मिदनापुर, 03 अगस्तः विद्यासागर विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग द्वारा प्रेमचंद जयंती के अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस अवसर पर एम. ए. फाइनल सेमेस्टर के लिए विदाई समारोह का भी आयोजन हुआ।परिचर्चा में हिस्सा लेते हुए विभागाध्यक्ष डॉ. प्रमोद कुमार प्रसाद ने कहा कि प्रेमचंद समग्रता के लेखक हैं। प्रेमचंद का साहित्य हमें सही अर्थों में आदमीयत सिखाता है। उन्होंने जैसा लिखा वैसा ही जीवन जिया। उनके यहां करनी और कथनी में अंतर नहीं है। विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. संजय जायसवाल ने कहा कि प्रेमचन्द का साहित्य लघु जीवन का महाख्यान है।वे हाशिए के समाज को केंद्र में लाते हैं।वे सामाजिक और मानवीय मूल्यों को अपनी रचना का केन्द्रीय विषय बनाते हैं। डॉ. श्रीकांत द्विवेदी ने कहा कि प्रेमचंद के जीवन से हमें अपने कर्तव्यों को ईमानदारी से निभाना सीखना चाहिए। प्रेमचंद ने समाज के प्रत्येक उपेक्षित वर्ग को अपनी रचनाओं का आधार बनाया।संजीत महतो,कोमल अहिरवाल, मुस्कान परवीन,पूजा मिश्रा,एम.अश्विनी कुमारी,डी.देवी ने भी अपना विचार रखा। इस अवसर पर नंदिनी साव ने सरस्वती वंदना गाकर कार्यक्रम की शुरुआत की, कोमल साव ने काव्य आवृत्ति, पी. बेबी, के स्वाति रेखा और अलिशा देवी ने भावनृत्य तथा रूपेश यादव, प्रियंका गोप, नीलोफर बेगम, फरहाना परवीन और ज्योति सिंह ने अपनी कविताओं का पाठ किया। कार्यक्रम का सफल संचालन मोनू यादव ने और धन्यवाद ज्ञापन तमन्ना खातून ने दिया।