कोलकाता, 7 दिसंबर 2021: बोधिसत्व बाबासाहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय में ‘बोधिसत्व बाबासाहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर की लोक कल्याण दृष्टि’ विषय पर आयोजित तरंगाधारित संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल ने कहा कि डॉ. आंबेडकर का विचार दर्शन सबके साथ समानता, न्याय और समान अवसर की लोक कल्याण दृष्टि देता है।
इस संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में महाराष्ट्र विधान परिषद् के पार्षद डॉ. रामदास आंबटकर तथा वक्ता के रूप में विश्वविद्यालय के साहित्य विद्यापीठ के सहायक प्रोफेसर एवं कोलकाता केंद्र के पूर्व प्रभारी युवा आंबेडकरवादी डॉ. सुनील कुमार ‘सुमन’ उपस्थित थे।
कुलपति प्रो. शुक्ल ने कहा कि डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर ने भव्य समरस सामाजिक संरचना के लिए योगदान दिया है। उन्होंने देश धर्म को सबसे बड़ा धर्म माना था। डॉ. आंबेडकर ने संविधान में भी मनुष्य के आनंदमय जीवन के लिए महत्वपूर्ण प्रावधान किये हैं और सबके साथ न्याय तथा कल्याण की बात की है। संविधान हमें समाज कल्याण, न्याय, समता और बंधुता का आश्वासन देता है। प्रो. शुक्ल ने कहा कि डॉ. आंबेडकर के विचारों का वास्तविक मूल्यांकन होना चाहिए, इसके सूत्र हमें उनके विपुल लेखन में दिखाई देते हैं। डॉ. आंबेडकर ने बुद्ध धम्म का जो रास्ता अपनाया था वह संवाद और साथ चलने का रास्ता है। उन्होंने कहा कि सामाजिक दायित्वों का ठीक से विचार कर आगे बढ़ना यही डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की लोक कल्याण दृष्टि है।
मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए डॉ. सुनील कुमार ‘सुमन’ ने कहा कि डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर ने अहिंसा और सत्य पर आधारित आंदोलनों के माध्यम से लोक कल्याण की दृष्टि दी है। उन्होंने संविधान में सभी को आगे लाने की बात की है, जिसमें उनकी लोक कल्याण की दृष्टि झलकती है। सर्वजन हिताय का विचार देने वाले आंबेडकर मानवाधिकार के पुरोधा थे। उनकी लोक कल्याण की दृष्टि को अनुसंधान के माध्यम से सामने लाने के लिए अकादमिक क्षेत्र के व्यक्तियों और मीडिया को आगे आने की आवश्यकता है।
मुख्य अतिथि डॉ. रामदास आंबटकर ने डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर को एक अग्रणी नेता करार देते हुए कहा कि डॉ. आंबेडकर ने समता और बंधुता को अपने जीवन में उतारा। उन्होंने देश को सर्वोपरि मान कर अपना अहम योगदान दिया। डॉ. आंबटकर ने कहा कि आज के संक्रमणावस्था के काल में उनके विचारों पर चलने की आवश्यकता है।
कार्यक्रम का संचालन संगोष्ठी के संयोजक तथा जनसंचार विभाग के अध्यक्ष प्रो. कृपाशंकर चौबे ने किया। आभार सहायक प्रोफेसर डॉ. संदीप सपकाले ने ज्ञापित किया।