नई दिल्लीः हाल ही में पांच विशिष्ट मुस्लिम व्यक्तियों के साथ आरएसएस प्रमुख मोहन भागत की बैठक और उसके उसके बाद फिर शुक्रवार को उनके द्वारा दिल्ली की एक मस्जिद और मदरसे का दौरा करने को लेकर सियासी और मजहबी गलियारों में अटकलों का बाजार गर्म हो गया है। हालांकि मुस्लिम समुदाय के लिए आर्थिक-सामाजिक हिंत में काम करने वाला संगठन इंडियन मुस्लिम फार प्रोग्रेस एंड रिफार्म ( इम्पार) ने इसे दोनो समुदाय को एक दूसरे के प्रति नजदिकियां बढ़ाने को सकारात्मक कदम बताया है। इम्पार के अध्यक्ष डॉ. एमजे खान ने अपने जारी एक बयान में कहा है कि ऐसे समय में जब कई नकरात्मक घटनाओं के कारण हिंदुओं और मुसलमानों के बीच की खाई चौड़ी होती दिख रही है वैसे में आरएसएस प्रमुख के मुस्लिम समुदाय के विशिष्ट व्यक्तियों के साथ मुलाकात और उसके बाद एक मस्जिद और मदरसा का दौरा करने से लोगों में सकारात्मक संदेश गया है। आरएसएस प्रमुख का यह कदम भारत और दुनिया भर के लोगों के लिए बहुत सकारात्मक सन्देश देने में कामयाब रहा I यह बैठकें बहुत आवश्यक सद्भावना भी पैदा करने में सक्षम रही और राष्ट्र की समग्र भलाई के लिए दोनों समुदायों के बीच बेहतर समझ और संबंध बनाने की दिशा में भी बहुत सकारात्मक प्रभाव डालेगी। आरएसएस प्रमुख की मुसलमानो से मुलाकात देश के विभिन्न हिस्सों में मुसलमानों के खिलाफ बयानबाजी और सांप्रदायिक घटनाओं को कम करने कामयाब हो सकती है। आरएसएस प्रमुख की यह पहल भारत में एक समुदाय विशेष की प्रतिक्रिया के रूप में हाल ही में कुछ खाड़ी देशों से अवांछित बयान आने के संदर्भ में और महत्वपूर्ण हो जाती है।
ऐसे समय में जब भारत तेजी से बढ़ रहा है और दुनिया भर में उभरती हुई आर्थिक और तकनीकी महाशक्ति के रूप में देखा जा रहा है, वैसे में हमारे बीच सांप्रदायिक खाई बढ़ती है तो यह हमारे बहुलतावादी समाज और दुनिया के सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश के लिए ठीक नहीं है। इम्पार को उम्मीद है कि मुसलमानों तक आरएसएस के अपनी पहुंच बढ़ाना केवल सांकेतिकता और सद्भावना के इशारे तक ही सीमित नहीं रहेंगा बल्कि इसके परिणामस्वरूप जमीनी स्तर पर प्रत्यक्ष परिवर्तन होता भी दिखेगाI
इम्पार कुछ भाजपा शासित राज्य राज्यों जैसे कि यूपी, असम, कर्नाटक और मध्य प्रदेश में एक के बाद एक पुलिसिया कार्रवाई जिसमें मुस्लिम समुदाय के विरुद्ध पक्षपातपूर्ण रवैए के विरुद्ध संबंधित सरकारों को ध्यान आकृष्ट करता रहा है। मुसलमानों के साथ इस तरह का पक्षपातपूर्ण रवैया चिंता का विषय है और संघ के सद्भावना प्रयासों पर सवालिया निशान खड़ा करता है। एक परिपक्व लोकतंत्र में कोई भी कार्रवाई प्रभावित या संभावित रूप से प्रभावित लोगों के साथ सीधा संपर्क और बातचीत के बाद ही करना चाहिए, चाहे वह कार्रवाई कितनी भी उचित या विवेकपूर्ण क्यों न हो। इसलिए इम्पार माननीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी से पार्टी शासित राज्यों, कैडर और मीडिया के एक वर्ग द्वारा विभाजनकारी एजेंडे को आगे बढ़ाने के दौर में सीधा हस्तक्षेप करने का आह्वान करता है। इससे श्री मोहन भागवत के मुस्लिमों तक पहुंच बढ़ाने के प्रयासों को भी बल मिलेगा। इम्पार का यह भी मानना है मुस्लिम समुदाय को भी अपनी ओर से दोनों समुदायों के बीच सद्भावना बढ़ाने के प्रति सकारात्मक प्रतिक्रिया देनी चाहि तथा समाज और राष्ट्र की बेहतर सेवा के लिए आवश्यक सुधारों की पहल करनी चाहिए।