हिंदी के विकास में मीडिया की भूमिका अहमः अनवर हुसैन

हिंदी के विकास में मीडिया की भूमिका अहमः अनवर हुसैन

डीवीसी, डीएसटीपीएस में राजभाषा कार्यशालाएँ व नकद पुरस्कार वितरण संपन्न

दुर्गापुरः वरिष्ठ पत्रकार व लेखक अनवर हुसैन ने कहा है कि हिंदी के विकास में मीडिया का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। हिंदी साहित्य के डेढ़- दो हजार वर्षों का इतिहास देखने से पता चलता है कि हिंदी अपने प्रारंभिक काल में काव्य व साहित्य की भाषा थी। लेकिन आजादी मिलने के बाद  हिंदी जिस तरह साहित्य के सीमित क्षेत्र से निकलकर  ज्ञान विज्ञान की भाषा बनी उसमें मीडिया का अहमद योगदान है। श्री हुसैन ने दामोदर घाटी निगम, दुर्गापुर इस्पात ताप विद्युत केन्द्र, अंडाल द्वारा राजभाषा हिंदी के विकास में मीडिया के योगदान शीर्षक से आयोजित कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में बतौर अतिथि संकाय सदस्य अपने व्याख्यान में यह बातें कही। उन्होंने कहा कि प्रारंभ में साहित्यिक पत्रकारिता से लेकर बाद के  पेशेवर पत्रकारिता और अब डीजिटल युग में भी मीडिया हिंदी को समृद्ध कर रहा है। रेडियो, समाचार पत्र, इलेक्ट्रानिक तथा डिजीटल मीडिया से लेकर सिनेमा तक जितने भी जन संचार के माध्यम है, वे सभी हिंदी के विकास में अपनी महती भूमिका निभा रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि डीएसटीपीएस, अंडाल, दुर्गापुर – दामोदर घाटी निगम, दुर्गापुर इस्पात ताप विद्युत केन्द्र, अंडाल राजभाषा हिंदी के प्रसार, विकास और समृद्धि के लिए काफी प्रयासरत है। राजभाषा कार्यान्वयन के इन्हीं प्रयासों की कड़ी में वर्ष 2022-23 के दौरान चार अदद पूर्ण दिवसीय राजभाषा हिंदी कार्यशालाओ का लक्ष्योन्मुखी आयोजन किया गया।  दो दिवसीय इस आयोजन का उद्घाटन श्री सुधीर कुमार झा, मुख्य अभियंता-। एवं परियोजना प्रधान तथा श्री मनोज कुमार ठाकुर, मुख्य अभियंता (ओ व एम) सहित उप मुख्य अभियंता श्री शिवानन्द सिंह व श्री अक्षय कुमार ने किया। अतिथि संकाय सदस्य श्री अनवर हुसैन ( स्टेट ऐडेड कॉलेज टीचर, सरोजिनी नायडू कॉलेज फर वीमेन) ने राजभाषा हिंदी के विकास में मीडिया के योगदान पर अपना सारगर्भित व्याख्यान दिया। उन्होंने अपने व्याख्यान में आदि काल से लेकर हिंदी की वर्तामान और वैश्विक स्थिति पर विस्तार से प्रकाश डाला। कार्यक्रम की शुरू दामोदर घाटी निगम के वरिष्ठ अधिकारियों और अतिथियों द्वारा मंगलदीप प्रज्ज्वलित करने के साथ शुरू हुई। इस मौके पर संकाय सदस्य श्री हुसैन को परियोजना की ओर से ‘राजभाषा प्रशस्ति-फलक’ प्रदान कर सम्मानित किया गया। अपने उद्घाटन भाषण में परियोजना प्रधान श्री झा ने उपस्थित कार्यालय प्रधानों, वरिष्ठ अधिकारियों एवं कर्मचारियों को संबोधित करते हुए बताया कि हिंदी सहज एवं मधुर भाषा है। आज यह सर्वत्र प्रकाशमान है। उन्होंने अधिकांशतः कार्यालयीन कार्यो को हिंदी भाषा में ही निपटाए जाने पर बल दिया। उन्होंने बताया कि पहले हिंदी में कार्य करने में उत्पन्न झिझक को दूर करने की आवश्यकता है एवं इन कार्यशालाओं का  मुख्यउद्देश्य भी यही है। मुख्य अभियंता (ओ व एम) श्री ठाकुर ने अपने संबोधन में हिंदी के प्रगामी प्रयोग पर जोर देते हुए आयोजित कार्यशालाओं की सफलता की कामना की। उपस्थित मंडली का स्वागत करते हुए हिंदी अधिकारी श्री इस्माईल मियाँ ने प्रत्येक कार्यशाला को संचालित किया।

