सिफ़री में अन्तर्स्थलीय मत्स्य पालन प्रबंधन पर पारिस्थितिकी तंत्र मॉडलिंग पर प्रशिक्षण

सिफ़री में अन्तर्स्थलीय मत्स्य पालन प्रबंधन पर पारिस्थितिकी तंत्र मॉडलिंग पर प्रशिक्षण

कोलकाता, 27 जुलाईः जब भी हम खाद्य सुरक्षा के बारे में सोचते हैं, तो प्राकृतिक संसाधनों जैसे अन्तर्स्थलीय खुले जल संसाधनों को ध्यान में रखते हैं। अधिकांश लोग अपने भोजन और आजीविका के लिए इन जलाशयों पर निर्भरशील हैं। लेकिन इन जल निकायों को अत्यधिक दबाव का सामना करना पड़ता हैं। इस संदर्भ में, पारिस्थितिक मॉडलिंग किसी भी विकासात्मक स्थिति और व्यवहार्यता या जल निकायों की उत्पादकता में वृद्धि करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं ।  इसी कारण भाकृअनुप-सिफ़री, बैरकपुर  ने 27 जुलाई से 2 अगस्त 2022 तक “पारिस्थितिकी तंत्र मॉडलिंग: अंतर्देशीय मत्स्य पालन के प्रबंधन” पर एक प्रशिक्षण कार्यक्रम किया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में, कुल 21 प्रतिभागी (14 पुरुष और 7 महिलाएं ) भाग ले रहे हैं, जिनमें वैज्ञानिक, सहायक प्रोफेसर, और विभिन्न संस्थानों के शोध विद्वान जैसे कि कॉलेज ऑफ फिशरीज (राहा, किशनगंज और ढोली), कलकत्ता विश्वविद्यालय, सीवी रमन विश्वविद्यालय, डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय, आईसीएआर-सीआईएफई और आईसीएआर-सिफ़री से शामिल हैं।

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में, प्रशिक्षु पारिस्थितिकी तंत्र मॉडलिंग के विभिन्न पहलुओं जैसे पारिस्थितिकी तंत्र आधारित मत्स्य पालन प्रबंधन, विभिन्न खाद्य वेब मॉडलिंग, इकोपैथ मॉडल, अन्तर्स्थलीय मत्स्य पालन के लिए विभिन्न सांख्यिकीय पैकेज, स्टेला (stella) और आर प्लेटफॉर्म के अन्य मॉडलिंग, आदि के बारे में जानेंगे। आईएसआई, कोलकाता, गुश्कारा महाविद्यालय; क्यूंग ही विश्वविद्यालय, कोरिया; आईसीएआर-सिफ़री के विशेषज्ञ संसाधन व्यक्तियों द्वारा व्यावहारिक अभ्यास करवाया जाएगा। सिफ़री के  निदेशक, डॉ. बि.के. दास महोदय ने प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन किया और खुले जल संसाधनों में पारिस्थितिकी तंत्र मॉडलिंग की आवश्यकता के बारे में बताया और इन जल संसाधनों के स्थायी प्रबंधन के लिए इन मॉडलों की महत्वपूर्णता पर जोर दिया। विस्तार एवं प्रशिक्षण प्रकोष्ठ प्रभारियों के साथ संस्थान के सभी पांच विभागों के प्रभारियों ने भी उद्घाटन कार्यक्रम में भाग लिया और कार्यक्रम के महत्व पर अपने विचार व्यक्त किए। प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन बड़ी कुशलता से किया जा रहा है।