प्रो. सोमा बंद्योपाध्याय हिंदी मेला में ‘कल्याणमल लोढ़ा शिक्षक सम्मान’ से सम्मानित

प्रो. सोमा बंद्योपाध्याय हिंदी मेला में ‘कल्याणमल लोढ़ा शिक्षक सम्मान’ से सम्मानित
डॉ. विजय बहादुर सिंह ने किया हिंदी मेला का उद्घाटन
हिंदी की सेवा करती रहूंगीः प्रो. सोमा बंद्योपाध्याय
कोलकाता , 26 दिसंबरः शिक्षा के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए प्रो. सोमा बंद्योपाध्याय को  रविवार को राममोहन हाल में 27 वां हिंदी मेला के उद्घाटन समारोह में ‘कल्याणमल लोढ़ा शिक्षक सम्मान’ से पुरस्कृत किया गया। प्रसिद्ध लेखक डॉ. विजय बहादुर सिंह, सांस्कृतिक पुनर्निमाण मिशन के अध्ययक्ष डॉ. शंभुनाथ,  संस्था के अन्य पदाधिकारियों और विशिष्ट अततिथियों ने श्रीमती बंद्योपाध्याय को शाल, प्रशस्ति पत्र व नकद राशि प्रदान कर उन्हें सम्मानित किया। इसके साथ ही नाट्य क्षेत्र में विशोष योगदान के लिए  प्रसिद्ध रंगकर्मी ओम पारीक को माधव शुक्ल नाट्य सम्मान से पुरस्कृत किया गया। श्री पारीक की अनुपस्थिति में यह पुरस्कार उनकी पुत्री ने ग्रहण किया।  इस  बार पत्रकारिता के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए युवा पत्रकार अनवर हुसैन को ‘युगलकिशोर सुकुल पत्रकारिता सम्मान’  दिया जाएगा। अनवर को हिंदी मेला के समापन समारोह के दिन 1 जनवरी  को यह सम्मान प्रदान किया जाएगा।   27 वर्षों से कोलकाता में आयोजित होने वाला हिंदी मेला युवा कलाकारों और रचनाकारों के बौद्धिक विकास का मंच है। यह मेला स्वाधीनता के 75वें साल का पालन मानवता के उत्सव के रूप में कर रहा है। समाज में घृणा की जगह प्रेम तथा भेदभाव की जगह समानता का प्रसार हो, जो हिंदी मेला कर रहा है। राममोहन हाल के उषा गांगुली-अजहर आलम मंच पर उद्घाटन समारोह में प्रसिद्ध लेखक डॉ. विजय बहादुर सिंह ने ये बातें कहीं। हिंदी मेला का आयोजन सांस्कृतिक पुनर्निर्माण मिशन प्रतिष्ठित भारतीय भाषा परिषद के साथ मिलकर कर रहा है। आरंभ में कोरोना काल में दिवंगत लेखकों और कलाकारों के प्रति डॉ. शुभ्रा उपाध्याय ने श्रद्धांजलि अर्पित की। कोलकाता में हिंदी नाटक की परंपरा शुरू करने वाले माधव शुक्ल के नाम पर स्थापित नाट्य सम्मान ओम पारीक को प्रदान किया गया। अभिनंदन पत्र का पाठ अनिता राय और सुशील पांडेय ने किया एवं परिचय मधु सिंह ने दिया।
 प्रो. सोमा बंद्योपाध्याय ने अपने जीवन संघर्षों के बारे में बताते हुए कहा कि उनका जीवन हिंदी के उत्थान के लिए समर्पित है और वह भी हिंदी मेला का अभिन्न अंग रही हैं।  प्रो. कल्याणमल लोढ़ा शिक्षक सम्मान का उनके जीवन में बहुत महत्व है। सम्मान मिलने के बाद दायित्व और बढ़ जाता है। उन्होंने कहा कि वह निष्ठा के साथ हिंदी की सेवा करती रहेंगी। लोढ़ा जी की सुपुत्री सुषमा सिंघवी ने कहा कि हिंदी की वीणा में मेरा भी स्वर शामिल है।
विश्वंभर नेवर ने कहा कि 27 वर्षों से जारी यह मेला इससे जुड़े संस्कृति कर्मियों की भावात्मक मजबूती का उदाहरण है। यूको बैंक के महाप्रबंधक नरेश कुमार ने कहा कि हिंदी मेला ऐसी जगह है जहां से सैकड़ों नौजवान उभरकर देश की सेवा कर रहे हैं। उद्घाटन समारोह का संचालन करते हुए प्रो. संजय जायसवाल ने कहा कि 27 दिसंबर से 1 जनवरी तक हिंदी मेला भरतीय भाषा परिषद में प्रतिदिन 11 बजे शुरू होगा। हिंदी मेला भारतीय भाषाओं और संस्कृतियों का आंगन है। मिशन के महासचिव डॉ राजेश मिश्र ने वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता डॉ. शंभुनाथ ने की। इस अवसर पर विशेष तौर पर उपस्थित थे रामनिवास द्विवेदी,मीरा सिन्हा,मृत्युंजय श्रीवास्तव। लघु नाटक प्रतियोगिता के निर्णायक महेश जायसवाल, मंजू श्रीवास्तव और गणेश सर्राफ शामिल रहें। इस मौके पर रंग शिल्पी की ओर से मुर्दों का गांव नाटक की अतिथि प्रस्तुति हुई।
इस अवसर पर आर.बी.सी. वुमेन कॉलेज,आर.बी.सी.सांध्य कॉलेज, विद्यासागर विश्वविद्यालय, स्टडी मिशन,प्रसाद नाटक मंच,विद्यासागर हिंदी मंच,नाट्य मंजरी,बंगवासी मार्निंग कॉलेज, अब्दुल कलाम सोशल ग्रुप आर्ट अकादमी, के.जी.टी.एम.बागडोगरा, हावडा़ नवज्योति, हमारा प्रयास आदि की ओर से मंचन किया गया। मंच व्यवस्था में धनंजय प्रसाद, सपना कुमारी,जूही कर्ण, विकास जायसवाल, सुमिता गुप्ता, अनुपमा सिंह,श्रीप्रकाश गुप्ता आदि शामिल रहें।