सांस्कृतिक विविधता के साथ 26 दिसंबर को शुरू होगा सप्ताह व्यापी हिंदी मेला

सांस्कृतिक विविधता के साथ 26 दिसंबर को शुरू होगा सप्ताह व्यापी हिंदी मेला

पत्रकारिता, नाट्य और शिक्षा क्षेत्र में विशेष योगदान करने वाली तीन सख्शियतें होंगी सम्मानित

कोलकाता, 22 दिसंबरः देश में सांस्कृतिक विविधता और अभिव्यक्ति की आजादी के पक्ष में कोलकाता का हिंदी मेला आगामी 26 दिसंबर को लघु नाटक मेला के साथ मानिकतला के राममोहन हाल में शुरू हो रहा है। 1 जनवरी तक बाकी 6 दिनों का आयोजन भारतीय भाषा परिषद में होगा। आजादी के 75 वर्ष पर एक विशेष अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी 31 दिसंबर को होगी जिसमें देश और बाहर के विद्वान भाग लेंगे। सांस्कृतिक पुनर्निर्माण मिशन द्वारा भारतीय भाषा परिषद के साथ आयोजित इस मेले का मुख्य आकर्षण इस बार विभिन्न भाषाओं के गान पर काव्य नृत्य की प्रस्तुति है। सभागार के समानांतर ऑनलाइन हिंदी मेला में देश के दूसरे राज्यों के विश्वविद्यालयों के भी विद्यार्थी बड़ी संख्या में भाग ले रहे हैं। हिंदी मेला विद्यार्थियों और नौजवानों के बीच खासतौर पर लोकप्रिय है और कोलकाता का गौरव है। यह मेले का 27वां साल है। इस बार भी यूको बैंक ने सहयोग का हाथ बढ़ाया है। सांस्कृतिक पुनर्निर्माण मिशन के अध्यक्ष डॉ. शंभुनाथ और संयुक्त महासचिव प्रो. संजय जायसवाल ने बुधवार को भारतीय भाषा परिषद में  आयोजित संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हिंदी मेला भारत में अपनी तरह का अनोखा है। यह बच्चों, विद्यार्थियों और नौजवानों के बीच साहित्य को लोकप्रियकरण बनाने का एक साझा अभियान है। इसमें पश्चिम बंगाल के विभिन्न कोनों से हर साल 3000 से अधिक बच्चे, विद्यार्थी और नौजवान भाग लेते हैं। हिंदी मेले का उद्देश्य उनके मन में हिंदी भाषा, साहित्य और उदार भारतीय संस्कृति के प्रति अनुराग पैदा करना और उनकी सृजनात्मक प्रतिभा को प्रकाश में लाना है। सांस्कृतिक पुनर्निर्माण मिशन ने यह निर्णय लिया है कि इस वर्ष युवा पत्रकार  अनवर हुसैन को ‘युगल किशोर सुकुल पत्रकारिता सम्मान’, रंगकर्मी ओम पारीक को ‘माधव शुक्ल नाट्य सम्मान’ और प्रसिद्ध लेखिका प्रो. सोमा बंद्योपाध्याय को कल्याणमल लोढ़ा शिक्षक सम्मान दिया जाएगा। संवाददाता सम्मेलन में मृत्युंजय समेत संस्था के अन्य पदाधिकारी व हिंदी मेला की विभिन्न समितियों के सदस्य उपस्थित थे।

शिक्षा के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए प्रो. सोमा बंध्योपाध्याय को कल्याणमल लोढ़ा शिक्षक सम्मान से सम्मानित किया जाएगा। प्रो. कल्याणमल लोढ़ा की कलकत्ता विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के निर्माण, कई कालेजों में हिंदी विभाग खुलवाने और हिंदी शिक्षण के प्रसार में एक बड़ी भूमिका थी। वे एक कुशल वक्ता ही नहीं बांग्ला संसार में भी सम्मानित प्रमुख मानवतावादी  शिक्षाविद थे। अपना दीर्घ कर्ममय जीवन बिताने वाले लोढ़ा जी का जन्मशती वर्ष है। इसलिए  इस बार हिंदी मेला में  ‘प्रो. कल्याणमल लोढ़ा शिक्षक सम्मान’ प्रो. सोमा बंद्योपाध्याय को प्रदान करने का निर्णय किया गया है। श्रीमती बंद्योपाध्याय  बंगाल में शिक्षण की गुणवत्ता  वृद्धि में निरंतर सक्रिय हैं और हिंदी के विकास और प्रसार में पूरी निष्ठा से लगी हुई हैं। सोमा बंद्योपाध्याय की कई कृतियाँ प्रकाशित हैं। पुरस्कार की निर्णायक समिति के अध्यक्ष हिंदी के ख्यातिप्राप्त साहित्यकार और भारतीय भाषा परिषद के निदेशक डा. शंभुनाथ ने प्रो. सोमा बंध्योपाध्याय को कल्याणमल लोढ़ा सम्मान से सम्मानित करने का निर्णय किया।

