मणिपुर के लोकतक झील में राजकीय मछली, पेंगबा का मेगा रैंचिंग कार्यक्रम

मणिपुर के लोकतक झील में राजकीय मछली, पेंगबा का मेगा रैंचिंग कार्यक्रम

कोलकाता, 12 मईः भाकृअनुप-केन्द्रीय अन्तर्स्थलीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान (सिफरी), बैरकपुर ने मात्स्यिकी विभाग, मणिपुर तथा लोकतक विकास प्राधिकरण (एलडीए) के साथ दिनांक 11 मई 2022 को मणिपुर के बिष्णुपुर जिले में स्थित लोकतक झील में इस राज्य की प्रचलित मछली, ओस्टियोब्रामा बेलंगेरी (जिसे स्थानीय तौर पर पेंगबा के नाम से जाना जाता है) के लिए एक मेगा रैंचिंग कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मणिपुर के माननीय मुख्यमंत्री श्री एन. बीरेन सिंह उपस्थित थे। अन्य गणमान्य व्यक्तियों में श्री एच. डिंगो सिंह, माननीय मत्स्य पालन मंत्री; श्री एम. असनी कुमार सिंह, माननीय अध्यक्ष, लोकतक विकास प्राधिकरण (एलडीए); डॉ. बि. के. दास, निदेशक, भाकृअनुप-केन्द्रीय अन्तर्स्थलीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान, बैरकपुर; श्री टी. रोबिन्द्रो, माननीय विधायक, थंगा ए/सी; श्री के. रोबिन्द्रो, माननीय विधायक, मायांगइम्फाल ए/सी; श्री एल. रामेश्वर सिंह, माननीय विधायक, केइराव ए / सी; श्री टी. शांति सिंह, माननीय विधायक, मोइरंग ए / सी; श्री एच. बालकृष्ण सिंह, निदेशक, मत्स्य पालन विभाग, मणिपुर और श्री भगतों सिंह, निदेशक, लोकतक विकास प्राधिकरण (एलडीए) प्रमुख थे ।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि तथा मणिपुर के माननीय मुख्यमंत्री, श्री एन. बीरेन सिंह ने अपने संबोधन में मणिपुर में मत्स्य विकास के लिए सिफरी के प्रयासों की सराहना की। इसके बाद 4 मछुआरा सहकारी समितियों के 110 लाभार्थियों को 10 टन आईसीएआर-सिफरी केजग्रो फ्लोटिंग फीड, 10 नेट केज और 10 सिफरी एचडीपीई पेन जैसे आदानों का वितरण किया गया।

इस अवसर पर पेंगबा मछली के पुनरुद्धार तथा लोकतक झील में इस स्थानीय कार्प के प्राकृतिक स्टॉक को बढ़ाने के उद्देश्य से लोकतक झील के दो स्थलों, सेंद्रा और कारांग द्वीप में लगभग एक लाख पेंगबा मछलियां छोड़ी गईं । पेंगबा (ओस्टियोब्रामा बेलंगेरी), भारत में मणिपुर राज्य, म्यांमार और चीन के युनान क्षेत्र में पाई जाने वाली एक ऐसी मीडियम कार्प प्रजाति है जिसकी अतिजीविता वर्तमान में संकटग्रस्त स्थिति में है। राज्य में इसके महत्व और उच्च उपभोक्ता को देखते हुए मणिपुर में इसे ‘राजकीय मछली’ के रूप में घोषित किया गया है। पहले इस मछली का लोकतक झील की बहुमूल्य प्रजातियों में एक विशेष स्थान था तथा इस आर्द्रभूमि के प्राकृतिक मत्स्य पालन में लगभग 40% का योगदान था। पर पिछले कुछ दशकों में इसकी जनसंख्या में बहुत गिरावट आई और इसे आईयूसीएन रेड लिस्ट के अनुसार ‘एक विलुप्तप्राय वाइल्ड प्रजाति के तौर पर वर्गीकृत किया गया । 90 के दशक में इस मछली के प्रेरित प्रजनन की सफलता और उसके बाद लोकतक झील में विभिन्न संगठनों द्वारा किए गए रैंचिंग के कारण इस झील में पेंगबा मछली की उपस्थिति कभी-कभी दिखाई देने लगी। पेंगबा मछली के पुनरुद्धार तथा लोकतक झील में इस स्थानीय कार्प के प्राकृतिक स्टॉक को बढ़ाने के उद्देश्य से सिफरी ने रैंचिंग कार्यक्रम शुरू किया है। इस क्रम में लोकतक झील में 30,000 पेंगबा अंगुलिकाएँ दिनांक 15-16 मार्च, 2022 को छोड़ी गईं।