आईसीएआर- सिफ़री ने पश्चिम बंगाल में 2.5 लाख भारतीय मेजर कार्प छोड़ा

आईसीएआर- सिफ़री ने पश्चिम बंगाल में 2.5 लाख  भारतीय मेजर कार्प छोड़ा

नेशनल रैन्चिंग कार्यक्रण के रूप में बाली और बेलूर को चुना

आईसीएआर- केंद्रीय अन्तर्स्थलीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान (सिफ़री), बैरकपुर ने “नमामि गंगे” कार्यक्रम के तहत 6 मई 2023 को पवित्र बेलूर मठ के बरेंद्रपारा घाट, बाली, हावड़ा, पश्चिम बंगाल में “नेशनल रैन्चिंग कार्यक्रम-2023” का आयोजन किया। इस कार्यक्रम की  शुरुआत 5 अप्रैल 2023 को नवद्वीप, पश्चिम बंगाल से हुई थी। यह कार्यक्रम 3 अलग-अलग राज्यों में फैले अलग-अलग जगहों में  आयोजित किया जा रहा हैं ।  अब तक अप्रैल से मई, 2023 की अवधि के दौरान 22 लाख के लक्ष्य के साथ 9.0 लाख से अधिक अंगुलिमीनों  को गंगा में छोड़ा गया है। इस कार्यक्रम में सिफ़री ने  2.5 लाख उन्नत भारतीय मेजर कार्प के अंगुलिमीनों (> 150 मिमी) को गंगा में निषेचित किया।

 स्वामी राशबिहारी महाराज जी (बेलूर मठ, रामकृष्ण मिशन और रामकृष्ण मठ) के करकमलों से यह कार्यक्रम आरंभ हुआ , सिफ़री के निदेशक डॉ. बसंत कुमार दास इस कार्यक्रम में मौजूद थे। स्वामी जी ने हमारे दैनिक जीवन में गंगा नदी के महत्व पर प्रकाश डाला और मछुआरों से गंगा नदी में प्लास्टिक और अन्य कचरे न फेंकने का आग्रह किया। उन्होंने मां गंगा को प्राचीन पुराणों से भी जोड़ा और स्थानीय मछुआरों से अंधाधुंध मछली पकड़ने से बचने को कहा। इसके अलावा बाली थाने के सब इन्स्पेक्टर ने भी कार्यक्रम में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया।  मात्स्यिकी, हिलसा और डॉल्फिन संरक्षण के प्रति स्थानीय निवासियों के साथ-साथ 52 मछुआरों, और महिला मत्स्य पालकों को भी जागरूक किया गया और एक जन जागरूकता अभियान चलाया गया।