अज्ञानता भ्रम पैदा करती है, जबकि ज्ञान संतोष और संतुष्टि की भावना को पैदा करता हैः प्रेम रावत

अज्ञानता भ्रम पैदा करती है, जबकि ज्ञान संतोष और संतुष्टि की भावना को पैदा करता हैः प्रेम रावत

गया, 28 नवंबरः  आध्यात्मिक गुरु प्रेम रावत ने कहा है कि अज्ञानता भ्रम पैदा करती है, जबकि ज्ञान संतोष और संतुष्टि की भावना को पैदा करता है। अपने आप को समझने के पीछे एक और प्रमुख उद्देश्य यह है कि जीवन में हमारा नियंत्रण केवल अपने आप पर होता है और यही हमारे जीवन  में हमारी खुशी और शांति को निर्धारित करता है।इसलिए, जीवन यात्रा मेंअपने आप को जानना हमें ड्राइवर की सीट पर रखता है। श्री रावत  26 नवंबर, 2023 को बोधगया के औरा गांव में  अन्नपूर्णा राइस मिल के पास राज विद्या केंद्र द्वारा ‘जीवन के मूल्य की समझ–अपने आप को जानना’ विषय पर आयोजित विशाल सभा को संबोधत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि  “इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि हम ईश्वर में विश्वास करते हैं या नहीं, हर विचार, अवधारणा और विश्वास से परे, हमारे पास यह जीवन है, हमदेखने योग्य ब्रह्मांड को देख सकते हैं और यह सृष्टि स्पष्ट है। प्रकृति में एक ही शक्ति ने सब कुछ बनाया है और यही शक्ति इस सृष्टि को चला रही है।हम इसके विशालआकार को नहीं जान सकते, लेकिन अगर हम अपने आप को जान लेते हैं, जो इस सृष्टि का ही एक हिस्सा है, तो यह उस अनंत को समझने के बराबर है”।

उन्होंने एक उदाहरण दिया कि, “अगर हम समुद्र का स्वाद चखना चाहते हैं, तो हम उसका पूरा पानी नहीं पी सकते हैं, लेकिन एक बूंद का स्वाद लेना उतना ही प्रामाणिक है जितना कि पूरे समुद्र का स्वाद लेना।हम उस अनंत शक्ति की वह बूंद हैं जिसने सब कुछ बनाया और बनाए रखा है, इसलिए इसे जानना और समझना सर्वोच्च ज्ञान है”।

इस व्याख्यान में गणमान्य व्यक्तियों, बुद्धिजीवियों, मीडिया, छात्रों और जीवन के सभी क्षेत्रों के व्यक्तियों ने भाग लिया। श्री रावत के रिकॉर्ड को गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के निर्णायक श्री स्वप्निल डंगरिकार व प्रवीण पटेल और विषय वस्तु विशेषज्ञ की उपस्थिति में मंच पर स्वीकार किया गया।गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स टीम ने इसे “एक ही संबोधन में सबसे बड़ी उपस्थिति” के रिकॉर्ड के रूप में दर्ज किया। उनके व्याख्यान को आधिकारिक तौर पर  बिहार के गया शहर में 375603 लोगों द्वारा सुनने का एक नया विश्व रिकॉर्ड के तौर पर दर्ज किया गया।