विद्यासागर विश्वविद्यालय में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन

विद्यासागर विश्वविद्यालय में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन
 मिदनापुर, 13 जून।विद्यासागर विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग की ओर से विभागीय सभाकक्ष में एक सांस्कृतिक कार्यक्रम और विदाई समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर काव्य पाठ, काव्य आवृत्ति,काव्य नृत्य और काव्य संगीत का आयोजन हुआ और चतुर्थ सेमेस्टर के विद्यार्थियों को  स्मृति चिह्न प्रदान किया गया।इस अवसर पर स्वागत वक्तव्य देते हुए विभागाध्यक्ष डॉ. प्रमोद कुमार प्रसाद ने कहा कि सांस्कृतिक आयोजनों से बच्चों में रचनात्मक क्षमता का विकास होता है। प्रो. दामोदर मिश्र ने कहा कि छात्र विश्वविद्यालय के ही नहीं, राष्ट्र के ही नहीं बल्कि पूरी मानव जाति की संपदा है। डॉ. संजय जायसवाल ने कहा कि रचनात्मकता एवं ज्ञान से हम सिर्फ अपने व्यक्तित्व का ही विकास नहीं करते बल्कि सामाजिक प्रगति में सहायक होते हैं। संस्कृति एवं सामाजिकता ही हमारी प्रगति के मूल तत्व हैं।डॉ. श्रीकांत द्विवेदी ने कहा कि साहित्य का संबंध हमारे मन के परिष्करण से है। हम जितना ज्यादा साहित्य से जुड़ते हैं, उतना ही ज्यादा परिष्कृत होते हैं। डॉ. रेणु गुप्ता ने कहा कि सीखना एक अविराम यात्रा है। हम संस्थान के बाहर भी बहुत कुछ सीखते हैं और डॉ. मधु सिंह ने कहा कि शिक्षा ही स्त्री-मुक्ति का मार्ग है। लड़कियों को तमाम चुनौतियों एवं बाधाओं के बीच भी अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रयत्नशील रहना चाहिए।
इस अवसर पर पंकज सिंह, राया सरकार और श्रेया सरकार ने काव्य संगीत प्रस्तुत किया तथा नेहा शर्मा, नाजिया सनवर ने काव्य पाठ ,स्वीटी यादव,राया सरकार और लक्ष्मी यादव ने काव्य नृत्य तथा निशा कुमारी, नम्रता, सत्यम पटेल, रोजी परवीन, पूनम मेहता,मधु साव, फिजा खातून,प्रिया कुंभकर,प्रीति तांती, पूजा कुमारी, सिंपल, संगीता बिंद, मारिया फ्रांसिस, नीशु कुमारी और लक्ष्मी यादव ने काव्य आवृत्ति किया।कार्यक्रम के सफल संयोजन में संजना गुप्ता, प्रेरणा धर,सृष्टि गोस्वामी, रिंकी कुमारी,मुजाहिद ने विशेष सहयोग दिया। कार्यक्रम का सफल संचालन लक्ष्मी यादव और त्रिना दास  ने किया।