वहीं पत्रकारिता के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए ‘पैरोकार’ पत्रिका के प्रधान संपादक अनवर हुसैन को युगल किशोर सुकुल सम्मान से सम्मानित करने का निर्णय किया गया। अनवर ने  अपने 20 वर्षों से अधिक पत्रकारीय करीयर में दैनिक जागरण, प्रभात खबर और कोलकाता से प्रकाशित सांध्य दैनिक महानगर गार्जियन को अपनी अमूल्य सेवाएं दी है। 1996 में  हिंदी की मुख्यधारा की पत्रकारिता में आने के पहले उन्होंने छात्र जीवन में ही  जनसत्ता, संडे मेल और करंट पोस्टमार्टम जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ फ्रीलांस पत्रकार के तौर पर काम किया। उन्हें प्रिंट मीडिया के साथ वेब पत्रकारिता में भी विशेष महारत हासिल है। अनवर ने वैश्विक स्तर के ‘यूसी न्यूज’ एप्प के लिए 300 से अधिक समसामयिक लेख लिखे जो पुस्तककार रूप में आने वाला है। उल्लेखनीय है  युगल किशोर सुकुल हिंदी पत्रकारिता के आदि पुरुष माने जाते हैं। पंडिता युगल किशोर सुकुल ने ही 30 मई 1826 को प्रथम हिंदी समाचार पत्र ‘उदन्त मार्तण्ड’ का प्रकाशन कोलकाता से शुरू कियाा था। सांस्कृतिक पुनर्निर्माण मिशन हिंदी मेला में प्रत्येक  वर्ष  हिंदी पत्रकारिता के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए प्रखर युवा पत्रकार को सम्मानित करता है।

इस बार के हिंदी मेला में रंगकर्मी ओम पारीक को ‘माधव शुक्ल नाट्य सम्मान’ प्रदान किया जाएगा। श्री पारीक लंबे समय तक नाट्य जगत में सक्रिय रहे हैं। नाट्य श्रेत्र में उनके विशेष योगदान को देखते हुए संस्था ने इस बार हिंदी मेला में उन्हें ‘माधव शुक्ल नाट्य सम्मान’ से सम्मानित करने का निर्णय किया है। उल्लेखनीय है कि आजादी के पहले माधव शुक्ल ने अपनी नाट्य रचनाओं से ब्रितानी हुकुमत की जड़ें हिला दी थी। ब्रिटिश हुकूमत ने उन्हें जेल में भी डाला लेकिन वे अंग्रेजों के समक्ष नहीं झूके। हिंदी साहित्य में माधव शुक्ल एक नाटककार के साथ साथ कवि और अभिनेता के रूप में भी जाने जाते हैं। सीय स्वयंवर, महाभारत पूर्वाध और भामाशाह की राजभक्ति उनकी प्रमुख नाट्य कृतियां हैं। सांस्कृतिक पुनर्निमाण मिशन ने इस बार हिंदी मेला में चर्चित रंगकर्मी ओम पारीक को ‘माधव शुक्ल नाट्य सम्मान’ प्रदान करने का नियर्ण किया है।

27वें हिंदी मेले में कई सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया है – लघु नाटक, काव्य आवृत्ति, काव्य संगीत, काव्य नृत्य, आशु भाषण, हिंदी प्रश्न मंच, लोक गीत, कविता पोस्टर, मल्टीमीडिया, रचनात्मक लेखन, और चित्रांकन। इन प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले बच्चे और नौजवान निराला, प्रसाद, महादेवी वर्मा, नागार्जुन, अज्ञेय, मुक्तिबोध, हरिवंश राय बच्चन, धूमिल, सर्वेश्वर, केदारनाथ सिंह, दुष्यंत कुमार आदि की कविताओं की आवृत्ति करते हैं, उन्हें वाद्ययंत्र पर गाते हैं, उन कविताओं के भाव पर आधारित नृत्य करते हैं और पोस्टर या चित्र बनाते हैं। लोक धुनों के बाजारीकरण के समानांतर लोकगीत स्वस्थ-सांस्कृतिक उमंग के साथ गाए जाते हैं। हिंदी मेला साहित्य और कला का अंत:संबंध मजबूत करने का अभियान भी है।

यह चिंताजनक है कि उच्चत्तर उद्देश्यों को समर्पित शिक्षण-संस्थान भी पॉप कल्चर की चपेट में आ गए हैं। हिंदी मेला की सांस्कृतिक प्रतियोगिताएं पॉप कल्चर के प्रतिवाद और असहमति में खड़ी हैं। 27वें हिंदी मेले का उद्घाटन 26 दिसंबर, 2021 को होगा। 31 दिसंबर को स्वतंत्रता के 75 वर्ष की पूर्ति के अवसर पर एक अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया है, जिसका विषय है –स्वतंत्रता के 75 साल : साहित्य, संस्कृति और मीडिया। इस संगोष्ठी में मुख्य वक्ता होंगे –विजय बहादुर सिंह (भोपाल), शंभुनाथ (कोलकाता), रविभूषण (रांची), अवधेश प्रधान (वाराणसी), अजय तिवारी (दिल्ली), दामोदर मिश्र (हावड़ा), हितेंद्र पटेल (कोलकाता), सोमा बंद्योपाध्याय (कोलकाता), संतोष भदौरिया (इलाहाबाद), अंजुमन आरा (कटक), वेदरमण (मॉरीशस)। इस मेले में ‘आज का विमर्श और मेरा लेखन’ साक्षात्कार श्रृंखला के अंतर्गत अशोक वाजपेयी (दिल्ली), राजेश जोशी (भोपाल), मोहनदास नैमिशराय (मेरठ), ए. अरविंदाक्षन (कोच्चि), भगवानदास मोरवाल (दिल्ली), रणेंद्र (रांची), अनिल प्रभा कुमार (अमेरिका), अग्निशेखर (जम्मू) का साक्षात्कार प्रसारित किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि हिंदी मेला शिक्षकों, लेखकों और साहित्य प्रेमियों के आर्थिक सहयोग के साथ यूको बैंक की प्रेरणाशक्ति से आयोजित हो रहा है। इस बार भारतीय भाषा परिषद का सह-योगदान भी मिला है।