शत्रुघ्न सिन्हा ने किया पैरोकार पब्लिकेशन्स की पुस्तक का लोकार्पण

शत्रुघ्न सिन्हा ने किया पैरोकार पब्लिकेशन्स की पुस्तक का लोकार्पण

कोलकाता, 4 जूनः फिल्म अभिनेता व तृणमूल कांग्रेस के सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने शनिवार को स्वभूमि में आयोजित एक रंगारंग कार्यक्रम में पैरोकार पब्लिकेशन्स द्वारा प्रकाशित व वरिष्ठ पत्रकार विश्वंभर नेवर द्वारा लिखित ‘रविवारीय चिंतन’ पुस्तक का लोकार्पण किया। इस मौके पर उद्योगपति व समाज सेवी प्रह्लादराय अग्रवाल व श्री पर्ष नेवटिया विशिष्ट अतिथि के रूप में मंच पर उपस्थित थे। राज्य के लोकनिर्माण व विधि मंत्री मलय घटक ने लोकार्पण समारोह की अध्यक्षता की।

बतौर मुख्य अतिथि शत्रुघ्न सिन्हा ने पुस्तक का विमनोच करते हुए लेखक विश्वंभर नेवर की पत्रकारिता की सराहना की। उन्होंने कहा कि कोई भी बड़ा और नेक काम करने में अड़चने आती है। विश्वंभर नेवर ने भी जब वर्षो पहले अपना अखबार शुरू किया तो उन्हें अपने परिवार और समाज से ही विरोध का सामना करना पड़ा। शत्रुघ्न ने कहा कि फिल्म से अचानक राजनीति में जाने पर उन्हें भी कई परेशानियों का सामना करना पड़ा। अपने कठिन दौर के अनुभव से उन्होंने सिखा और जाना कि जब कोई व्यक्ति अपना कोई बड़ा सपना पूरा करना चाहता है तो समाज में उसका उपहास उड़ाया जाता है। फिर उसकी उपेक्षा होती है और उसका तिरस्कार भी किया जाता है। इन सब कठिनाइयों से पार कर जब व्यक्ति आगे बढ़ जाता है तब उसका दमन किया जाता है। लेकिन व्यक्ति जब इन चारों कठिन परिस्थितों से जूझते हुए आगे बढ़ने से पीछे नहीं हटता तो कामयाबी उसका कदम चुमती है। विश्वंभर नेवर भी कामयाबी के शिखर पहर पहुंचे हैं तो उन्हें भी इन कठिन परिस्थियों से दो-चार होना पड़ा है। शत्रुघ्न सिन्हा ने भारत की गंगा जमुनी तहजबी का उल्लेख करते हुए इसकी गरिमा को बनाए रखने की सलाह दी। उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र आसनसोल को लघु भारत बताया और वहां की बांग्ला हिंदी साझी संस्क़ृति की सराहना की। उन्होंने आसनसोल से भारी मतो से जितने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, मंत्री मलय घटक और जनता के प्रति कृतज्ञता जताई।

प्रह्लादराय अग्रवाल ने कहा कि विश्वंभर नेवर जी चिंतन मनन करते रहे हैं। रविवारीय चिंतन पुस्तक में उमका चिंतन मनन ही प्रस्फुटित हुआ है। श्री हर्ष नेवटिया ने कहा भारत के आर्थिक सांस्कृतिक विकास में बंगाल की महत्वपूर्ण भूमिका है। नेवर जी समयय समय पर इस तरह के कार्यक्रम आयोजित कर सबको एक मंच पर लाने का काम करते हैं जो सरहानीय है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए लोकनिमार्ण मंत्री मलय घटक ने कहा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने दो कार्यकाल में जितना विकास कार्य किया है उतना देश के किसी भी मुख्यमंत्री ने नहीं किया। पश्चिम बंगाल में हिंदी और हिंदी भाषियों को सम्मान की नजर से देखा जाता है। हिंदी राज्य नहीं होने के बावजूद यहां हिंदी के लिए कई महत्वपूण कार्य किए गए हैं। हिंदी विश्वविद्यालय की स्थापना की गई है। आसनसोल में हिंदी कालेज भी है।

पुस्तक के लेखक विश्वंभर नेवर ने कहा कि कोलकाता हिंदी की ही नहीं अंग्रेजी, बांग्ला, उर्दू और फारसी पत्रकारिता की भी जन्मभूमि है। हिंदी का पहला अखाबर उतंद मार्तंड कोलकाता से 30 मई 1826 का प्रकाशित हुआ था। वह 30 मई को हिंदी पत्रकारिता दिवस के मौके पर इस तरह का आयोजन करते रहे हैं। इस बार हिंदी पत्रकारिता दिवस पर सप्ताहव्यापी कार्यक्रम में उनकी पुस्तक रविवारीय चिंतन का लोकार्पण इसी आयोजन का हिस्सा है। कार्यक्रम का संचालन विपिन नेवर ने किया और धन्यवाद ज्ञापन विक्रम नेवर ने किया।

उल्लेखनीय है कि प्रेस क्लब, कोलकाता और छपते छपते की ओर से हिंदी पत्रकारिता दिवस पर राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया था। राज्यसभा के उपसभापति व मशहूर पत्रकार श्री हरिवंश ने 30 मई 2022 को नेताजी इंडोर स्टेडियम के सभा कक्ष में सम्मेलन का उद्घाटन किया। उद्घाटन सत्र में भारतीय जनसंचार के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी, भारतीय भाषा परिषद के निदेशक डॉ. शंभुनाथ, प्रेस क्लब कोलकाता के अध्यक्ष स्नेहाशिष सूर, पश्चिम बंगाल उर्दू अकादमी के उपाध्यक्ष मोहम्मद नदीमुल हक, भारतीय प्रेस परिषद की सदस्य डॉ. सुमन गुप्ता और अमर उजाला के सलाहकार संपादक विनोद अग्निहोत्री समेत अन्य विशिष्ट अतिथि मौजूद थे। श्री हरिवंश, प्रो. संजय द्विवेदी और अन्य वक्ताओं ने अपने सारगर्भित भाषण से हिंदी पत्रकारिता की दशा दिशा और भविष्य पर विस्तार से प्रकाश डाला।

दूसरे दिन 31 मई को भारतीय भाषा परिषद के सभागार में आयोजित पाठक मंच संवाद सत्र में प्रो. कृपाशंकर चौबे, प्रो. गजाला यास्मिन, डॉ. संजय जयसवाल, प्रभात खबर के स्थानीय संपादक कौशल किशोर, वैचारिकी के संपादक बाबूलाल शर्मा, जनपथ समाचार के संपादक विवेक वैद और जलते दीप के संपादक पदम मेहता समेत अन्य विशिष्ट वक्ताओं ने हिंदी पत्रकारिता की दशा दिशा पर अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन नवीन प्रजापति और रवि प्रताप सिंह ने किया। धन्यवाद ज्ञापन विक्रम नेवर ने किया। 4 जून 2022 को स्वभूमि में श्री विश्वंभर नेवर द्वार लिखित पुस्तक रविवारीय चिंतन के लोकार्पण के साथ सप्ताह व्यापी हिंदी पत्रकारिता सम्मेलन का समारोह संपन्न हुआ।