पूर्वोत्तर में व्यापार बढ़ाने के लिए एग्रो कोमोडिटी बोर्ड गठित करेगा आईसीएफए

पूर्वोत्तर में व्यापार बढ़ाने के लिए एग्रो कोमोडिटी बोर्ड गठित करेगा आईसीएफए

गुवाहाटी, 17 मईः इंडियन चैंबर ऑफ फुड एंड एग्रीकल्चर(आईसीएफए) पूर्वोत्तर में कृषि उत्पादों का व्यापार बढ़ाने के लिए एग्रो कोमोडिटी बोर्ड गठित करेगा। आईसीएफए के चेयरमैन डॉ. एमजे खान ने गुवाहाटी में आयोजित द्वितीय एनइ एग्रो एंड फुड सम्मिट 2023 में बतौर वक्ता बोलते हुए इसका स्पष्ट संकेत दिया। उन्होंने कहा कि आईसीएफए पूर्वोत्तर में कृषि कारोबार को बढ़ाने के लिए 5 कोमोडिटी बोर्ड गठित करेगा। इससे कृषि उत्पाद का निर्यात बढ़ाने पूर्वोत्तर की भागीदारी बढ़ेगी। वैश्विक स्तर के कोमोडिटी बोर्ड कृषि उत्पादन बढ़ाने, व्यापार में इजाफा करने और बाजार तक पहुंच बनाने में अहम भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर में लगभग 500 एफपीओ गठित होने से अर्थव्यस्था को गति देने में जमीनी स्तर पर संस्थागत व्यवस्था उपलब्ध हुई है। इससे एक ओर किसानों तथा दूसरी ओर खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों, खुदरा विक्रेताओं व निर्यातकों को उत्पादक सामग्री व तकनीकी की आपूर्ति संभव हुआ है। लेकिन उद्योग, व्यापार और तकनीकी संस्थानों से जुड़े बिना अकेले एफपीओ कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए पर्याप्त नहीं है। इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए आईसीएफए जल्द ही संबंधिथ संस्थानों जैसे एनइसी, एनइआरएमएसी, एनइडीएफआई, एसबीआई और नाबार्ड के साथ वार्ता शुरू करेगा। राज्य सरकार को ट्रेड बोर्ड गठित करने के लिए जिंसों की सूची को अंतिम रूप देना है। लेकिन कुछ पण्य जैसे काला चावल, अन्ननास और जैकफ्रुट आदि को प्राथमिकता देनी होगी। आईसीएफए एग्रो ट्रेड को क्रियान्वयन करने के लिए पूर्वोत्तर में कृषि परिषद की व्यवस्था करेगा। आईसीएफए पहले ही सरकारी अधिकारियों, कृषि कंपनियों के सीइओ, बैंकरों व संबंधित संस्थानों के शीर्ष व्यक्तियों को लेकर उत्तर प्रदेश, हरियाणा और उत्तराखंड में राज्य कृषि परिषद गठित कर चुका है।

डॉ. खान ने कहा कि आईसीएफए बाजार से खाद्य उद्योग को जोड़ने के उद्देश्य से जल्द ही एग्रो इंडस्ट्रीज के सीइओ को लेकर एक सम्मेलन आयोजित करेगा जिसमें एनइआरएमएसी की भी सहभागिता होगी। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में आईसीएफए एकमात्र चैंबर है जिसको वाणिज्य मंत्रालय से मान्यता प्राप्त है। चैंबर सिलांग में आंतरिक जैविक सम्मेलन भी आयोजित करेगा जो पहली बार 2004 में हुआ था। इसको बाद में राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली और कृषि मंत्रालय ने एनपीओपी लॉच किया।

उल्लेखनीय है कि एनइ एग्रो एंड फुड सम्मिट वायब्रेंन्ट नार्थइस्ट 2023 के एक हिस्सा के रुप में आयोजित किया गया था। कृषि मंत्रालय की मेजबानी में एग्री इंफ्रा फंड विशेष सत्र के साथ सम्मेलन संपन्न हुआ। एसबीआई, नाबार्ड, एआईएएफ और अन्य संबंधित संसथाओं की सहायता से खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय ने सम्मेलन को प्रायोजित किया था।

सम्मेलन के अन्य वक्ताओं में कृषि व ग्रामीण विकास केंद्र के चेयरमैन तरुण श्रीधर, केंद्रीय पशु संसाधन, डेयरी व मत्स्य के पूर्व सचिव एसएच. पीएल थांगा, प्रांजल शर्मा( एनइसी), असम कृषि आयोग के सदस्य डॉ. बीसी बोरा और एनइसी के सलाहकार एमआई मेटी आदि वरिष्ठ सरकारी अधिकारी शामिल थे।