जहांगिरपुरी के हिंसा पीडितों की सुध लेने में आगे आया इम्पार

जहांगिरपुरी के हिंसा पीडितों की सुध लेने में आगे आया इम्पार

सर्वे रिपोर्ट में किया पीड़ितों की दयनीय दशा का खुलासा

नई दिल्ली 28 अप्रैलः हाल ही में दिल्ली के जहांगिरपुरी में सांप्रदायिक हिंसा के शिकार लोग अब रोजी-रोटी की समस्या से घिर गए है। इंडियन मुस्लिम फार प्रोग्रेस एंड रिफार्म( इम्पार) द्वारा किए गए सर्वे में यह तथ्य सामने आया है। इम्पार की आतंरिक टीम के सदस्यों ने हिंसा पीड़ित क्षेत्रों में घर-घर घुमकर सर्वे किया और वे इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि हिंसा हिंसा पीड़ितों को अविलंब राशन और आश्रय उपलब्ध कराने की जरूरत है। संस्था ने अपनी सर्वे रिपोर्ट में कहा है कि अतिक्रमण हटाओं अभियान के बाद अल्पसंख्यक मुस्लिम बहुल क्षेत्र के अधिकांश लोग अब बेरोजगारी और भय की चपेट हैं। आतंकित लोगों में 98 प्रतिशत लोग अशिक्षत और दीहाड़ी मजदूर हैं। पान, बीड़ी, खोमचा, जूस और छोटी दुकान चलाकार जीविकोपार्जन करने वाले लोग रोजगार से हाथ धो बैठे हैं। सांप्रदायिक हिंसा के बाद अवैध कब्जा हटाने के लिए दिल्ली नगरिगम की ओऱ से जो बुलडोजर चलाया गया था उसमें कईयों की दुकानें और घर धवस्त हुए हैं। ऐसे लोग सड़क पर आ गए हैं। जो लोग बचे हैं व अपनी सुरक्षा और अवैध कब्जा हटाने के नाम पर फिर बुलडोजर चलने की आशंका से भयभीत हैं। सर्वे के दौरान इम्पार की टीम इस निष्कर्ष पहुंची की हिंसा पीड़ितों को अविलंब राशन, आवश्यक कानूनी सहायता और आजिविका का प्रबंधन करने के लिए उन्हें मुआवाजा दिलाने की जरूरत है। इम्पार ने अपनी सर्वे रिपोर्ट में यह भी कहा है कि तत्काल राहत से कोई फायदा नहीं होगा जब तक कि पीड़ितों की स्थाई रूप से आजीविका का प्रबंधन नहीं किया जाता है।

इम्पार ने आजीविका की व्यवस्था करने, पुनर्वास दिलाने और उनके रोजगार को पुनर्बहाल करने के लिए जिन पीड़ितों की सूची बनाई है उसमें 18 नाम शामिल है। संस्था ने जिन पीड़ितों को अविलंब राशन और खाद्य सामग्री देने के लिए सूची बनाई है उसमें 29 लोग शामिल हैं। संस्था ने राहत व मदद पहुंचाने के लिए जिन पीडितों की सूची बनाई है उसमें अधिकांश मुस्लिम हैं। इम्पार ने सांप्रदायिक हिंसा और अतिक्रमण हटाओ अभियान में के दौरान इन लोगों की हुई आर्थिक क्षति का व्यौरा भी दिया है।

इसके पहले इम्पार ने सांप्रदायिक हिंसा को टालने और शांति सौहर्द बनाए रखने के लिए धर्मिक जुलूस के समय मुसलमानों के लिए दिशा-निर्देश जारी किए थे। दिल्ली के जहांगिरीपुरी में रामनवमी और हनुमान जयंती के मौके पर निकाले गए धार्मिक जुलूस को लेकर हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद इम्पार ने अपने कौम के लोगों के लिए विस्तृत दिशा निर्देश जारी किए जिसकी कई क्षेत्रों में प्रशंसा हो रही है। इम्पार के अध्यक्ष डॉ. एमजे खान और कार्यकारी निदेशक खालिद अंसारी के नृत्व में यह संगठन आज मुस्लिम समाज के लिए सबसे बड़ा थिंक टैक के रूप में उभर कर सामने आया है। मुसलमानों में सामाजिक सुधार, आर्थिक विकास, शिक्षा, रोजगार और सांप्रदायिक हिंसा जैसी घटनाओं को टालने के लिए इम्पार ने कई सरहानीय कार्य किए है।