भारतीय भाषा परिषद में हुआ विश्वविद्यालय, कॉलेज और स्कूल के शिक्षकों का सम्मान

भारतीय भाषा परिषद में हुआ विश्वविद्यालय, कॉलेज और स्कूल के शिक्षकों का सम्मान
कोलकाता,  7 सितंबरःशिक्षा क्षेत्र की स्वायत्तता देश में शिक्षा की उन्नति के लिए जरूरी है। सही शिक्षा अच्छा नागरिक बनाती और इसी में पृथ्वी को बदलने की ताकत है। आज भारतीय भाषा परिषद में शिक्षकों के सम्मान के अवसर पर यह बात सामने आई।
आरंभ में कलकत्ता विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर डा. अमरनाथ ने कहा कि आज शिक्षा के व्यापारीकरण ने समाज में विषमता काफी बढ़ा दी है, जबकि सबके लिए समान शिक्षा की जरूरत है। रवींद्र भारती विश्वविद्यालय के प्रो. हितेंद्र पटेल ने कहा कि आज का शिक्षा परिवेश उच्च आदर्शों से विमुख है और  शिक्षक ही शिक्षा की गरिमा के रक्षक हैं। उन्होंने आगे कहा कि शिक्षा को आज के समाज की चिंताओं से जोड़ना होगा। साथ ही उन्होंने आज देश में चल रहे तीन तरह के इंडिया की बात की।
भवानीपुर एजुकेशन सोसाइटी कालेज के प्रो. दिलीप शाह ने एक कोण से बात रखते हुए कहा कि सोशल मीडिया शिक्षा का एक समानांतर प्लेटफार्म बन रहा है। जमाना बदल गया है, अब सारे लेक्चर वेबसाइट पर हैं। इन स्थितियों में शिक्षक के सामने चुनौती है कि वह कैसे अपनी सार्थकता नए सिरे से प्रमाणित करें। आज टेक्नोलॉजी से कटकर रहें तो हम बहुत पीछे छूट जाएंगे।
अध्यक्षीय वक्तव्य रखते हुए डा. शंभुनाथ ने कहा  कि शिक्षा का लक्ष्य तकनीकी समृद्धि के साथ भावनात्मक समृद्धि भी है। आने वाले दिनों में स्मार्ट क्लास से भी आगे बढ़कर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के रोबोट क्लास लेंगे, पर मशीन मनुष्य को मशीन ही बनाएगी, जबकि शिक्षक मनुष्य को बेहतर मनुष्य बनाता है। आज जरूरत शिक्षकों के गहन आत्मनिरीक्षण की है।
प्रो. राजश्री शुक्ल ने संचालन करते हुए कहा कि भारतीय भाषा परिषद का यह सम्मान समारोह समाज में  शिक्षक के महत्व को बताना और उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करना है।
सम्मानित होने वाले शिक्षकों में वरिष्ठ शिक्षक डॉ भोला प्रसाद सिंह ने कहा कि सफल शिक्षक वही है जो छात्रों में विषय के प्रति जिज्ञासा पैदा कर सके। डॉ शिवनाथ पांडे ने कहा कि हर शिक्षक को अपने कार्य के प्रति निष्ठावान रहना चाहिए तभी वह एक सफल शिष्य का निर्माण कर सकते हैं।  डॉ. अजय राय ने कहा कि बच्चों को संगीत से बांध कर कविता को पढ़ाई जाऐ तो उन्हें कविता का मर्म जल्द समझ में आ जाता है।
पुरस्कार समारोह का संचालन करते हुए प्रो. संजय जायसवाल ने कहा शिक्षक हमारे समाज की रीढ़ हैं, जिसे मजबूत करना है। सम्मानित होने वाले सभी शिक्षकों का परिचय भी श्रोताओं से करवाया। अंत में धन्यवाद ज्ञापन दिया परिषद के वित्त सचिव घनश्याम सुगला जी ने।