सभी धर्मों का समन्वय करना होगा – जस्टिस श्यामल सेन
कोलकाता : 127 वर्ष के गृही संन्यासी पद्मश्री स्वामी शिवानंद को महानगर में आयोजित एक समारोह में सम्मानित किया गया। इसके साथ ही 9 पुस्तकों का लोकार्पण भी किया गया । समारोह में उपस्थित स्वामी शिवानंद ने अपनी शुभकामनाएं प्रेषित कीं। मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित पं. बंगाल के पूर्व राज्यपाल जस्टिस श्यामल कुमार सेन ने सर्वधर्म सद्भाव पर जोर दिया । उन्होंने कहा कि आज के युग में भले ही हमारे पास भौतिक सुख बहुत हैं पर हम मूल्यबोध खो रहे हैं, इसे बचाने की जरूरत है और इसके लिए सभी धर्मों का समन्वय करना होगा । भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव राहुल सिन्हा ने कहा कि योग चर्चा से ही रोग मुक्ति सम्भव है और स्वामी शिवानंद ने जीवन भर इस दिशा में कार्य किया है। हम सभी को योग, आयुर्वेद जैसी परम्पराओं का प्रसार करना चाहिए। कैथेड्रल चर्च के प्रो वॉयसर फादर फ्रैंकलिन मेंजिस ने कहा कि हमें भारतीय परम्पराओं पर गर्व होना चाहिए और इसका प्रसार भी करना चाहिए ।
रामकृष्ण कथामृत भवन के स्वामी सिद्धेश्वरानंद ने कहा कि त्याग में ही आनंद है और मानव सेवा में ही मुक्ति है। रामकृष्ण परमहंस, माँ शारदा और स्वामी विवेकानंद के पथ पर चलकर हम पूरे विश्व में मानवता का प्रसार कर सकते हैं और वसुधैव कुटुम्बकम की भावना को आगे बढ़ा सकते हैं । इंटरनेशनल वेदान्त सोसायटी के स्वामी अच्युतानंद ने कहा कि शांत रहकर ही शांति स्थापित की जा सकती है । आईसीसीआर के पूर्व निदेशक गौतम दे ने कहा कि संस्कृति लोगों तक पहुँचने का सर्वश्रेष्ठ तरीका है । वीर चक्र विजेता कर्नल एस. के. पुरी ने कहा कि परम्पराओं को लुप्त नहीं होने देना चाहिए ।
समारोह में 9 पुस्तकों एवं आराधना नामक सीडी का लोकार्पण किया गया । इन 9 में 6 पुस्तकों का बांग्ला से हिन्दी अनुवाद गायत्री चक्रवर्ती ने किया है । इन पुस्तकों में असीम कृष्ण पाइन द्वारा लिखित ‘दैवी कृपा से रोगमुक्ति व समस्या का समाधान’ (स्वामी शिवानंद की जीवनी), डॉ. सुशील भट्टाचार्य द्वारा लिखित ‘अनन्य व्यक्तित्व के अधिकारी पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी’ एवं ‘आदरणीय व्यक्तित्व श्यामल कुमार सेन’, समीर कुमार घोष द्वारा लिखित ‘आमार आमि’ (चण्डीदास घोष की जीवनी) , शौमिक राहा की पुस्तक ‘जगद्जननी श्री माँ शारदा ‘, अमृतेन्द्र हाइत का काव्य संग्रह ‘अन्य स्वाद’, का लोकार्पण किया गया । इसके अतिरिक्त गायत्री चक्रवर्ती द्वारा रचित ‘वास्तु के 45 देवता’, ‘नवकाव्य मंजरी’ ( पूर्व राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी के संचयिता काव्य संग्रह से कुछ कविताओं का हिन्दी से बांग्ला अनुवाद) एवं ‘किछु कोविता, किछु गान’ का लोकार्पण भी किया गया । इसके साथ ही इस अवसर पर आराधना नामक सीडी का लोकार्पण भी किया गया। इसमें प्रो. डॉ. सुजय कुमार विश्वास, अमिताभ चक्रवर्ती, सौमी मजुमदार, सुमित राय ने आवाज दी है। गीत पूर्व राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी, गायत्री चक्रवर्ती, सुमित राय के हैं। संगीत सुमित राय, अशोक दास एवं अमृतेन्द्र हाइत के हैं। इस सीडी का विपणन आशा ऑडियो द्वारा किया जा रहा है। इस अवसर पर बच्चों द्वारा योग प्रदर्शन किया गया एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुए ।