कलकत्ता गर्ल्स कॉलेज में महिला दिवस पर आयोजित हुई ‘रोशनी’

कलकत्ता गर्ल्स कॉलेज में महिला दिवस पर आयोजित हुई ‘रोशनी’

अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के आयोजन में सम्मानित की गयीं प्राक्तन प्राचार्या, जीबी सदस्य एवं शिक्षिकाएं
कोलकाता । कलकत्ता गर्ल्स कॉलेज में महिला दिवस पर कॉलेज की विकास यात्रा में योगदान देने वाली महिलाओं को सम्मानित किया गया । कॉलेज की भरोसा, विमेन सेल ने आईक्यूएसी के साथ गत शनिवार, 11 मार्च को महिला दिवस पर सम्मान समारोह ‘रोशनी’ आयोजित किया । इस समारोह में कलकत्ता गर्ल्स कॉलेज की पूर्व प्राचार्या डॉ. मीरा भौमिक (1982 – 1994), डॉ. अजिता आचार्य (1997 – 2003) सम्मानित की गयीं । सम्मानित होने वाली शिक्षिकाओं एवं जीबी सदस्यों में दीपा मुखोपाध्याय, जीबी सदस्य एवं उर्दू विभाग की शिक्षिका डॉ. यास्मीन अख्तर (1995 – 2021), पूर्व टीचर इन्चार्ज एवं अंग्रेजी विभाग की प्राध्यापिका सुनीपा दे (2003), डॉ. रेवा सरकार (बांग्ला विभाग, 1975 – 2002), उर्दू विभाग की सेवानिवृत्त प्राध्यापिका डॉ. उजरा राना उस्मानी शामिल थीं । इन सभी सम्मानित अतिथियों ने कॉलेज की विकास यात्रा एवं अपनी स्मृतियों को साझा किया और वर्तमान समय में हो रही कॉलेज की प्रगति को सराहा । कलकत्ता गर्ल्स कॉलेज की प्राचार्या डॉ. सत्या उपाध्याय ने कहा कि कोई भी संस्थान आमतौर पर सेवानिवृत्ति के बाद उनको भूल जाता है जिन्होंने संस्थान के विकास में उल्लेखनीय भूमिका निभाई । कॉलेज की स्थापना का यह 60वाँ वर्ष है और इसे देखते हुए यह सम्मान समारोह आयोजित किया गया । यह कार्यक्रम बहुत सफल रहा । सम्मान समारोह की शुरुआत संस्कृत स्वागत गीत से हुई । समारोह को सफल बनाने में आईक्यूएसी की संयोजक डॉ. सुपर्णा भट्टाचार्य, सीजीसी सहारा की संयोजक डॉ. संचिता दत्ता, कॉलेज की अल्यूमनी की संयोजक गुलशन खान समेत अन्य शिक्षक – शिक्षिकाओं एवं गैरशिक्षाकर्मियों का योगदान रहा ।

एकाकी लोगों के चेहरे पर खुशी के रंग लाई कलकत्ता गर्ल्स कॉलेज की ‘सत्क्रिया’
कोलकाता । अपने सामाजिक दायित्वों के प्रति सचेतनता का परिचय देते हुए कलकत्ता गर्ल्स कॉलेज ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है । कॉलेज की ओर से बस्तियों में अकेले रह रहे और जीवन की कठिनाइयों से जूझते लोगों को सम्मानित कर उनको उपहार प्रदान किया गया । सम्मानित होने वाले लोग इस अवसर पर काफी खुश और भावुक भी दिखे । कलकत्ता गर्ल्स कॉलेज की प्राचार्या डॉ. सत्या उपाध्याय ने इस बारे में बताया कि यह इस तरह का पहला आयोजन है । हमारा कॉलेज मध्य कोलकाता में हैं । यहाँ बहुत सी बस्तियाँ हैं जहाँ लोग अकेले रहते हैं और जीवन से जूझ रहे हैं । इसे देखकर मेरे मन में विचार आया कि हम अपने शिक्षण स्थानों में उच्च शिक्षा को प्रदान करते हैं परन्तु युवा पीढ़ी में सामाजिक दायित्वों का बोध भी होना चाहिए और इसके लिए ‘सत्क्रिया’ कार्यक्रम आयोजित किया गया है । युवाओं में अभिभावकों के प्रति समर्पण और देखरेख के प्रति जागरूकता लाने के लिए हमने शिक्षिकाओं एवं छात्राओं के माध्यम से स्थिति को समझने के लिए एक सर्वेक्षण करवाया । इस सर्वेक्षण के बाद 10 परिवारों को चुना गया जिसमें स्त्री और पुरुष, दोनों हैं । इनको हमने सम्मानित किया और छोटा सा उपहार दिया । इस अवसर पर कॉलेज के संचालन में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले कर्मियों को भी सम्मानित किया गया ।
हमने इनको प्रतिश्रुति दी है कि भविष्य में भी इस तरह के आयोजन होंगे और जब भी इनको सहायता की जरूरत होगी,  भविष्य में इन लोगों को कॉलेज की सीजीसी सहारा, आईक्यूएसी और एनएसएस द्वारा यह सहायता प्रदान की जाएगी। इस सर्वेक्षण को करने और आयोजन को सफल बनाने में सीजीसी सहारा की संयोजक संचिता दत्ता, आईक्यूएसी शाखा की संयोजक सुपर्णा भट्टाचार्य और एनएसएस के संयोजक प्रेम कुमार घोष एवं शिक्षिका श्रद्धा सलोनी के अतिरिक्त कॉलेज की छात्राओं का महत्वपूर्ण योगदान रहा ।