शिक्षा में विशेष योगदान के लिए नुरूल इस्लाम को मिला सर सैयद अहमद खान एवार्ड

शिक्षा में विशेष योगदान के लिए नुरूल इस्लाम को मिला सर सैयद अहमद खान एवार्ड

मामून अख्तर सौकत अली फाउंडेशन एवार्ड से सम्मानित

कोलकाता, 16 अक्टूबरः शिक्षा के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए अल आमिन मिशन के महासचिव नुरूल इस्लाम को रविवार को मुस्लिम इंस्टीच्यूट में सौकत अली फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक समारोह में सर सैयद अहमद खान एवार्ड से सम्मानित किया गया। संस्था की ओर से शिक्षा के क्षेत्र में ही बेहतर कार्य करने के लिए समरिटन हेल्थ मिशन के मामून अख्तर को मौलाना सौकत अली फाउंडेशन एवार्ड से सम्मानित किया गया। मौलाना सौकत अली फाउंडेशन की ओर से मुस्लिम इंस्टीच्यूट में सर सैयद अहमद खान की जयंती को सर सैयद दिवस के रूप में मनाया मनाया गया। समारोह में पूर्व मानव संसाधन केंद्रीय मंत्री अली असरफ फातमी, राज्य के मदरसा व अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री गुलाम रब्बानी, राज्यसभा के सांसद नदीमूल हक, पूर्व आईपीएस अधिकारी निजाम शमीम और मुस्लिम इंस्टीच्यूट के सचिव निसार अहमद समेत राजनीति और शिक्षा से जुड़े विशिष्ट व्यक्ति उपस्थित थे।

नुरूल इस्लाम ने एवार्ड लेने के बाद कहा कि लगभग चार दशक पहले उन्होंने एक मदरसा की स्थापना से समाज में शिक्षा की रोशनी पहुंचाने की कोशिश शुरू की थी। लेकिन आज स्कूली शिक्षा से लेकर कालेज और यहां तक कि मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई में अल आमिन मिशन की अपनी एक अलग पहचान बन गई है। शिक्षा के क्षेत्र में कुछ करने के लिए उन्हें सर सैयद अहमद खान से प्रेरणा मिलती रही है। पश्चिम बंगाल में रामकृष्ण मिशन की तर्ज पर वह एक विश्वसनीय शिक्षा प्रतिष्ठान बनाना चाहते थे जिसमें उन्हें सफलता मिली।

पूर्व केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री अली असरफ फातमी ने अपने वक्तव्य में कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में एक दिन में कोई बड़ा काम नहीं कर सकता। इसमें समय लगता है। सर सैयद अहमद खान ने शिक्षा के क्षेत्र में छोटे स्तर से जब काम करना शुरू किया तो उन्हें काफी विरोधों का सामना करना पड़ा। लेकिन आगे चलकर उनका प्रयास सफल हुआ और अलीगढ़ मुस्लिम युनिवर्सिटी का उच्च शिक्षा के क्षेत्र में आज पूरे विश्व में पहचान है। फातमी ने कहा अपने मंत्रीत्व काल में जब वह मुर्शिदाबाद में अलीगढ़ का कैंपस खोलने के लिए जमीन की तलाश में कोलकाता आए तो राइटर्स बिल्डिंग में मुख्यमंत्री बुद्द्व भट्टाचार्य से मिले। बुद्धदेव ने तत्काल अलीगढ़ मुस्लिम युनिर्वसिटी के लिए जमीन मुहैया कराई। फातमी ने कहा कि मुख्यमंत्री सचिवालय राइटर्स बिल्डिंग में उन्हें एक नई जीच का अनुभव हुआ। जितने भी विभागीय सचिवों और नौकरशाहों के नेम प्लेट पर उनकी नजर पड़ी उसमें मुस्लिम नाम नगण्य थे। इससे पता चलता है कि उच्च शिक्षा और सरकारी नौकरियों में मुसलमानों का प्रतिनिध्व नहीं के बराबर है। सच्चर कमेटी की रिपोर्ट में भी इसका खुलासा हुआ है। मुसलमानों में दीनी तालिम के साथ आधुनिक शिक्षा के लिए भी ढांचागत सुविधाएं विकसित करनी होगी।

राज्य के मदरसा व अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री गुलाम रब्बानी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में शिक्षा के क्षेत्र में सरकार बेहतर काम कर रही है। 2011 में तृणमूल कांग्रेस के सत्ता में आने से पहले राज्य में मात्र 9 मेडिकल कालेज थे। आज मेडिकल कालेजों की संख्या बढ़कर 23 हो गई है और विश्विवद्यालय की संख्या भी बढ़कर 29 हो गई है। सरकार मदरसा शिक्षा के आधुनिकीकरण पर भी जोर दे रही है।

समारोह में ताजा टीवी और दैनिक छपते छपते के प्रधान संपाद विश्वंभर नेवर, पार्षद संतोष पाठक, फेसेस संस्था के अध्यक्ष इमरान जाकी आदि विशिष्ट व्यक्ति व शिक्षक शिक्षिकाएं मौजूद थीं। कार्यक्रम का संचाल सौकत अली फाउंडेशन के महासचिव अयाज अहमद ने किया और अध्यक्षता निजाम शमीम ने की।