कविता किसी भी भाषा का सर्वोत्कृष्ट रूप है- डॉ. शंभुनाथ

कविता किसी भी भाषा का सर्वोत्कृष्ट रूप है- डॉ. शंभुनाथ
4 सितंबर कोलकाता। हिंदी दिवस के अवसर पर कोलकाता की संस्था सांस्कृतिक पुनर्निर्माण मिशन द्वारा काव्यपाठ का आयोजन किया गया। इस अवसर पर स्वरचित काव्यपाठ और  काव्य आवृत्ति की प्रस्तुति हुई।  अध्यक्षीय वक्तव्य देते हुए डॉ. शंभुनाथ ने कहा कि कविता किसी भी भाषा का वैभव और सर्वोत्कृष्ट रूप है।नई पीढ़ी हिंदी साहित्य को विविध कलाओं से जोड़कर हिंदी को लोकप्रिय बना रहा है। आलोचक मृत्युंजय श्रीवास्तव  ने कहा कि हिंदी जो बनारस से नयी चाल में चली वह कलकत्ता पहुंचकर नयी चेतना की भाषा बन गई। हिंदी महज कामकाज की भाषा नहीं, ललकार की भाषा है। नई परिस्थिति में ललकार नयी जरूरत है।
इस अवसर पर मंजु श्रीवास्तव, प्रियंकर पालीवाल, सुरेश शॉ, राज्यवर्द्धन, उमरचंद जायसवाल, मनीषा गुप्ता, इबरार खान, शिव प्रकाश दास, मधु सिंह, प्रकाश त्रिपाठी, सुषमा कुमारी, स्वीटी महतो, शशांक, अनुपमा वर्मा, शिल्पी गुप्ता, आदित्य तिवारी, मधु साव, सुजाता महतो, सपना कुमारी, शगुफ्ता इस्तखार, प्रज्ञा झा, लक्ष्मी यादव, आराध्या कुमारी, अनन्या कुमारी तथा शिवानी मिश्रा और आकाश गुप्ता ने काव्य आवृत्ति किया। कार्यक्रम का सफल संचालन सूर्य देव रॉय ने तथा धन्यवाद ज्ञापित करते हुए डॉ. संजय जायसवाल ने कहा कि आज हिंदी दिवस पर युवा रचनाकारों ने जिस तेवर और अलग मिजाज की कविताओं का पाठ किया, वह हमारे लिए एक आश्वस्ति है। नई पीढ़ी अपने समय की भाषाई संकट को देखकर मुँह नहीं फेरती है बल्कि अपनी सृजनात्मकता से प्रतिरोध भी रचती है।कार्यक्रम का संयोजन मधु सिंह, राहुल गौड़ और रूपेश यादव ने किया। इस अवसर पर उमा डगमान,श्रीमती रेखा शॉ, डॉ. गुलनाज बेग़म, प्रो..आदित्य गिरि, प्रो. लिली शाह,विकास जायसवाल,कामना दीक्षित,ज्योति चौरसिया,ईशा गुप्ता, अरबाज खान,टीना परवीन,चंदन भगत, सहित बड़ी संख्या में साहित्यप्रेमी मौजूद थे।