शिव कुमार लोहिया की पुस्तक ‘लेशन्स ऑफ लाइफ’ का हुआ लोकार्पण

शिव कुमार लोहिया की पुस्तक ‘लेशन्स ऑफ लाइफ’ का हुआ लोकार्पण

कोलकाता, 14 जनवरीः मनुष्य जितनी भी शिक्षा प्राप्त कर ले, सबसे बड़ा शिक्षक स्वयं उसका जीवन होता है। मनुष्य जीवन में अनेक प्रकार की परिस्थितियों का सामना करता है। उन सब का सामना अगर वह दृढ़ता, धैर्य एवं अभ्यास से करें तो वह बहुत कुछ हासिल कर सकता है। मैंने अपनी जिंदगी को चेतन्यता के साथ जीने की कोशिश की है। इस संबंध में मेरे अनुभव को मैंने अपनी पुस्तक में पाठकों के साथ साझा किया है। यह बातें कही समाजसेवी एवम लेखक शिव कुमार लोहिया ने जोकि अपनी पुस्तक लेशंस आफ लाइफ’ के विमोचन समारोह में शहर के प्रसिद्ध साहित्य प्रेमी राजू रमन के साथ एक बातचीत में कह रहे थे। पैरोकार पब्लिकेशनन्स से प्रकाशित पुस्तक के लोकार्पण समारोह की अध्यक्षता करते हुए सेंट जेवियर्स विश्वविद्यालय के उपकुलपति डॉ फेलिक्स राज ने कहा, पुस्तक मे लोहिया ने जीवन के अनेक पहलुओं पर प्रकाश डाला है। पुस्तक मे पाठकों के जीवन मे काम आने वाले सुझावों का सरल विश्लेषण किया गया है। मनुष्य एक आध्यात्मिक प्राणी है जो कि शरीर धारण किया है। दुख की बात है कि हम जीवन के आध्यात्मिक पक्ष की अनदेखी करते हैं । प्रधान अतिथि राज्यसभा सांसद जवाहर सरकार ने लोहिया को उनकी पुस्तक के लिए बधाई देते हुए कहा कि जीवन को मूल्यवान बनाने के विषय में पुस्तक में विशेष चर्चा की गई है। इसे पढ़कर पाठक अवश्य ही लाभांवित होंगे। समाज में आज तलाक के मामले सहित अनेक समस्याएं जोर पकड़ रही हैं। इन सब का हल हम हमारे जीवन शैली और सोच में आवश्यक बदलाव करके ही कर सकते है। अंतरराष्ट्रीय संस्थान रोटरी इंटरनेशनल के निवर्तमान सभापति शेखर मेहता ने कहा कि पुस्तक में जीवन के विषय में जो भी चर्चा की गई है वह पाठकों के लिए सरल रूप से ग्राह्य है।  यह पुस्तक  सार्थक जीवन जीने के लिए प्रेरित ही नही करती है बल्कि रास्ता भी सझाती है।  धन्यवाद ज्ञापन शंकर रामालिंगम ने किया। प्रथम में सोमा जयसवाल ने अतिथियों का स्वागत किया एवं कार्यक्रम का कुशल संचालन किया। समारोह  मे शहर के गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे जिनमें हरिप्रसाद बुधिया, एनजी खेतान, सावर धनानिया, संतोष सराफ, किशन केजरीवाल, राजू खंडेलवाल, प्रदीप अग्रवाल, मोनिका गोयल, अमिताभ मोहन, विश्वम्भर नेवर, रतन शाह,  आत्माराम सोंथलिया, कृष्ण कुमार लोहिया,  संजय हरलालका आदि शामिल है । इस पुस्तक के विषय में अनेकों विद्वानों ने अपने सकारात्मक विचार व्यक्त किए हैं जिनमें स्वर्गीय केसरीनाथ त्रिपाठी भूतपूर्व राज्यपाल पश्चिम बंगाल, अवकाश प्राप्त मुख्य न्यायाधीश   रमेश चंद्र लाहोटी, सर्वोच्च न्यायालय, श्री हरिवंश उप सभापति राज्यसभा, स्वामी गोविंद देव गिरी जी महाराज कोषाध्यक्ष अयोध्या राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र, शुभप्रसन्ना,सुप्रसिद्ध रंग कर्मी आदि शामिल है।