों के लिए भा.कृ.अनु.प. – क्रिजैफ परिसर में आजादी का अमृत महोत्सव के तहत गरीब कल्याण सम्मेलनपर किसान मेला आयोजित किया गया। डॉ. देबोज्योति बोरकोटोकी, एस.एम.एस. (पशु विज्ञान) ने प्रतिभागियों का स्वागत किया और उन्हें कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी। डॉ. रिंकू भराली, प्रभारी ,के.वी.के. उत्तर 24 परगना (अतिरिक्त) और एस.एम.एस. (बागवानी) ने किसानों को प्रयोगशाला से भूमि तक प्रौद्योगिकियों के हस्तांतरण में के.वी.के. की भूमिका से अवगत कराया। बैठक के अध्यक्ष डॉ. अमित रंजन साहा, प्रधान वैज्ञानिक और प्रमुख, फसल सुधार विभाग ने राष्ट्र निर्माण में किसानों के समृद्ध योगदान पर प्रकाश डाला। डॉ. सब्यसाची मित्रा, प्रधान वैज्ञानिक और प्रभारी,अखिल भारतीय पटसन एवं समवर्गीय रेशा नेटवर्क परियोजना ने संस्थान द्वारा विकसित पटसन की फसल की उन्नत तकनीकों और किस्मों के बारे में साझा किया। उन्होंने गरीब वर्ग के लोगों लिए लागू विभिन्न सरकारी योजनाओं के बारे में भी जानकारी साझा किया। डॉ. बिजन मजूमदार, प्रधान वैज्ञानिक, मृदा विज्ञान ने उपस्थित लोगों को जिले की कृषि स्थिति के बारे में चर्चा की । उन्होंने महामारी के बावजूद खाद्य उत्पादन में योगदान के लिए किसानों की सराहना की। उन्होंने किसानों को विभिन्न योजनाओं के माध्यम से केंद्र सरकार द्वारा प्रदान किए गए अवसरों का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित किया।

शिमला में 31 मई,2022को आयोजित राष्ट्रीय स्तर का सम्मेलन जिसमें माननीय प्रधान मंत्री ने लाभार्थियों के साथ सीधे बातचीत की, का सीधा प्रसारण किया गया। माननीय प्रधानमंत्री जी ने किसान सम्मान निधि की 11वीं किस्त भी जारी की। वेब प्रसारण के बाद किसान वैज्ञानिक संवाद हुआ। डॉ. राजीव डे, प्रधान वैज्ञानिक ने पटसन की फसल में कीट और रोग प्रबंधन रणनीतियों पर अपने अनुभव साझा किए। डॉ. रिंकू भराली द्वारा गरीब परिवारों को लाभान्वित करने वाली विभिन्न सरकारी योजनाओं पर एक संक्षिप्त प्रस्तुति दी गई। किसानों ने डॉ. एस.पी. मजूमदार द्वारा समन्वित “पटसन आधारित प्राकृतिक फसल प्रणाली” में तालाब आधारित एकीकृत प्राकृतिक खेती का भी दौरा किया। कार्यक्रम में कुल मिलाकर 15गाँवों के 506किसानों और अधिकारियों ने भाग लिया। कार्यक्रम का समापन डॉ. रिंकू भराली प्रभारीके.वी.के.,उत्तर 24 परगना (अतिरिक्त) द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।