कोलकाताः भारत सरकार के माननीय केंद्रीय मंत्री, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी, श्री परषोत्तम रूपाला जी विश्व बांग्ला कन्वेंशन सेंटर, कोलकाता में 23 फरवरी 2024 को 13वें इंडियन फिशरीज एण्ड एक्वाकल्चर फोरम का उद्घाटन करेंगे। माननीय केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी, श्री परषोत्तम रूपाला जी, भाकृअनुप-केंद्रीय अन्तर्स्थलीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान (ICAR-CIFRI), बैरकपुर, कोलकाता द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित 13वें भारतीय मत्स्य पालन और एक्वाकल्चर फोरम (13वें IFAF) का उद्घाटन उत्कृष्ट सुविधाओं से सज्जित विश्व बांग्ला कन्वेंशन सेंटर, कोलकाता में करेंगे। इस फोरम को संयुक्त तौर पर एशियन फिशरीज सोसायटी, भारतीय शाखा (AFSIB), मैंगलोर, कर्नाटक; इनलैंड फिशरीज सोसायटी ऑफ इंडिया (IFSI), बैरकपुर, कोलकाता; भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR), नई दिल्ली तथा प्रोफेशनल फिशरीज ग्रेजुएट्स फोरम (PFGF), मुंबई; मत्स्य पालन विभाग, पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा दिनांक 23-25 फरवरी 2023 तक आयोजित होगी।
देश के लाखों लोगों के लिए मत्स्य पालन और जलीय कृषि भोजन, पोषण, आय और आजीविका का एक महत्वपूर्ण स्रोत है और मछली में उपस्थित प्रोटीन उत्कृष्ठ और आसानी से उपलब्ध जन्तु प्रोटीन का एक किफायती और उत्तम स्रोत माना जाता है। यह क्षेत्र प्राथमिक स्तर पर 25 मिलियन से अधिक मछुआरों और मछली किसानों को आजीविका प्रदान करता है। भारत विश्व में तीसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादक देश और जलीय कृषि उत्पादन में दूसरा सबसे बड़ा देश माना जाता है। वैश्विक तौर पर हमारे देश का मछली उत्पादन में योगदान कुल अन्तर्स्थलीय मछली उत्पादन का लगभग 16% और समुद्री मछली उत्पादन का 5% है।
यह सम्मेलन मत्स्य पालन और जलीय कृषि क्षेत्रों के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण प्रदान करेगा, ताकि किसानों के सतत और स्थायी आय वृद्धि के लिए मत्स्य पालन, मछली पकड़ और मत्स्य विपणन संबंधी रणनीतियों को तैयार करने में विभिन्न हितधारकों के बीच बेहतर तालमेल बैठाया जा सके। इस सम्मेलन से देश में दूसरी नीली क्रांति को हासिल करने संबंधित दिशानिर्देश और प्रोत्साहन पर भी चर्चा हो सकेगी। साथ ही, मात्स्यिकी अनुसंधान, प्रौद्योगिकी, वाणिज्य, नीति निर्देश, महिला सशक्तिकरण, सामाजिक उत्थान और सतत विकास पर सभी संभावित पहलुओं पर तकनीकी सत्र, व्याख्यान, कॉन्क्लेव, सैटेलाइट संगोष्ठी विचार-विमर्श के माध्यम से किया जाएगा। सम्मेलन में विभिन्न संगठनों द्वारा विकसित प्रौद्योगिकियों को प्रदर्शित की जाएगी। इस सम्मेलन में देश के विख्यात वैज्ञानिक, महिला उद्यमी, मछुआरे और मछली किसान, मत्स्य विभाग के अधिकारी, उद्योगपति और छात्र सहित राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लगभग 1500 प्रतिनिधि भाग लेंगे।