संगठन का कोई विकल्प नहीं : भानीराम सुरेका

संगठन का कोई विकल्प नहीं : भानीराम सुरेका

अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन का गणतंत्र दिवस समारोह

कोलकाता — 26 जनवरी: चाहे परिवार हो, समाज या राष्ट्र, संगठित रहना आज समय की माँग है। संगठन से  कठिन कार्य भी सरल हो जाते हैं। स्वाधीनता संग्राम में जाति-धर्म-सम्प्रदाय से उपर उठकर, एकजुटता के साथ पूरा देश खड़ा हुआ, तो हमें सफलता मिली। आज राष्ट्र और समाज के विकास के लिए हम सबको संगठित प्रयास करना है। ये विचार अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भानीराम सुरेका ने 73वें गणतंत्र दिवस पर आयोजित समारोह की अध्यक्षता करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने पहले सम्मेलन के पदाधिकारियों—सदस्यों के साथ शेक्सपीयर सरणी के डकबैक हाउस स्थित केन्द्रीय कार्यालय भवन के समक्ष झंडोत्तोलन किया, तत्पश्चात् राष्ट्रीय गान हुआ और सम्मेलन सभागार में बैठक आयोजित की गई। बैठक में भानीराम सुरेका ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों के आलोक में कोरोना—राहत सेवाकार्य अत्यंत महत्वपूर्ण हैं और पूरे देश में सम्मेलन की शाखाएँ इस हेतु प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही हैं।
राष्ट्रीय अध्यक्ष गोवर्धन प्रसाद गाड़ोदिया ने राँची से सम्मेलन के सभी पदाधिकारियों एवं सदस्यों को शुभकामनाएँ प्रेषित की। उन्होंने अपने संदेश में अधिकारों के साथ—साथ अपने कर्त्तव्यों के प्रति भी सजग रहने का आह्वान किया — जहाँ अधिकारों के बिना कर्त्तव्य दासता है, वहीं दायित्वों के बिना अधिकार निरंकुशता। पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री संतोष सराफ ने कहा कि हमारे पूर्वजों ने सैकड़ों रियासतों को एक माला में पिरोकर इस देश की नींव रखी और हमारे गणतंत्र की स्थापना की। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता—प्राप्ति के बाद हमने बहुत प्रगति की है किन्तु अभी बहुत कुछ करना बाकी है। संसाधनहीन लोगों की सहायता और अमीरों तथा गरीबों के बीच की खाई को पाटने के लिए हर कदम उठाना हमारा राष्ट्रीय कर्त्तव्य है।

प्रह्लाद राय अगरवाला को पद्मश्री मिलने पर मारवाड़ी सम्मेलन ने जताई प्रसन्नता

समारोह का संचालन करते हुए राष्ट्रीय महामंत्री संजय हरलालका ने बताया कि भारत सरकार ने सम्मेलन के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रह्लाद राय अगरवाला को पद्मश्री एवं गीताप्रेस के संस्थापकों में से एक स्वर्गीय राधेश्याम खेमका को पद्मविभूषण से सम्मानित करने की घोषणा की है। सभा ने करतल ध्वनि से हर्ष व्यक्त किया और प्रह्लाद राय जी को बधाइयाँ दी। राष्ट्रीय अध्यक्ष गोवर्धन गाड़ोदिया ने भी अपने संदेश में उन्हें बधाइयाँ प्रेषित की। सांवर धनानिया ने कहा कि हर तबके को साथ लेकर चलने से समाज ने उन्नति प्राप्त की है। आत्माराम सोंथलिया ने स्वतंत्रता संग्राम में मारवाड़ियों के योगदान का स्मरण कराया। उन्होंने कहा कि अब भी राष्ट्र और समाज के समक्ष समस्याएँ हैं और समयानुसार इनका हल भी निकलेगा, हमें प्रयास करते रहना चाहिए।
पूर्व राष्ट्रीय महामंत्री शिव कुमार लोहिया ने कहा कि गणतंत्र दिवस अपने दायित्वों को समझने का अवसर है। हम देश को माँ कहते हैं तो माँ के प्रति अपने दायित्वों को समझना होगा। पश्चिम बंग सम्मेलन के अध्यक्ष नंद किशोर अग्रवाल ने कहा कि एक नागरिक के रूप में अपने दायित्वों का निवर्हन एक विचारणीय प्रश्न है। विदुषी ममता बिनानी ने कहा कि समाज से ही सब कुछ मिलता है, बदले में समाज के लिए कुछ करना हमारा नैतिक दायित्व है। संयुक्त परिवारों की घटती संख्या पर चिंता प्रकट करते हुए उन्होंने कहा कि आपसी समन्वय एवं सामंजस्य से घर, समाज या देश सफलतापूर्वक चलाया जा सकता है। जरूरी है कि हम स्वतंत्रता के साथ—साथ परस्पर—निर्भरता को भी समझें।
हिन्दुस्तान क्लब के वाइस प्रेसिडेंट नरेन्द्र तुलस्यान ने युवक—युवतियों को सम्मेलन के साथ जोड़ने की आवश्यकता पर बल दिया। किशन किला ने संविधान से प्रतिबद्धता को आवश्यक बताया। नंदलाल सिंघानिया ने कहा कि अपनी भावी पीढ़ियों को उनको कर्त्तव्यों के प्रति सचेत रखना हमारा दायित्व है। हमारी सभ्यता—संस्कृति और इतिहास का उन्हें सम्यक ज्ञान हो इसके लिए हमें हर सम्भव प्रयत्न करना चाहिए। राष्ट्रीय संयुक्त महामंत्री गोपाल अग्रवाल, के.के. सिंघानिया, केदारनाथ गुप्ता, आदि ने भी अपने संक्षिप्त विचार रखे और सभी को गणतंत्र दिवस की बधाइयाँ दी। राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष दामोदर बिदावतका ने धन्यवाद—ज्ञापन किया। समारोह में सर्वश्री पवन कुमार जालान, अरुण प्रकाश मल्लावत, अमित मूँधड़ा, बाबूलाल बंका, अनिल कुमार पोद्दार, रमेश कुमार बूबना, शंकर कारीवाल, प्रकाश किला, शंभु मोदी, संजीव केडिया, संजय शर्मा, प्रमोद गोयनका, संदीप सेक्सरिया सहित गणमान्य समाजबंधु उपस्थित थे।

अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री प्रह्लाद राय अगरवाला को राष्ट्र के 73वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर ‘पद्मश्री’ से सम्मानित करने की भारत सरकार की घोषणा के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री गोवर्धन प्रसाद गाड़ोदिया, केन्द्रीय सम्मेलन एवं पूरे देश में स्थित इसकी शाखाओं के पदाधिकारियों—सदस्यों ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए श्री अगरवाला को बधाइयाँ दी हैं और भारत सरकार का आभार व्यक्त किया है। 27 जनवरी को सम्मेलन के राष्ट्रीय पदाधिकारियों ने श्री अगरवाला से मिलकर उन्हें बधाइयाँ दी।