विशेषज्ञों ने की मां दंतेश्वरी हर्बल समूह के हर्बल उत्पादों तथा ‘ककसाड़’ पत्रिका की सराहना

विशेषज्ञों ने की मां दंतेश्वरी हर्बल समूह के हर्बल उत्पादों तथा  ‘ककसाड़’ पत्रिका की सराहना

‘मां दंतेश्वरी हर्बल’ कोंडागांव पहुंचे “आयुष मंत्रालय भारत सरकार” के सदस्य, तथा ‘आयुर्वेदिक चिकित्सक संघ’ के अध्यक्ष

अनवर  हुसैन

बस्तर छत्तीसगढ़ ही नहीं पूरे देश के लिए गर्व का विषय है ‘मां दंतेश्वरी हर्बल समूह’ और इनके दुर्लभ जड़ी बूटियों वाले अनूठे उत्पाद :- डॉ द्विवेदी (सदस्य आयुष मंत्रालय भारत सरकार )

देश में सबसे पहले सर्टिफाइड ऑर्गेनिक हर्बल खेती का प्रारंभ हुआ है कोंडागांव में (1996 से ) अब तैयार कर रहे हैं, “एमडी बोटानिकल्स” नाम से  बाइस प्रकार के अनूठे उत्पाद । मां दंतेश्वरी हर्बल के कार्यालय परिसर “हर्बल इस्टेट” में आयोजित एक सादे कार्यक्रम में कोंडागांव बस्तर के ‘किसान कवि’ डॉ राजाराम त्रिपाठी की पुस्तक “बस्तर बोलता भी है” की प्रति डॉ शिवनारायण द्विवेदी को  भेंट की गई।

उल्लेखनीय है कि, डॉ शिवनारायण द्विवेदी(एमडी) (गोल्ड मेडलिस्ट आयु.)  वर्तमान में भारतीय चिकित्सा केन्द्रीय परिषद आयुष मंत्रालय, भारत सरकार के सदस्य भी  हैं। साथ ही आप आयुर्वेद यूनानी चिकित्सा बोर्ड, सम्बद्व (छ.ग. शासन) के भी सदस्य हैं। आप  छत्तीसगढ़ आयुर्वेद चिकित्सक संघ के अध्यक्ष भी हैं।

“बस्तर बोलता भी है” कोंडागांव बस्तर के ‘किसान कवि’ की कविताओं की पांचवीं पुस्तक है। इससे पहले इनके दूसरे नंबर के  कविता संग्रह “मैं बस्तर बोल रहा हूं” को बेहद पसंद किया गया था”। इस अवसर पर जनजातीय सरोकारों की दिल्ली से प्रकाशित होने वाली लोकप्रिय राष्ट्रीय पत्रिका ककसाड़  का नवीनतम सितंबर अंक, पत्रिका के संपादक डॉ राजाराम त्रिपाठी के द्वारा डॉ शिवनारायण द्विवेदी कांग्रेस प्रदेश सचिव पुष्पेंद्र परिहार युवा कांग्रेस सचिव ओम श्रीवास अधिवक्ता टोमन  साहू अधिवक्ता संघ रायपुर  को भेंट की गई। डॉ त्रिपाठी ने अतिथियों को बताया कि वर्तमान में बस्तर में कई गांवों में सर्टिफाइड ऑर्गेनिक पद्धति से दर्जनों तरह की दुर्लभ वनस्पतियों, जड़ी बूटियों की बड़े पैमाने पर खेती की जा रही है  इससे हजारों आदिवासी परिवारों को भी जोड़ा गया है। बस्तर में किसानों के खेतों में उगाई गई जड़ी बूटियों से तैयार किए गए  विभिन्न प्रकार के *”एमडी बोटानिकल्स” के नाम से दो दर्जन से अधिक प्रकार के बस्तरिया “सर्टिफाइड ऑर्गेनिक हर्बल उत्पाद” अमेजॉन, फ्लिपकार्ट, तथा “मां दंतेश्वरी हर्बल के वेबसाइट www.mdhherbals.com पर आनलाइन स्टोर्स में देश विदेश में सीधे विक्रय हेतु उपलब्ध* कराए जा रहे  हैं।

डॉ द्विवेदी ने बस्तर के इन उत्पादों को विश्वस्तरीय की गुणवत्ता का बताते हुए कहा कि मां दंतेश्वरी हर्बल समूह के बस्तर के यह  विशिष्ट उत्पाद छत्तीसगढ़ ही नहीं पूरे देश के लिए गर्व का विषय है, अतएव इन उपलब्धियों के लिए हम  आयुष मंत्रालय की ओर से तथा चिकित्सक संघ की ओर से  डॉक्टर त्रिपाठी तथा उनकी समूची टीम को बधाई देना चाहेंगे, आशा करते हैं इनके द्वारा क्षेत्र का अधिक से अधिक भला किया जावेगा।

कार्यक्रम में “मां दंतेश्वरी हर्बल समूह”  के संस्थापक व जनजातीय सरोकारों की राष्ट्रीय मासिक पत्रिका “ककसाड” के संपादक डॉ राजाराम त्रिपाठी, दीदी शिप्रा, एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर अनुराग त्रिपाठी, शिप्रा , मेजर केके पटेरिया,बलई चक्रवर्ती, रमेश पंडा, शंकर नाग, कृष्णा नेताम आदि की उपस्थिति महत्वपूर्ण रही। डॉ द्विवेदी सहित सभी गणमान्य अतिथियों  ने पत्रिका के मुखपृष्ठ, संपूर्ण कलेवर तथा विषय वस्तु की मुक्त कंठ से सराहना करते हुए कहा कि यह पत्रिका हमारे समाज की विलुप्त हो रही परंपराओं कला संस्कृति तथा साहित्य को संजोने तथा दस्तावेजीकरण का महत्वपूर्ण कार्य कर रही है, तथा ऐसे पुनीत कार्य में हर व्यक्ति को  यथासंभव सहयोग देना ही चाहिए। डॉ त्रिपाठी ने अपनी पुस्तक “बस्तर बस्तर बोलता भी है, तथा ककसाड़ पत्रिका के नियमित प्रकाशन हेतु  प्रकाशक कुसुमलता सिंह  लिटिल बर्ड प्रकाशन नई दिल्ली को भी धन्यवाद दिया।

*इस अवसर पर राजधानी से पधारे सभी अतिथियों को “मां दंतेश्वरी हर्बल समूह”  की देश-विदेश में धूम मचाने वाली , गयारह असाध्य बीमारियों से लड़ने में कारगर मदद करने वाली, और बिना शक्कर डाले स्वत: ही मीठी, फिर भी जीरो कैलोरी वाली, तथा मिनटों में तैयार होने वाली, अनूठी पटेंटेड “हर्बल चाय” का पैकेट भेंट किया गया, साथ ही कोंडागांव में ही उगाई जा रही MDBp16 प्रजाति की ,अपने विशिष्ट औषधीय गुणों के लिए  मशहूर सर्टिफाइड ऑर्गेनिक काली मिर्च भी भेंट की गई।