झारखंड की ग्रामीण आदिवासी महिलाओं को दिया गया सजावटी मछली पालन का प्रशिक्षण

झारखंड की ग्रामीण आदिवासी महिलाओं को दिया गया सजावटी मछली पालन का प्रशिक्षण

कोलकाता, 7 जूनः पश्चिम बंगाल पशु और मत्स्य विज्ञान विश्वविद्यालय (डब्लूबीयूएएफएस) के कुलपति प्रो.चंचल गुहा ने झारखंड की आदिवासी महिलाओं के लिए सजावटी मछली पालन पर पांच दिवसीय कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन किया। डॉ.एच.एन.द्विवेदी, झारखंड के मत्स्य पालन विभाग के निदेशक और आईसीएआरसिफ़री के निदेशक डॉ. बि.के.दास ने उद्घाटन सत्र में उपस्थित रहकर कार्यक्रम की शोभा में वृद्धि की ।

सिफ़री के निदेशक डॉ. बि.के. दास ने कहा कि मत्स्य पालन विभाग के परामर्श से लाभार्थियों के बीच सजावटी मछली पालन किट की 60 इकाइयां वितरित की गई हैं, और ग्रामीण महिलाओं ने खेती का अभ्यास शुरू भी किया है। चयनित लाभार्थियों को एफआरपी सजावटी टैंक (400 लीटर), सजावटी मछली बीज, मछली चारा, जलवाहक, दवा और अन्य सामान प्रदान किए गए थे। रांची, जमशेदपुर और बोकारो में ऑनसाइट प्रदर्शन और जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया और उन्हें प्रारंभिक कौशल प्रदान किया गया। इन पांच दिनों के प्रशिक्षण कार्यक्रम में सजावटी मछली हैचरी में उन्हें न केवल मछली पालन के तरीके सिखाए गए बल्कि सजावटी मछली पालन के गांव का दौरा भी कराया गया । साथ ही पालन अवधि के दौरान उत्पन्न समस्यायों के हल भी बताए गए।

जमशेदपुर में लगभग 64 खुदरा और थोक सजावटी मछली उद्यम, कोलकाता के बाजार से सजावटी मछली पर निर्भर हैं। इस प्रशिक्षण  के दौरान, प्रशिक्षुओं ने एक्वेरियम के निर्माण, सजावटी मछलियों को संभालने, विभिन्न सजावटी मछलियों जैसे गप्पी, मौली, प्लेटी और स्वोर्डटेल और अंडे जानने वाली गोल्ड फिश, कोई कार्प के प्रजनन की प्रक्रिया सीखी। उन्हें फ़ीड की आवश्यकता (प्राकृतिक और कृत्रिम दोनों) और मछली के भोजन के समय, सामान्य रोग और उनके उपचार के बारे में भी सिखाया गया।