फिलिस्तिन के समर्थन में आगे आया कोलकाता का नागरिक समाज

फिलिस्तिन के समर्थन में आगे आया कोलकाता का नागरिक समाज

कोलकाता, 29 नवंबरः फिलिस्तिन के समर्थन में कोलकाता का नागरिक समाज व कुछ विशिष्ट बुद्धिजीवी खुलकर सामने आए है। जिस दिन इजराइल ने फिलिस्तिन के अस्पताल को निशाना बयाना और हमले में आम शहरियों को भी नहीं बख्शा उसी दिन से कोलकाता में विभिन्न संगठनों द्वारा सभा जुलूस निकालकर इसकी निंदी करने का सिलसिला जारी है। लेकिन इस मुद्दे पर पहली बार फ्रेंड्स आफ प्लसटाइन के बैनर तले कोलकाता के बुद्धिजीवी और नागरिक समाज संगठित रूप से सामने आया। फ्रेंडस आफ प्लस्टाइन के बैनर तले मंगलवार को प्रेस क्लब, कोलकाता में एक संवादाताता सम्मेलन का आयोजित कर महानगर में एक बड़ी आम सभा करने की घोषणा की गई। संवाददाता सम्मेलन में संयुक्त संयोजक नौशाद मोमिन और अशोक सिंह ने फिलिस्तीन के समर्थन में 30 नंबर को मुस्लिम इंस्टीच्यूट में आम नागरिक सभा आयोजित करने की घोषणा की। सभा में महानगर कोलकताता के विशिष्ट बुद्धिजीवी और नागरिक समाज के प्रतिनिध अपना वक्तव्य ऱखेंगे। आम सभा में बतौर वक्ता अपना वक्तव्य रखेंगे कलकत्ता हाईकोर्ट के पूर्व जज जस्टिस तौफिकुद्दीन, वरिष्ट अधिवक्ता व कोलकाता के पूर्व मेयर विकासरंजन भट्टाचार्य, छपते छपते के प्रधान संपाद विश्वभर नेवर, सामाजिक कार्यकर्ता रतन शाह, लेखक व नाट्यकार जहिर अनवर, बिसप अशोक विश्वास, सामाजिक कार्यकर्ता सोहन सिंह ऐतियाना और लेखक कलीम हाजिक। संवाददाता सम्मेलन में नासिर अहमद ने कहा कि आम नागरिक सभा में समाज के विभन्न वर्ग को लोगों को शामिल होने के लिए खुला आमंत्रण किया गया है। उन्होंने कहा कि 2014 के बाद भारत अपनी परंपरागत विदेश नितियों को भूल गया है। भारत हमेशा से फिलिस्तीन का समर्थनक रहा है। हालांकि पहले हमास ने जो अपकर्म किया उसका भी समर्थन नहीं किया जा सकता है। लेकिन उसके बाद इजराइल ने जिस क्रुरता के साथ कार्वाई की और फिलिस्तीन के आम लोगों को निशाना बनाया उसकी जितनी भी नंदि की जाए कम है। शाहीद अहमद शहीद ने कहा कि 30 नंबर को मुस्लिम इंस्टीच्यूट में आयोजित आम सभा में तीन प्रस्त्वा पारित किए जाएंगे। पहला फिलिस्तीन पर हमला करने के लिए इजराइल की निंदा की जाएगी। फिलिस्तीन में राहत सामग्री भेजने के लिए बंद रास्ते को खोलने की मांग की जाएगी। सभा में फिलिस्तीन को स्वाधीन करने की मांग पर प्रस्ताव पारित किया जाएगा।