हिंदी अकादमी की ओर से नैहाटी में हिंदी दिवस समारोह का आयोजन

हिंदी अकादमी की ओर से नैहाटी में हिंदी दिवस समारोह का आयोजन

नैहाटी, 27 सितंबरः पश्चिम बंग हिंदी अकादमी की ओर से प्रेसीडेंसी विभाग के अन्तर्गत नैहाटी अंचल में हिंदी दिवस का आयोजन किया गया। इस अवसर पर काव्य आवृत्ति, हिंदी ज्ञान प्रतियोगिता, नाटक प्रतियोगिता, भाव नृत्य एवं काव्यसंगीत का आयोजन किया गया। पिछले तीन वर्षों से माननीय मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एवं हिंदी अकादमी के अध्यक्ष श्री विवेक गुप्ता के प्रयासों से हिंदी भाषी बहुल क्षेत्रों में हिंदी दिवस का आयोजन किया जा रहा है। विशिष्ट अतिथि के तौर पर उपस्थित थे सांसद पार्थ भौमिक। उन्होंने कहा कि बंगाल में हिंदी को बढावा देने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार की भूमिका सराहनीय है। यहाँ हिंदी विश्वविद्यालय के साथ कई हिंदी कॉलेज खोले गए हैं। भविष्य में भी हम हिंदी के विकास के लिए कार्य करेंगे। स्वागत वक्तव्य देते हुए हिंदी अकादमी के सदस्य एवं संस्कृति कर्मी डॉ. संजय जायसवाल ने कहा कि वंदे मातरम की भूमि पर आयोजित हिंदी दिवस का यह आयोजन हिंदी और बांग्ला की सामाजिक-सामासिक संस्कृति और सृजनात्मक संवाद का ही प्रतिफलन है। हिंदी तमाम भारतीय भाषाओं के बीच एकसूत्रता का निर्वहन करती है। Iकार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए नैहाटी पौरसभा के चेयरमैन अशोक चटर्जी ने कहा कि नैहाटी सहित बंगाल के तमाम हिंदी भाषी क्षेत्रों में हिंदी के लिए काफी संभावनाएं हैं।

समीक्षक मृत्युंजय श्रीवास्तव ने कहा कि बंगाल के हिंदी भाषियों में भाषायी चेतना, रचनात्मकता और सांस्कृतिक अभियान में शामिल करने में पश्चिम बंगाल हिंदी अकादमी का यह कार्यक्रम विशेष महत्व रखता है। विद्यासागर विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर डॉ. श्रीकांत द्विवेदी ने कहा कि हिन्दी के विकास में इस तरह के आयोजन का होना गौरवपूर्ण है। यह न सिर्फ़ हिंदी समाज के लिए अपितु अन्य भाषाओं के संवर्धन के लिये भी महत्वपूर्ण है। ऐसे कुंभ-आयोजन होते रहें यह आवश्यक है हिन्दी के विकास के लिए। सीआईसी राजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि हिंदी और बांग्ला का संबंध बहुत पुराना है। हिंदी का व्यापकत्व का असर यह है कि राष्ट्रीय राजनीति में अपनी पहचान बनाने के लिए हिंदी के रास्ते जाना होगा। डीएमडीसी श्री अनामिका बेरा ने बंगाल में हिंदी के विकास के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हिंदी और बांग्ला और संबंध सृजनात्मक और सांस्कृतिक है। इस अवसर पर सूचना एवं संस्कृति अधिकारी पल्लब पाल, एस. डी. आई. सी. ओ. सुष्मिता हाती, डॉ. कलावती कुमारी, सीआईसी कन्हैया आचार्य, डॉ. सुशील पाण्डेय और देवानंद साव ने मौजूद थे। काव्य आवृत्ति वर्ग ‘शिशु’ में प्रथम अनन्या कुमारी, द्वितीय आसिफा परवीन, तृतीय शगुफ्ता परवीन और विशेष अर्चना पाण्डेय, वर्ग ‘अ’ में प्रथम आदित्य कुमार पासवान, बैंडेल महात्मा गांधी हिंदी विद्यालय, द्वितीय आदित्य कुमार दास, भद्रकाली श्रीशंकर विद्यालय तथा तृतीय माही प्रसाद, हाजिनगर आदर्श बालिका विद्यालय को एवं वर्ग ‘क’ में प्रथम फरहान अजीज, प्रेसीडेंसी विश्वविद्यालय, द्वितीय आशुतोष राउत, कलकत्ता विश्वविद्यालय, तृतीय निक्की पाण्डेय, श्रीरामपुर गर्ल्स कॉलेज, चतुर्थ संजना जायसवाल, बेथुन कॉलेज और पंचम महिमा केशरी, प्रेसीडेंसी विश्वविद्यालय को मिला।

हिंदी ज्ञान में प्रथम प्रिया साव, संजना साव समूह, द्वितीय पूजा महतो, अश्कित मिश्रा एवं स्नेहा साव समूह तथा तृतीय फरहान अजीज, माही साव एवं कुमकुम प्रसाद समूह को मिला। विद्यासागार कॉलेज, आरबीसी संध्या कॉलेज, आरबीसी वीमेंस कॉलेज, रिषड़ा विद्यापीठ, आनंद स्वरूप हाई स्कूल, आर पी हाई स्कूल ने लघु नाटक प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। इस पूरे आयोजन में सुशील कांति, डॉ. राहुल शर्मा, आनंद श्रीवास्तव, पप्पू रजक, आदित्य गिरि और एकता हेला बतौर निर्णायक उपस्थित थे। कार्यक्रम का सफल संचालन संजय जायसवाल, मनीषा गुप्ता, इबरार खान, लिली शाह, मधु सिंह, राहुल गौंड़, सूर्य देव रॉय, रूपेश यादव और रेशमी सेन शर्मा ने किया। इस आयोजन को सफल बनाने में शकील अख़्तर, सुबोध गुप्ता, राजेश पाण्डेय, अमरजीत पंडित, असित कुमार पाण्डेय, मनोज चौधरी, विकास जायसवाल, सुभाष साव, कार्तिक साव, डॉ. विकास साव, डॉ. विक्रम साव, प्रो. संदीप प्रसाद, प्रो. मंटू दास, डॉ. शिव प्रकाश दास, योगेश साव, धीरज केशरी, सुशांत देव, गोपाल नारायण गुप्ता, डॉ. रमाशंकर सिंह, सिपाली गुप्ता, संजय यादव, सुषमा कुमारी, मुकेश पंडित, चंदन भगत, मधु साव, कंचन भगत, कुसुम भगत, फरहान अजीज की विशेष भूमिका रही।