भा.कृ.अनु.प.-क्रिजैफ, बैरकपुर ने 5 दिसंबर, 2022 को विश्व मृदा दिवस मनाया ताकि टिकाऊ और लाभप्रद उपज प्राप्त करने के लिए मृदा स्वास्थ्य के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा की जा सके। इस मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरण-सह-जागरूकता कार्यक्रम का विषय “मृदा: जहां से भोजन की शुरूआत होती है” था, जिसमें नई पीढ़ियों की खाद्य और पोषण सुरक्षा के लिए मिट्टी में बढ़ती चुनौतियों और बिगड़ती मिट्टी के स्वास्थ्य को संबोधित करके मृदा संसाधनों के स्थायी प्रबंधन की वकालत करने पर जोर दिया गया था।
डॉ.ए.आर.साहा, प्रभारी, फसल उत्पादन प्रभाग ने अपने स्वागत भाषण में प्रतिभागियों को विश्व मृदा दिवस पालन के महत्व के बारे में जानकारी दी। उन्होंने स्वस्थ मिट्टी पर जोर दिया जिसका अर्थ है स्वस्थ भोजन और स्वस्थ इंसान। अन्य विभागों के प्रभारी व मृदा वैज्ञानिकों ने भी मृदा परीक्षण, संतुलित उर्वरक, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, प्राकृतिक एवं जैविक खेती, सूक्ष्म पोषक तत्व एवं आई.एन.एम. के महत्व पर बल दिया । पोषक तत्वों का प्रयोग संस्तुत पैकेज के अनुसार लागू करने के लिए ही मृदा स्वास्थ्य कार्ड का अत्यधिक महत्व है जो उत्पादकता को टिकाऊ रखने में बढ़ावा देगा।
संस्थान के निदेशक डॉ. गौरांग कर ने इस बात पर जोर दिया कि स्वस्थ मिट्टी भूख को समाप्त करने और एक स्वस्थ ग्रह बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकती है। उन्होंने उर्वरकों के अनर्गल उपयोग पर चिंता व्यक्त की, जिसका पारिस्थितिकी तंत्र, जैव विविधता के नुकसान और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। डॉ कर ने विशेष रूप से मिट्टी के सूक्ष्मजीवों के लाभकारी प्रभाव को प्राप्त करने के लिए मिट्टी प्रबंधन का उल्लेख किया जो कि पौधों को मिट्टी से पोषक तत्व उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कुपोषण से लड़ने के लिए भोजन की पोषण गुणवत्ता में सुधार के लिए भी मिट्टी में संतुलित पोषक तत्व के होने के महत्व पर भी प्रकाश डाला।
इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री ध्रुबज्योति डे, संयुक्त आयुक्त, कोलकाता पुलिस ने इस बात पर जोर दिया कि स्वस्थ मिट्टी के लिए स्थायी मिट्टी प्रबंधन की दिशा में उचित निर्णय लेने के लिए वैज्ञानिक और किसानों दोनों को मिलकर उचित तकनीकों को अपनाने और मृदा स्वास्थ्य कार्ड के संदेश का प्रसार करने के लिए सक्रिय रूप से कार्य करना चाहिए। .
इस कार्यक्रम में धोपागाछी, हरिनघाटा, नदिया के कुल 30 किसानों ने भाग लिया और उनके बीच मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किए गए। इस संबंध में धोपागाछी गांव, हरिनघाटा, नदिया के किसानों के बीच वितरण के लिए 157 मृदा स्वास्थ्य कार्ड तैयार किए गए। इस अवसर पर भा.कृ.अनु.प.-क्रिजैफने एक किसान-वैज्ञानिक संवाद कार्यक्रम भी आयोजित किया गया थाजिनमें किसानों ने इस संबंध में वैज्ञानिकों से अपने सवालों को रखा । हाइब्रिड मोड में आयोजित इस कार्यक्रम में भाकृअनुप-क्रिजैफ, बैरकपुर और इसके उपकेन्द्रों के किसानों और वैज्ञानिकों सहित 90 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया।