कोलकाता/मिदनापुर, 10 जनवरी 2024ः विद्यासागर विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग की ओर से ‘विश्व हिंदी दिवस’ के अवसर पर ‘अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हिंदी’ विषय पर परिचर्चा एवं काव्यपाठ का आयोजन किया गया। स्वागत वक्तव्य देते हुए विभागाध्यक्ष डॉ. प्रमोद कुमार प्रसाद ने कहा कि राजभाषा होने के बावजूद भी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हिंदी स्वयं को स्थापित करने के लिए दोहरे संघर्ष को झेल रही है।
विद्यासागर विश्वविद्यालय के संथाली विभाग के प्रो. रतन हेमब्रम ने कहा भारत धर्म निरपेक्ष देश है। हिंदी आज जाति विशेष की भाषा न होकर जनसमूह विशेष की भाषा है जिसे राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार किया जा रहा है। डॉ. संजय जायसवाल ने कहा हिंदी का डिजिटलीकरण हो रहा है फिर भी टूल बेस्ड ट्रांसलेशन, सिस्टम सॉफ्टवेयर का अभाव है। तकनीकी क्षेत्र में हिंदी को अभी वह तमाम सुविधाएं नहीं मिली है जो अंग्रेजी और रोमन लिपि के लिए उपलब्ध है।हिंदी की वैश्विक स्वीकार्यता बढ़ी है बावजूद इसके हिंदी को ज्ञान न,विज्ञान और रोजगार से जोड़ने की जरूरत है परिचर्चा में विभाग के शोधार्थी उष्मिता गौड़, मदन शाह और शशिप्रभा ने भी हिस्सा लिया। इस अवसर पर शोधार्थी टीना परवीन, सृष्टि गोस्वामी, संजना कुमारी गुप्ता, बेबी सोनार, प्रेरणा धर, प्रसन्ना सिंह, प्रिया गुप्ता, ऋतु कुमारी, आरती शंकर,नीशु कुमारी ,स्नेहा शर्मा ने काव्यपाठ किया। अध्यक्षीय भाषण देते हुए हिंदी विश्वविद्यालय के प्रथम कुलपति प्रो. दामोदर मिश्र ने कहा शासकीय,सांस्कृतिक,शैक्षिक और व्यापारिक प्रयोजन के बिना भाषा का प्रचार-प्रसार नहीं हो सकता।हिंदी को विश्व स्तर पर प्रतिष्ठित करने के लिए उन्होंने नेताजी सुभाष चंद्र की भूमिका का भी उल्लेख किया। डॉ. श्रीकांत द्विवेदी ने कहा इस तरह के आयोजनों से जुड़ कर युवा पीढ़ी हिंदी भाषा के विकास में अपनी भूमिका निर्धारित कर सकती है। कार्यक्रम का संचालन शोधार्थी सुषमा कुमारी ने किया।
खुदीराम बोस सेंट्रल कॉलेज के हिंदी विभाग की ओर से विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर एक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर कॉलेज की टीआईसी डॉ. शुभ्रा उपाध्याय ने कहा कि आज हिंदी तकनीक से जुड़कर पूरे विश्व में अपने को स्थापित कर रही है। सभी को हिंदी का अधिक से अधिक प्रयोग कर उसके विकास में अपना सहयोग देना चाहिए। इस अवसर पर बेबी साहनी, सिमरन सिंह, रिया सिंह, मोहम्द मोहरम, सरिता कुमारी, जय प्रकाश साहा ने काव्य पाठ किया। कार्यक्रम का सफल संचालन करते हुए डॉ मधु सिंह ने विश्व हिंदी दिवस के थीम की सार्थकता पर कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा को वैश्विक स्तर पर विस्तार देने के लिए तकनीकी तौर पर हिंदी को सक्षम बनाने की जरूरत है।आज हिंदी को वैश्विक पहचान मिलना महत्वपूर्ण घटना है।
धन्यवाद ज्ञापन देते हुए अमित कौर ने कहा कि हमें हिंदी का अधिकाधिक प्रयोग करना चाहिए।हमारे प्रयोग और प्रोत्साहन से ही हिंदी को विस्तार मिल पाएगा