शिक्षाविद और लेखक डा. शंभुनाथ की 75 वर्षपूर्ति पर महानगर में साहित्योत्सव

शिक्षाविद और लेखक डा. शंभुनाथ की 75 वर्षपूर्ति पर महानगर में साहित्योत्सव

कोलकाता 18 मई:राष्ट्रीय ख्याति के शिक्षाविद और साहित्यकार डा. शंभुनाथ  कोलकाता विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में 35 सालों तक शिक्षक रहे हैं । इसी बीच मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अंतर्गत केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा  में तीन साल निदेशक थे। यहां रहते हुए उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर हिंदी के विकास और प्रसार के लिए कई यादगार काम किए। उन्होंने 2006 में खतरों के बीच काबुल विश्वविद्यालय जाकर अफगानिस्तान में हिंदी के उच्च शिक्षण की शुरुआत की और नगालैंड जाकर  वहां दूसरी भाषा के रूप में हिंदी की पढ़ाई को लोकप्रिय बनाया। 2007 में न्यूयार्क में आयोजित विश्व हिंदी सम्मेलन के आयोजन में भी खास भूमिका निभाई। उन्होंने देश _विदेश में ऐसे कई कार्य किए जो हिंदी संसार के लिए गौरव की बात है।

शंभुनाथ जी ने कलकत्ता विश्वविद्यालय से अवकाश ग्रहण के बाद  भारतीय भाषा परिषद में सात खंडों में लगभग 5 हजार पृष्ठों का ’हिंदी साहित्य ज्ञानकोश’ बनाया, जिसका हिंदीतर प्रदेश के नगर कोलकाता में बनना एक ऐतिहासिक घटना है। इसके अलावा भक्ति आंदोलन और भारतीय नवजागरण पर उनकी चर्चित पुस्तकों और उनके द्वारा संपादित परिषद की मासिक पत्रिका ’वागर्थ’ ने नई चर्चाओं की शुरुआत की।

हमारे लिए यह गौरव का विषय है कि राष्ट्रीय ख्याति के साहित्यकार डा. शंभुनाथ 21 मई को हावड़ा और कोलकाता में अपने कर्ममय जीवन के 75 साल पूरे कर रहे हैं। इस अवसर पर भारतीय भाषा परिषद के सभागार में उनके विद्यार्थियों, शिक्षकों और साहित्यप्रेमियों ने पूरे दिन का एक कार्यक्रम आयोजित किया है। इसमें देश भर से विद्वान उनके सम्मान में आ रहे हैं। कोलकाता के आयोजन में शिक्षा जगत के कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहेंगे।

डा. शंभुनाथ 75 वर्षपूर्ति के अवसर पर उनके शिष्य और साहित्यप्रेमी उनका सारस्वत सम्मान करेंगे। साथ ही आज के संदर्भ में भक्ति आंदोलन पर राष्ट्रीय संगोष्ठी भी आयोजित है। इसमें बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अवधेश प्रधान और श्रीप्रकाश शुक्ल, रांची से आलोचक रविभूषण, रवींद्र भारती विश्वविद्यालय कोलकाता के प्रो. हितेंद्र पटेल, दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रो. गोपेश्वर सिंह, भोपाल से डा. विजय बहादुर सिंह, रोहतक विश्वविद्यालय की प्रो. रोहिणी अग्रवाल, दिल्ली के अंबेडकर विश्वविद्यालय के प्रो. वैभव सिंह, कवि_ फिल्मकार देवी प्रसाद मिश्र आदि विशेष रूप से भाग लेंगे।

इस आयोजन की उत्सवमूर्ति डा. शंभुनाथ पर एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म के प्रदर्शन से कार्यक्रम का आरंभ होगा। अंत में सांस्कृतिक कार्यक्रम के तहत  शंभुनाथ जी की रचनाओं पर कविता  कोलाज और लघु नाट्य प्रदर्शन भी होगा। एक तरह से यह सिर्फ शंभुनाथ जी का 75 वाँ जन्मदिन नहीं, बल्कि हिंदी के तमाम विद्यार्थियों और शिक्षकों के लिए और देश के साहित्य प्रेमियों के उत्सव का एक विशेष दिन है। इसका आयोजन भारतीय भाषा परिषद और सांस्कृतिक पुनर्निर्माण मिशन के सम्मिलित सौजन्य से हो रहा है।