पश्चिम बंग हिंदी अकादमी ने किया काव्य आवृत्ति एवं रचनात्मक लेखन कार्यशाला का आयोजन

पश्चिम बंग हिंदी अकादमी ने किया काव्य आवृत्ति एवं रचनात्मक लेखन कार्यशाला का आयोजन
कांचरापाड़ा 8 सितम्बर:- पश्चिम बंग हिंदी अकादमी, सूचना एवं संस्कृति विभाग, पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा आयोजित ‘काव्य आवृत्ति एवं रचनात्मक लेखन’ कार्यशाला का आयोजन कांचरापाड़ा राम प्रसाद हाई स्कूल’ (आर.पी. हाई स्कूल) में किया गया। पिछले तीन वर्षों से माननीय  मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एवं हिंदी अकादमी के अध्यक्ष श्री विवेक गुप्त के प्रयासों से हिंदी भाषी बहुल क्षेत्रों में इस तरह का आयोजन किया जा रहा है।  उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे उपनिदेशक, जिला सूचना एवं संस्कृति विभाग के अधिकारी श्री पल्लव पाल, सब डिवीजनल,सूचना एवं संस्कृति अधिकारी, बैरकपुर सुश्री सुष्मिता हाती, कंचरापाड़ा आर.पी. हाई स्कूल के प्रधानाध्यापक श्री मो.कयामुद्दीन, पूर्व उप महाप्रबंधक, एम.एस.टी.सी. के लेखक समीक्षक श्री मृत्युंजय, कवि राज्यवर्धन, एवं प्रोफेसर, खिदिरपुर कॉलेज हिंदी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. इतु सिंह, आयोजन का उद्घाटन दीप प्रज्जवलित कर किया गया।
सुश्री सुष्मिता हाती जी ने अपने वक्तव्य में कहा की इस प्रकार के आयोजनों से गैर-हिंदी भाषी राज्यों में हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार के साथ-साथ हिंदी भाषी विद्यालयों के बच्चों में रचनात्मक एवं संप्रेषणात्मक भावना का विकास होगा। पढ़ने-लिखने के क्षेत्र में भी बच्चों की अभिरुचि बढ़ेगी।पश्चिम बंग हिंदी अकादमी के सदस्य डॉ. संजय जायसवाल ने संचालन करते हुए कहा पश्चिम बंग हिंदी अकादमी बंगाल में हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार एवं विकास के लिए प्रतिबद्ध है। 21वीं सदी भाषाई संकट और चुनौतियों से भरा हुआ है। आज संवेदना का ह्रास हो रहा है। ऐसे समय में कविता और रचनात्मक लेखन पर कार्यशाला का आयोजन जरूरी है।कविता के माध्यम से संवेदना और मनुष्यता के बीज बोया जा सकता है। हिंदी और बंगला संस्कृति के बीच यह प्रतिबद्धता पुल का काम करेगी।
  इस अवसर पर पश्चिम बंग हिंदी अकादमी प्रशासनिक अधिकारी श्री उत्पल पाल पश्चिम बंगाल में हिंदी और बांग्ला के प्रचार -प्रसार के लिए सदैव सहयोगी की भूमिका में है और आगे भी हम सबके साथ रहेंगे। प्रस्तुत आयोजन के कार्यशाला में काव्य आवृत्ति एवं रचनात्मक लेखन के लिए विषय विशेषज्ञ  श्री मृत्युंजय श्रीवास्तव ने कहा कि हिंदी अकादमी का यह प्रयास बंगाल में हिंदी के विस्तार का इतिहास लिख रहा है। कवि राज्यवर्धन ने कहा इस कार्यशाला से जुड़कर अच्छा लगा और उपनगरीय हिंदी भाषी प्रतिभागियों के लिए यह आयोजन एक बड़ा मंच है। इस अवसर पर कार्यशाला विशेषज्ञ के तौर पर डॉ कलावती कुमारी, डॉ. मधु सिंह, डॉ. इतु सिंह, डॉ. इबरार ख़ान, प्रो. एकता हेला, प्रो.राहुल गौड़ , डॉ. लिली शाह, मुकेश पंडित, डॉ राहुल शर्मा, श्रीमती मनीषा गुप्ता ,प्रो.आदित्य गिरी, प्रो. मंटू दास, सूर्य देव राय, सुषमा कुमारी, प्रो.विशाल कुमार साव,सिपाली गुप्ता, धीरज कुमार केशरी, डॉ सुशील कुमार पाण्डेय, रवि कुमार, देवानन्द साव, आदित्य कश्यप, अमरजीत पंडित, अमरजीत पंडित, संजय प्रसाद,असित कुमार पाण्डेय, मो. शकील अख्तर, प्रो.संजय यादव, सूरज नाथ यादव, संगीता कुमारी, डॉ. रमाशंकर सिंह उपस्थित थे। इस कार्यशाला में हुगली, हावड़ा, कलकत्ता,24 परगना के लगभग तीस शिक्षण संस्थाओं के पांच सौ बीस प्रतिभागियों ने  हिस्सा लिया।
इस कार्यक्रम के सफल आयोजन में  विकास जायसवाल , कुसुम भगत, सपना खरवार, फरहान अजीज, मधु साव, ज्योति चौरसिया, प्रगति दूबे, प्रो.नवनीता दास ,अनिल साह ने विशेष सहयोग दिया।समापन समारोह में सभी प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र प्रदान किया गया।