भारत में ‘एक देश एक चुनाव’ होने पर संदेह

भारत में ‘एक देश एक चुनाव’ होने पर संदेह

ममता बनर्जी ने जताया कड़ा विरोध

अनवर हुसैन

कोलकाता, 12 जनवरीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ‘एक देश एक चुनाव’ का सपना साकार होने में संदेह है। 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद वह देश में लोकसभा चुनाव के साथ राज्य के विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने की बात कहते रहे हैं। केंद्र की भाजपा नीत नरेंद्र मोदी की सरकार इसके पीछे चुनावी खर्च कम करने का तर्क देती रही है। लेकिन विरोधी दलों को लगता है कि इसके पीछे मोदी का खास राजनीतिक मकसद है जो चुनाव खर्च कम करने के नाम पर वह पूरा करना चाहते हैं। एक देश एक चुनाव के लिए गठित कमेटी के सचिव नितिन चंद्रा ने सभी राजनीतिक दलों को पत्र लिखकर इस पर उनकी राय मांगी है।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जवाब में  नितिन चंद्रा को पत्र लिखकर एक देश एक चुनाव की योजना पर अपना कड़ा विरोध दर्ज कराया है। ममता ने अपने पत्र में कहा है कि एक देश एक चुनाव भारतीय संविधान के अनुकूल नहीं है। इसके जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मकसद देश में संसदीय प्रणाली की जगह राष्ट्रपति प्रणाली लागू करना है। इससे देश में तानाशाही शासन व्यवस्था लागू होने का खतरा बढ़ेगा।

उल्लेखनीय है कि आजाद भारत में 1952 में प्रथम आम चुनाव के समय लोकसभा के साथ राज्य विधानसभाओं के चुनाव हुए थे। उसके बाद भारतीय निर्वाचन आयोग काफी सशक्त हुआ और वह लोकसभा और राज्य विधानसभाओं का चुनाव पृथक रूप से कराने लगा। राज्य विधानसभाओं की मियाद पांच वर्ष की होती है। अलग अलग राज्यों में जब विधानसभाओं की मियाद पूरी होती है तब वहां चुनाव कराए जाते हैं। लोकसभा का कार्यकाल भी पांच वर्ष का होता है। पांच वर्षों के अंतराल पर देश में आम चुनाव होता और जिस पार्टी को बहुमत प्राप्त होता है वह केंद्र में सरकार गठित करती है। केंद्र में भाजपा नीत नरेंद्र मोदी की सरकार दूसरा कार्यकाल पूरा करने जा रही है। हाल हीं में हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में भाजपा की जीत से लोकसभा का चुनाव समय से पहले होने की अटकलें तेज हो गई है। इसी वर्ष मध्य तक लोकसभा चुनाव के बाद केंद्र में नई सरकार गठित होगी। भाजपा समेत सभी राजनीतिक दलों ने चुनाव को लेकर अपनी तैयारियां शुरू कर दी है। भाजपा को टक्कर देने के लिए मुख्य विरोधी दल कांग्रेस ने इंडियन नेशनल डेवलपमेंट इनक्लुसिव एलायंस( इंडिया) गठित किया है जिसमें ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस समेत 28 छोटे-बड़े राजनीतिक दल शामिल हैं।

लोकसभा चुनाव के साथ देश में विधानसभाओं के चुनाव कराने की भाजपा की योजना को विफल करने के लिए ममता ने कड़ा विरोध जताया है। जाहिर है ममता बनर्जी के अतिरिक्त इंडिया गठबंधन में शामिल अन्य राजनीतिक दल भी एक देश एक चुनाव का विरोध करेंगे ताकि भाजपा अपने चुनावी मकसद में कामयाबी नहीं हो सके।