राजभाषा हिंदी के विकास में मीडिया का योगदान’ विषयांतर्गत 28.03.23को आयोजित प्रथम कार्यशाला में परियोजना के सभी विभागाध्यक्षों/अनुभागीय/कार्यालय प्रधानों व वरिष्ठ अधिकारियों सहित 32 सहभागी शामिल हुए। नामित 25 अधिकारियों हेतु द्वितीय कार्यशाला का आयोजन ‘राजभाषा हिंदी का प्रगामी उपयोग’ विषयांतर्गत किया गया।

29.03.23 को तृतीय कार्यशाला के शुभारंभ में, अपर निदेशक (मा.सं.) श्रीमती गोपा चक्रवर्ती ने अतिथि संकाय सदस्य श्री दिलीप कुमार सिंह, प्रबंधक (राजभाषा), बीसीसीएल एवं सचिव, नराकास, धनबाद (झारखण्ड) को ‘राजभाषा प्रशस्ति-फलक’ प्रदान कर सम्मानित कीं। तदुपरांत श्री दिलीप कुमार सिंहने ‘राजभाषा हिंदी कार्यान्वयन के विविध पहलू एवं राजभाषा तिमाही प्रगति रिपोर्ट’ का महत्त्व’ तथा ‘कार्यालयी हिंदी के स्वरूप एवं संकल्पना’ विषयों पर क्रम से तृतीय व चतुर्थ कार्यशालाओं में अपना अमूल्य वक्तव्य दिया। उन्होंने पीपीटी के माध्यम से विषय के प्रत्येक पहलू को बखूबी प्रदर्शित किया। तृतीय कार्यशाला में नामित 21 अधिकारियों तथा चतुर्थ कार्यशाला में 21 ग्रुप ‘बी’ कर्मचारियों ने भाग लिया। सभी सहभागियों से विषयांतर्गत अभ्यास कराया गया। साथ ही परिसंवाद सत्र चलाया गया तथा सहभागियों को विशिष्ट रूप से सम्मानित भीकिया गया।

कैलेन्डर वर्ष, 2022 के दौरान टिप्पण/आलेखन मूल रूप से हिंदी में करने के लिएश्री कौशिक कुमार मुखर्जी, वरिष्ठ प्रभागीय अभियंता (यां.), मुख्य भंडारऔर श्री प्रदीप कुमार, सहायक श्रेणी-।।,  लेखा को पाँच-पाँच हजार रु. का नकद पुरस्कार तथा श्री बासुदेब चक्रबर्ती, सहायक ग्रेड-।, मानव संसाधन को तीन हजार रु. का द्वितीय नकद पुरस्कार 31.03.2023 को प्रदान किया गया ।   राजभाषा कार्यशालाओं में परियोजना से सत्रवार नामित कुल सौ अधिकारियों एवं कर्मचारियों यथा  उप मुख्य अभियंता सर्वश्री शिवानंद सिंह, अक्षय कुमार, राजेश कुमार लायेक व पुलकेश चटर्जी, अधीक्षण अभियंता देवकांति गुप्ता भाया, शोभनलाल किर्तनीया, श्रीमती संजुलता मोहन्ती, जी. क्रांति कुमार व विशाल अग्रवाल, प्रबंधक (सीएसआर) मो. शमीम अहमद, वरिष्ठ प्रभागीय अभियंता चंचल कुमार पाल, गौतम कुमार, देवेन्द्र उपााध्याय, मुकशप्रसाद सिंह, संजीव कुमार, सुमीत कुमार, जितेन्द्र कुमार रजक, शंकर कुमार यादव, गोपाल चन्द्र साहु, रंजित कुमार दास, राजीव कुमार, विकास कुमार, रंजय कुमार वर्मा व सुखान्तो भौमिक, प्रबंधक(रसायन) श्रीमती शर्मिष्ठा सिन्हा, ईई अरबिन्द कुमारयादव व सौरभ भूंईया, उप प्रबंधक सुखेन्दु मंडल, एई केदारनाथ दत्ता, सहा. प्रबंधक मलय चटर्जी, जेई आकशदीप, सजल दे, निखिल माजी, जे.पी. सिंह, श्रीमती रुनु सरकार, शुभाशीष गुप्त, सुमित भगत, देवब्रत पाल व जगदशयादव, स.नि. चंदन हालदार व परिमल माजि, सुखेन्दु विकास चैधुरी, स.ग्रे-1 बासुदेब चक्रबर्ती व शिव शंकर साव, प्रदीप कुमार, प्रदीप डान, तपन कुमार धीवर आदि ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया।