“स्वाधीनता के 75 वर्षों में भारत में विज्ञान और प्रौद्योगिकी का विकास”
कोलकाता, 1 अगस्तः भाकृअनुप-केन्द्रीय अन्तर्स्थलीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान (सिफरी), कोलकाता तथा भारतीय विज्ञान कांग्रेस संस्था, कोलकाता के समन्वित प्रयास से सिफरी मुख्यालय, बैरकपुर, कोलकाता में दिनांक 29-30 जुलाई एक हिन्दी संगोष्ठी आयोजित की गई जिसका विषय था- “स्वाधीनता के 75 वर्षों में भारत में विज्ञान और प्रौद्योगिकी का विकास” । यह कार्यशाला आज़ादी का अमृत महोत्सव वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित किया जिसका उद्देश्य देश में विगत 75 वर्षों में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विकास को दर्शाना तथा अंतर्स्थलीय मत्स्य पालन क्षेत्र में नवीनतम अनुसंधान और विकास योजनाओं और प्रौद्योगिकियों पर प्रकाश डालना है। इस संगोष्ठी का उद्घाटन दिनांक 29 जुलाई को सिफरी मुख्यालय, बैरकपुर में हुआ जिसमें भारतीय विज्ञान कांग्रेस संस्था, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, नई दिल्ली, नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति (नराकास), कोलकाता (कार्यालय-2), कोल इंडिया जैसे प्रतिष्ठित संगठनों के गणमान्य उच्चाधिकारीगण, वैज्ञानिक और शोध छात्रों ने भाग लिया।
उद्घाटन समारोह में, श्रद्धेय स्वामी विश्वमयानन्द जी महाराज, रामकृष्ण मिशन, सारगाछी, मुर्शिदाबाद ने विज्ञान एवं भारतीय दर्शन शास्त्र पर एक व्याख्यान दिया। इस समारोह की मुख्य अतिथि, डॉ (श्रीमती) विजयलक्ष्मी सक्सेना, महाध्यक्ष, भारतीय विज्ञान कांग्रेस संस्था, कोलकाता ने अपने सम्बोधन में सिफरी के कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि उनका जुड़ाव इस संस्थान से लंबे समय से है।
संस्थान के निदेशक, डॉ. बसंत कुमार दास ने पारंपरिक कृषि पर एक व्याख्यान दिया। दिनांक 30 जुलाई 2022 को श्री राजेश कुमार साव, उप-प्रबंधक (राजभाषा), कोल इंडिया लिमिटेड, कोलकाता ने आजादी 75 वर्षों में वैज्ञानिक क्षेत्र के विकास पर प्रकाश डाला।इस संगोष्ठी में दो प्रतियोगितायें – निबंध तथा आशुभाषण आयोजित की गई जिनमें सिफरी, भारतीय विज्ञान कांग्रेस संस्था के साथ अनेक कार्यालयों ने भाग लिया और विजेताओं को पुरस्कृत भी किया गया।