राजस्थानी-हिंदी भाषा के प्रख्यात लेखक चेतन स्वामी का अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन ने सोमवार को सम्मेलन के केंद्रीय कार्यालय, कोलकाता में अभिनंदन, सम्मान किया। इस अवसर पर सम्मेलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिव कुमार लोहिया ने कहा कि चेतन स्वामी के भाषा के प्रति लगन के कारण राजस्थानी भाषा आंदोलन को गति मिला है। श्री लोहिया ने आगे कहा की चेतन स्वामी द्वारा २० वर्ष की उम्र में लिखी पहली कविता संग्रह ‘सवाल’ काफी लोकप्रिय रही हैं। श्री स्वामी का सम्मान करके हम अपने को सम्मानित महसूस कर रहे हैं।
राष्ट्रीय महामंत्री कैलाशपति तोदी ने कहा कि चेतन स्वामी का राजस्थानी और हिंदी भाषा साहित्य पर समान रूप से अधिकार है, उन्होंने आगे कहा कि श्री स्वामी लेखक के साथ ही साथ एक भाषा आंदोलनकारी भी हैं।वित्त समिति के चेयरमैन आत्माराम सोंथलिया ने चेतन स्वामी को दुपट्टा एवं प्रसिद्ध उद्योगपति जुगल किशोर जाजोदिया ने शॉल ओढ़ाकर सम्मान किया।
श्री स्वामी की अब तक राजस्थानी भाषा में चार कहानी संग्रह ‘आंगणै बिचाळै भींतां’, ‘किस्तूरी मिरग’, ‘उल्टो उमाराम’, ‘म्हांरी चिडकोली’, दो कविता संग्रह ‘सवाल’, ‘चितार’, दो निबंध संग्रह ‘इंदरधनख’, ‘निरख-परख’ सहित हिंदी में कई पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। आपने अनुवाद और संपादन का महत्वपूर्ण कार्य भी किया है। सम्मेलन पदाधिकारियों से श्री स्वामी ने राजस्थानी भाषा और साहित्य के विकास एवं प्रचार-प्रसार पर गंभीर चर्चा की। इस अवसर पर पवन बंसल, राजीव लोढ़ा, जगदीश प्रसाद सिंघी एवं अन्य उपस्थित थे।