श्री शिव कुमार लोहिया ने अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष का कार्यभार संभाला

श्री शिव कुमार लोहिया ने अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष का कार्यभार संभाला

आज मारवाड़ी समाज की पहचान खतरे में है : श्री अशोक सिंहल

गुवाहाटी : दो दिवसीय अधिवेशन के दूसरे दिन के कार्यक्रम की शुरुआत गुवाहाटी के एम एस रोड स्थित महावीर धर्मस्थल में सम्मेलन का झण्डात्तोलन, राष्ट्रगान कर सम्मेलन के प्राणपुरुष श्रद्धेय ईश्वर दास जालान तथा दिवंगत पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्षों के चित्र पर राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री गोवर्धन प्रसाद गाड़ोदिया और उपस्थित सभी पदाधिकारियों एवं प्रतिनिधियों ने पुष्पांजलि अर्पित कर उद्घाटन समारोह की शुरुआत की।

राष्ट्रीय अध्यक्ष गोवर्धन प्रसाद गाड़ोदिया व सभी गणमान्य मंचासीन व्यक्तियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर समारोह का शुभारंभ किया। सभी अतिथियों का स्वागत अभिनंदन करने के पश्चात प्रदेशीय महिला मंच द्वारा सुमधुर स्वागत-गीत प्रस्तुत किया गया, जिसने सभी को आनंद से भर दिया। प्रांतीय अध्यक्ष श्री कैलाश चंद काबरा ने अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए कहा कि राष्ट्रीय अधिवेशन के गुवाहाटी में आयोजित होने  से पूर्वोत्तर में जन-जागरुकता, सांगठनिक विकास और सेवामूलक कार्यों के विकास के लिए नए उर्जा का संचार हममें हुआ है। स्वागताध्यक्ष अशोक धानुका ने सभी का स्वागत करते हुए समाज में व्याप्त नवीन विसंगतियों पर समाज-जनों से विचार मंथन कर उन मुद्दों के समाधान का रास्ता निकालने का आह्वान किया।

राष्ट्रीय महामंत्री संजय हरलालका ने अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। राष्ट्रीय अध्यक्ष गाड़ोदिया ने अपने सत्र की समाप्ति पर सदन को संबोधित करते हुए सभी के रचनात्मक सहयोग के प्रति आभार व्यक्त किया और कहा कि हमारे सम्मेलन ने समाज में व्याप्त पुरातन परिपाटियों व अंधविश्वास के प्रति जनजागरुकता के माध्यम से उन्मूलन में महती भूमिका का निर्वहन किया है। आगे भी हमें समाज में बड़ी तेजी से व्याप्त हो रही विसंगतियों पर अपनी पूरी क्षमता के साथ कुठाराघात करना होगा और हम इस दिशा में कार्य करेंगे। मुख्य अतिथि के रूप में असम सरकार के आवास और शहरी मामलों के मंत्री, माननीय अशोक सिंहल  की उपस्थिति से मंच गौरवान्वित हुआ। श्री अशोक सिंहल  की उपस्थिति में सम्मेलन का ‘भंवरमल सिंघी समाज सेवा पुरस्कार’ रांची के प्रवीण समाजसेवी श्री पदम चंद जैन को तिलक, माला, श्रीफल, शाल, पगड़ी, मानपत्र, सम्मान राशि देकर राष्ट्रीय, प्रादेशिक एवं शाखा पदाधिकारियों द्वारा प्रदान करते हुए अभिनंदन किया गया। श्री अशोक सिंहल ने राष्ट्रीय सम्मेलन की निर्देशिका (2020-23) एवं पूर्वोत्तर प्रादेशिक सम्मेलन द्वारा 27वें राष्ट्रीय अधिवेशन के उपलक्ष्य में प्रकाशित स्मारिका ‘मंथन’ का विमोचन किया। श्री अशोक सिंहल  ने अपना वक्तव्य रखते हुए कहा कि हमारे पू्र्वजों ने आज की अपेक्षा कम संपन्नता रहते हुए जो समाजसेवा मूलक कार्य किया, आज हम ज्यादा संपन्न रहते हुए उसका दशांश भी नहीं कर रहे हैं। हम उनके द्वारा बनवाए गए धर्मशाला, स्कूल, अस्पताल की रख-रखाव भी नहीं कर पा रहे हैं। यह बहुत सोचनीय स्थिति है। हमें इसपर गंभीरतापूर्वक विचार कर इस दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। उन्होंने समाज की सम्पन्नता एवं क्षमता में उत्तरोत्तर वृद्धि होते हुए भी ठोस अवदान की कमी पर समाज को संज्ञान करवाया। सामाजिक दायित्वों का हमारे पूर्वजों ने जिस प्रकार निर्वहन किया उससे हमें प्रेरणा लेते हुए अपने सामाजिक अवदान हेतु आगे आने की आवश्यकता है। उन्होंने सेवामूलक कार्यों से युवाओं को जोड़ने का आह्वान किया और कहा कि हमें अपनी शक्ति, ताकत की पहचान कर नए दिशा में आगे बढ़कर कार्य करना होगा, तभी हम अपने पूर्वजों द्वारा स्थापित पहचान को कायम रख पाएंगे।

