युवा वर्ग बढ़ा रहा है समाज का गौरव : गोवर्धन गाड़ोदिया

युवा वर्ग बढ़ा रहा है समाज का गौरव : गोवर्धन गाड़ोदिया

कोलकाता — 22 जनवरीः उद्योग—व्यापार की अपनी पारम्परिक परिधि से बाहर निकल कर आज मारवाड़ी युवक—युवतियाँ चार्टर्ड एकाउंटेंट, वकालत, चिकित्सा, प्रशासनिक सेवाओं, खेल, आदि हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा और परिश्रम के बल सफलता का परचम लहरा रहे हैं। यह हम सब के लिए अत्यंत गर्व का विषय है। ये विचार अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन के अध्यक्ष गोवर्धन गाड़ोदिया ने जूम ऐप के माध्यम से आयोजित सम्मेलन की राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति की बैठक में व्यक्त किए। सी.ए. की परीक्षा में देश भर में प्रथम नंदिनी अग्रवाल, जे.ई.ई. एडवांस्ड में पूरे देश के टॉपर मृदुल अग्रवाल, यू.पी.एस.सी. में टॉप फाईव में आने वाले अंकिता जैन और यश जालुका, आदि की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि शिक्षा एक ऐसा माध्यम है जिससे किसी भी समाज तथा देश की दशा और दिशा बदली जा सकती है। हमारा प्रयास होना चाहिए कि कोई भी बालक—बालिका शिक्षा से वंचित न रहे। उन्होंने कहा कि समाज से हर तबके को अपने साथ जोड़ना और समाज के हर परिवार तक पहुँचना सम्मेलन के लक्ष्यों में है।
बैठक में सभी का स्वागत करने के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष गाड़ोदिया ने सम्मेलन की हालिया गतिविधियों के विषय में संक्षेप में बताया। कोरोना की तीसरी लहर के दौरान पूरे देश में सम्मेलन की प्रादेशिक एवं स्थानीय शाखाओं द्वारा किए जा रहे सेवाकार्यों के लिए समाज के कोरोना—योद्धाओं का साधुवाद व्यक्त करते हुए उन्होंने सभी उपस्थित जनो से संक्रमण से बचाव के लिए आवश्यक एहतियात बरतने और यथासम्भव सभी को इसके लिए प्रेरित करने का आह्वान किया।

सम्मेलन के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री सीताराम शर्मा ने सम्मेलन के संगठन—विस्तार पर हर्ष व्यक्त किया एवं कोरोनाकाल के दौरान पूरे देश में किए जा रहे सेवाकार्यों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि सामाजिक संस्थाओं के समक्ष विभिन्न प्रकार की चुनौतियाँ आती रहती हैं और आपसी विचार—विमर्श से रणनीति बनाकर इनका सामना करना चाहिए। अखिल भारतीय मारवाड़ी युवा मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष कपिल लाखोटिया ने एक वैचारिक मंच के रूप में समाज सुधार के क्षेत्र में सम्मेलन की उपलब्धियों को युगांतरकारी बताया और कहा कि युवा मंच सम्मेलन के हर कार्यक्रम में सब तरह से साथ है। सम्मेलन के राष्ट्रीय महामंत्री संजय हरलालका ने कार्यकारिणी समिति की पिछली बैठक का कार्यवृत प्रस्तुत किया जो सर्वसम्मति से पारित हुआ। सम्मेलन की हालिया गतिविधियों के विषय में बताते हुए उन्होंने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों के आलोक में हम अपनी ऊर्जा और संसाधन मुख्यत: कोरोना सेवाकार्यों पर केन्द्रित कर रहे हैं।
पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष सराफ ने प्रादेशिक शाखाओं के संविधान में एकरूपता के विषय पर अपने विचार व्यक्त किए। सम्मेलन की प्रादेशिक शाखाओं के अध्यक्षों ओमप्रकाश अग्रवाल (झारखंड), महेश जालान (बिहार), गोविन्द अग्रवाल (उत्कल), अशोक मूँधड़ा (तमिलनाडु), डॉ. सुभाष अग्रवाल (कर्नाटक), पुरुषोत्तम सिंघानिया (छत्तीसगढ़), ओमप्रकाश खंडेलवाल (पूर्वोत्तर), गोकुलचंद बजाज (गुजरात), नंद किशोर अग्रवाल (पश्चिम बंग) ने इस चर्चा में भाग लिया और अपने—अपने प्रांतों में किए जा रहे सेवाकार्यों के विषय में भी बताया। सम्मेलन के राष्ट्रीय उपाध्यक्षगण भानीराम सुरेका, पवन कुमार सुरेका, अशोक कुमार जालान एवं  विजय कुमार लोहिया, राष्ट्रीय संगठन मंत्री बसंत मित्तल, वित्तीय उपसमिति के चेयरमैन आत्माराम सोन्थलिया, पूर्व राष्ट्रीय महामंत्री शिव कुमार लोहिया, मधुसूदन सीकरिया, शिव कुमार टेकरीवाल, राजकुमार केडिया और अशोक केडिया ने भी प्रादेशिक संविधानों में एकरूपता सहित विभिन्न विषयों पर अपने संक्षिप्त विचार प्रकट किए।
बैठक में हाल में ही दिवंगत हुए सम्मेलन के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्वोत्तर सम्मेलन के अध्यक्ष स्व. ओंकारमल को मौन श्रद्धांजलि दी गई। उनके विषय में बताते हुए राष्ट्रीय महामंत्री संजय हरलालका ने कहा कि ओंकारमल जी राष्ट्रीय सम्मेलन और प्रादेशिक सम्मेलन के बीच सेतु की भूमिका निभाते थे। बैठक के अंत में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पवन कुमार गोयनका ने धन्यवाद—ज्ञापन किया। बैठक में सम्मेलन के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. हरिप्रसाद कानोड़िया, राष्ट्रीय संयुक्त महामंत्रीद्वय गोपाल अग्रवाल एवं सुदेश अग्रवाल, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष दामोदर प्रसाद बिदावतका, केरल सम्मेलन के अध्यक्ष श्याम सुन्दर अग्रवाल, अनिल कुमार जाजोदिया, भागचंद पोद्दार, कमल नोपानी, बिनोद तोदी, डॉ. सावर धनानिया,  रतन लाल बंका, प्रो. ओम प्रकाश प्रणव, जयदयाल अग्रवाल, अशोक गुप्ता, राजकुमार तिवाड़ी, उमेश शाह, जगदीश प्रसाद शर्मा, ओमप्रकाश पोद्दार, गौरीशंकर अग्रवाल, जगदीश गोलपुरिया, केदारनाथ गुप्ता,  विश्वनाथ भुवालका, सुषमा अग्रवाल सहित पूरे देश से सम्मेलन के पदाधिकारी—सदस्य उपस्थिति थे।