प्रेरणादायक है शर्मा जी की आत्म-जीवनीः केसरीनाथ

प्रेरणादायक है शर्मा जी की आत्म-जीवनीः केसरीनाथ

सीताराम शर्मा की पुस्तक ‘जीवन के मोड़’ का हुआ लोकार्पण

कोलकाता, 16 मार्चः सुप्रसिद्ध समाजसेवी, समाज चिंतक, लेखक-पत्रकार व राजनीतिक पर्यवेक्षक श्री सीताराम शर्मा की आत्मजीवनी ‘जीवन के मोड़’ का बुधवार को एक भव्य समारोह में विमोचन हुआ। पूर्व राज्यपाल श्री केसरीनाथ त्रिपाठी ने इलाहाबाद से आभाषी माध्यम से पुस्तक का लोकार्पण करते हुए कहा कि सीताराम शर्मा ने अपनी आत्मजीवनी के माध्यम से सफलता का रास्ता दिखाया है। नई पीढ़ी उनकी आत्मजीवनी पढ़कर कठिन परिस्थियों का सामना करते हुए जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा लेगी। यह आत्मजीवनी एक ऐतिहासिक दस्तावेज है।

यादवपुर विश्वविद्यालय के कुलपति सुरंजन दास ने कहा कि सीताराम शर्मा बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी है। दूसरों की मदद के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ की संस्था में कूटनीतिक स्तर पर उन्होंने अपनी जिम्मेदारी निभाई तो मौलाना अबुल कलाम आजाद इंस्टीच्यूट आफ एशियन स्टडीज के चेयरमैन के तौर पर अकादमिक प्रशासक के दायित्वों का सफल निर्वाह किया। बच्चों को शिक्षण संस्थानों में दाखिला से लेकर विदेशों में किसी के विजा की समस्या तक के हल करने में सीताराम शर्मा की भूमिका सबके लिए सहयोगी रही है। आत्म जीवनी लिखने के पहले श्री शर्मा ने कई पुस्तकों की रचना की। अंग्रेजी में प्रकाशित उनकी पुस्तक ‘वेस्ट बंगाल चेंचिंग कलर एंड चेंचिंग चैलेनजेस’ शोध छात्रों के लिए हमेशा प्रासंगिक रहेगी। उनकी आत्मजीवनी ‘जीवन के मोड़’ भी प्रेरणादायक है।

उद्योगपति श्रीमोहन बांगड़ ने कहा कि श्री शर्मा बहुमुखी प्रतिभा के धनी है। उनकी आत्मजीवनी में भी उनकी बहुआयामी व्यक्तित्व झलकता है जो सबके लिए प्रेरणादायक है।

सन्मार्ग के संपादक विवेक गुप्ता ने कहा कि श्री शर्मा की आत्मजीवनी ‘जीवन के मोड़’  के साथ ही उनकी रचनात्मक उर्जा का विराम नहीं हो सकता। उनकी रचनात्मक उर्जा आगे भी देखने को मिलेगी। उनके जीवन के एक नहीं कई मोड़ है जो एक पुस्तक में संपन्न नहीं हो सकता है। विवेक गुप्ता ने कहा कि श्री शर्मा का परामर्श उन्हें भी समय समय पर मिलता रहा है। उन्हें इस तरह की और प्रेरणादायक पुस्तकें लिखनी चाहिए।

ताजा टीवी और छपते छपते के प्रधान संपादक विश्वम्भर नेवर ने श्री सीताराम शर्मा के साथ एक मित्र के तौर पर बिताए अपने संघर्ष के दिनों का अनुभव साझा किया। श्री नेवर ने कहा कि लेखक सीताराम शर्मा के साथ उन्होंने लंबे समय तक सार्वजिनक जीवन व्यतित किया है। संघर्ष के दिनों में आगे बढ़ने में आर्थिक तंगी आई लेकिन दोनों के मार्ग में वह बाधक नहीं बनी। हमने कठिन से कठिन परिस्थियों का हंस कर सामना किया और अपना मुकाम हासिल किया।

लोकार्पण समारोह में उद्योगपति व सेमाज सेवी प्रह्लाद राय अग्रवाल, भानीराम सुरेका, मेजर जनरल अरुण राय, श्रीमती मंजू दूगड़ और नंदकिशोर शर्मा ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

इस मौके पर लेखक श्री सीताराम शर्मा ने कहा कि आत्मजीवनी में उन्होंने अपने जीवन के अनुभव को तटस्थ रूप में रखा है। आत्मजीवनी लिखना एक चुनौतीपूर्ण काम है। शब्द बता देते हैं कि लेखक ने कितनी ईमानदारी और निष्पक्षता का परिचय दिया है। कार्यक्रम का संचालन अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन के पूर्व अध्यक्ष श्री शिव कुमार लोहिया ने किया। समारोह में उद्योगपति जेके सराफ और पाक्षिक समाचार पत्र ‘मारवाड़ी मेल’ के संपादक व संचालक प्रमोद गोयनका समेत अन्य विशिष्ट व्यक्ति उपस्थित थे। बालीगंज के आइरनसाइड रोड स्थित कृष्ण निवास में आयोजित लोकार्पण समारोह में समाज के अन्य विशिष्ट लोग उपस्थित थे जिसमें महिलाएं भी शामिल थीं।