नव निर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री शिवकुमार लोहिया को पदभार हस्तांतरित करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री गोवर्धन प्रसाद गाड़ोदिया ने पुष्पहार पहनाकर दायित्व सौंपा तथा निवर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष के   पद को ग्रहण किया। राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवकुमार लोहिया ने पदभार ग्रहण करने पर अपनी जिम्मेदारी के निर्वहन में सभी के सहयोग की कामना रखते हुए निष्ठा से कार्य संचालित करने के प्रति आश्वस्त किया। श्री लोहिया ने अपने अभिभाषण में कहा कि “परिवर्तन जीवन का अकाट्य नियम है। बदलते समय के साथ समाज को भी बदलना पड़ेगा। जो स्वयं को नहीं बदल पाएंगे, उन्हें परिवर्तन जीवन के क्रम से हटाकर फेंक देगा। हमें ध्यान रखना होगा कि हम परिवर्तन के दास नहीं बने और अपने दूरदृष्टि एवं पुरुषार्थ से परिवर्तन के घोड़े की सवारी करें। परिवर्तन एक निरंतर प्रक्रिया है। भूत, वर्तमान एवं भविष्य तीनों काल में परिवर्तन का रथ गतिमान रहता है। चैतन्यता के साथ हमें इस रथ पर आरूढ़ होकर अपनी दिशा स्वयं निर्धारित करते रहना होगा। इसका कोई विकल्प नहीं है। समाज में आज नई-नई विसंगतियां, कुरीतियाँ पनप रही हैं, ऐसे मुद्दें हैं जो हमारे सामने मुँह बाये है। समाज के प्रत्येक व्यक्ति को ‘आत्म दीपो भव’ बनकर इस अंधकार को दूर करना होगा।“ उद्बोधन के उपरांत श्री लोहिया ने राष्ट्रीय महामंत्री के रूप में कैलाशपति तोदी के मनोनयन की घोषणा करते हुए उन्हें मंचासीन करवाया।

पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री संतोष सराफ ने निवर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री गोवर्धन प्रसाद गाड़ोदिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री श्री संजय हरलालका के कार्यों की सराहना करते हुए उन्हें बधाई दी और उनसे वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय महामंत्री का पूर्ण सहयोग और अभिभाविकी दृष्टि उनके कार्यों पर बनाएं रखने का निवेदन किया। उन्होंने एक मारवाड़ी हेल्पलाइन बनाने की आवश्यकता की ओर सबका ध्यान आकृष्ट करवाया। पूर्वोत्तर प्रदेशीय मारवाड़ी सम्मेलन के आतिथ्य में आयोजित २७वें राष्ट्रीय अधिवेशन को सफल बनाने पर प्रांतीय अध्यक्ष श्री कैलाश चंद काबरा, प्रांतीय महामंत्री श्री विनोद कुमार लोहिया एवं गुवाहाटी शाखा के पदाधिकारियों को बधाई दी।

 खुला सत्र एवं समापन समारोह में कल संपन्न हुई ‘विषय निर्वाचनी सभा से अनुमोदित चार प्रस्ताव (1. संविधान संशोधन, 2. मायड़ भाषा का प्रचार-प्रसार, 3. प्री-वेडिंग फोटोशूट, सड़कों पर नृत्य एवं ड्रेस कोड का विरोध 4. विवाह समारोह में मद्यपान निषेध) को रखा गया, जिसे सर्वसम्मति से पारित करते हुए सभी से अनुपालन करने एवं करवाने की व्यवस्था लेने का अनुरोध किया गया। इसके अलावा अन्य वक्ताओं ने भी अपने विचार रखे। प्रांत की ओर से धन्यवाद ज्ञापन करते हुए प्रांतीय महामंत्री श्री विनोद कुमार लोहिया एवं प्रांतीय उपाध्यक्ष मुख्यालय श्री रमेश कुमार चांडक ने सभी अतिथियों का तथा आतिथ्य में सहयोग कर्ता मारवाड़ी सम्मेलन, गुवाहाटी शाखा के सर्वश्री सुशील गोयल, प्रदीप भुवालका, दिनेश गुप्ता, अरुण कुमार अग्रवाल, शंकर बिड़ला, महेंद्र मित्तल, माखनलाल अग्रवाल, विवेक सांगानेरिया, सूरज सिंघानिया, पवन साबू, सुरेंद्र लड्ढा, प्रभाश पोदार,  गौतम शर्मा, विकास जैन, नरेंद्र सोनी, संजीव धूत, प्रवीण डागा, विजय चोपड़ा,  गौरव सिवोटीया तथा कामरूप शाखा के श्री मनोज जैन काला, श्री पवन जाजोदिया, सी.ए. रतन अग्रवाल एवं मारवाड़ी सम्मेलन, कामरूप एवं महिला शाखा की बहनों का राष्ट्रीय अधिवेशन को सफल बनाने में रचनात्मक योगदान की भूरी-भूरी प्रशंसा करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया।