जीवन की सच्चाई से रूबरू कराता है लेखनः सीताराम शर्मा

जीवन की सच्चाई से रूबरू कराता है लेखनः सीताराम शर्मा

हिंदी अकादमी के सभागार में हुआ मेरी कलम मेरे पन्ने का लोकार्पण

अनवर हुसैन

कोलकाता, 1 नवंबरः वरिष्ठ लेखक, समाज चिंतक और राजनीतिक विश्लेषक सीतारम शर्मा ने कहा है कि लेखन हमें जिंदगी की सच्चाई से रूबरू कराता है। लेखन किसी भी मुद्दे पर सोचने के लिए बाध्य करता है और ज्ञान भी अर्जित कराता है। श्री शर्मा ने मंगलवार को पश्चिम बंग हिंदी अकादमी में अपनी सद्य प्रकाशित पुस्तक “मेरी कलम मेरे पन्ने” के लोकार्पण समारोह में यह बातें है। उन्होंने इस मौके पर अपने जीवन के अनुभव, पत्रकारिता, राजनीति, समाज और अपनी लेखनी पर खुल कर बातें की। उन्होंने कहा कि शुरूआती दौर में पत्रकारिता से जुड़ना उनके जीवन का निर्णायक मोड़ साबित हुआ। जिस उम्र में एक युवक मौज मस्ती की बारे में सोचता है उस 17-18 वर्ष की उम्र में उन्होंने कलम पकड़ी थी। बाद में जीवन यापन के लिए भले ही व्यवसाय के क्षेत्र में उन्हें जाना पड़ा। लेकिन लेखन से वह कभी दूर नहीं हुए। राजनीति, समाज और आस-पास में घटती घटनाओं पर विचार करते और अपने लेखन का विषय बनाते रहे। इस तरह उनकी लेखकीय यात्रा निरंतर जारी रही। श्री शर्मा ने कहा कि उन्होंने अपने जीवन में मित्रता को बड़ा महत्व दिया। अच्छे मित्र बनाए। उनका मानना है कि जस तरह पुस्तक से अच्छा कोई मित्र नहीं होता उसी तरह लेखन से भी अच्छा कोई मित्र नहीं होता। लेखन से उन्होंने बहुत कुछ सिखा और जाना है। शब्द जाने अजाने बहुत कुछ सोचने-समझने पर मजबूर कर देते हैं। पत्रकारिता और राजनीति से उनका गहरा लगाव रहा है। कुछ अच्छे राजनेताओं के संपर्क में आकर वे उनसे प्रभावित हुए। लेकिन आज राजनीति के क्षेत्र में बहुत गिरावट आई है। राजनीति अब मिशन नहीं रही।

पश्चिम बंग हिंदी अकादमी के चेयरमैन विवेक गुप्ता ने कहा कि अकादमी के सभागार में सीताराम शर्मा की पुस्तक का लोकार्पण कराने में उन्हें बड़ी खुशी हुई। वह सभी अतिथियों को हिंदी अकादमी की ओर से धन्यवाद देते हैं। आने वाले दिनों में हिंदी पुस्तकों के लोकार्पण से लेकर साहित्यिक गोष्ठियां और हिंदी के लेखकों की पुस्तकों पर परिर्चा आदि शुरू कराने की भी उनकी योजना है। उन्होंने हिंदी अकादमी में पहली बार इस तरह की ढांचागत सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के प्रति आभार व्यक्त किया। पश्चिम बंग हिंदी विश्वविद्यालय के कुलपति दामोदर मिश्रा ने सीताराम शर्मा के लेखन कर्म पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि करीब एक दर्जन पुस्तकों के रचयिता सीतराम शर्मा को हिंदी अंग्रेजी दोनो भाषाओं में महारत हासिल है। ऐसी विलक्षण प्रतिभा बहुत कम लेखकों में होती है।

इस मौके पर उद्योगपति व समाजसेवी हरिमोहन बांगड़, वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी राजेश कुमार और वैचारिकी पत्रिका के संपादक बाबूलाल शर्मा ने भी अपने विचार व्यक्त किए। सभी वक्ताओं ने सीताराम शर्मा के दीर्घायु होने की कामना की और समाज हित में उनसे लेखनी जारी रखने के लिए आग्रह किया। हिंदी अकादमी के सदस्य रावेल पुष्प ने धन्यवाद ज्ञापन किया। लोकार्पण समारोह में जेके सराफ और शिव कुमार लोहिया समेत अन्य विशिष्ट व्यक्ति, बुद्धिजीवी व पत्रकार उपस्थित थे।