मुक्तांचल पत्रिका ने 10 वर्ष पूरे किए , संयुक्तांक का हुआ लोकार्पण

मुक्तांचल पत्रिका ने 10 वर्ष पूरे किए , संयुक्तांक का हुआ लोकार्पण
(कोलकाता/हावड़ा) :  पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले से प्रकाशित होने वाली हिंदी की साहित्यिक पत्रिका मुक्तांचल ने अपने प्रकाशन के 10 वर्ष पूरे कर लिए हैं। मुक्तांचल ने रविवार 3 मार्च को अपने संयुक्तांक (जुलाई-दिसंबर 2023, अंक 39-40) के लोकार्पण के साथ ही यह उपलब्धि हासिल कर ली है। मुक्तांचल के 10 वर्ष की पूर्ति के उपलक्ष्य में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी में पश्चिम बंगाल के कई वरिष्ठ साहित्यकारों ने अपनी उपस्थिति दर्ज की। कार्यक्रम के आरंभ में मुक्तांचल पत्रिका की संपादक डॉ. मीरा सिन्हा ने मुक्तांचल के पिछले एक दशक की यात्रा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मुक्तांचल पिछले एक दशक से साहित्यिक अभिव्यक्ति और बौद्धिक चर्चा को बढ़ावा देने के लिए अपनी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रहा है।
डॉ. प्रकाश अग्रवाल (खड़गपुर कॉलेज, पश्चिम बंगाल)  ने सोशल मीडिया के युग में साहित्य के सामने आने वाली समकालीन चुनौतियों को रेखांकित करते हुए कहा कि आज डिजिटल आकर्षणों के बीच साहित्य के मूल्य को बचाए रखने की आवश्यकता है। उन्होंने फेसबुक और व्हाट्सएप जैसे प्लेटफार्मों पर साहित्यिक कृतियों के तुष्टिकरण पर खेद व्यक्त किया और छात्रों से साहित्यिक लेखन के मानकों को बनाए रखने का आग्रह किया। डॉ. विजया सिंह (रानी बिरला गर्ल्स कॉलेज, कोलकाता) ने शिक्षा में नवाचार और अनुकूलन के महत्व पर बल दिया। सीखने के अनुभवों को बढ़ाने के लिए आधुनिक उपकरणों और माध्यमों के एकीकरण की वकालत की। उन्होंने शिक्षकों से पारंपरिक सीमाओं को पार करने और फेसबुक और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म जैसे माध्यमों के माध्यम से शिक्षा के नए दृष्टिकोणों को अपनाने का आग्रह किया।
 डॉ. विनय मिश्र (बंगवासी कॉलेज, कोलकाता) ने पत्रिका के पहुंच को विस्तार देने के लिए सोशल मीडिया और शैक्षणिक नेटवर्क के महत्व को उजागर किया। डॉ. स्नेहा सिंह (वूमेंस कॉलेज, कोलकाता) ने शिक्षा के क्षेत्र में नवीनता के आग्रह और पुरानी परिपाटी के परित्याग पर बल दिया। रितेश पांडेय (रंगकर्मी, नीलांबर) ने आज के विद्यार्थियों के तकनीकी क्षमताओं की सराहना की और साहित्यिक अभिव्यक्ति में नवाचार को प्रोत्साहित करने पर बल दिया। डॉ. पंकज साहा (खड़गपुर कॉलेज, पश्चिम बंगाल) ने साहित्य और शोध को बढ़ावा देने के लिए मुक्तांचल पत्रिका के प्रयासों की सराहना की। डॉ. सत्या उपाध्याय (प्रधानाचार्या, कलकत्ता गर्ल्स कॉलेज, कोलकाता) ने मुक्तांचल पत्रिका को 10 वर्ष पूरे करने के लिए शुभकामनाएं देते हुए राज्य के विभिन्न कॉलेजों के पुस्तकालयों में पत्रिका रखवाने और कविता कार्यशाला आयोजित करने का प्रस्ताव रखा।
आज की संगोष्ठी के अध्यक्ष डॉ. ऋषिकेश राय (सचिव टी बोर्ड, कोलकाता) ने रोजगारोन्मुखी साहित्य के प्रकाशन पर बल दिया और भारतीय भाषाओं के अनुवाद साहित्य पर चर्चा की। इसके अतिरिक्त शुभ्रा उपाध्याय (खुदीराम बोस सेंट्रल कॉलेज, कोलकाता), प्रिया श्रीवास्तव, सरिता खोवाला, आकाश गुप्ता, प्रिंस मिश्रा आदि ने भी अपने विचार रखें। अक्षिता साव ने अपनी स्वरचित कविता का पाठ किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में बलराम साव, पद्माकर व्यास, नगीना लाल दास, युवराज सिंह आदि लोगों का विषेश योगदान रहा। कार्यक्रम का सफलतापूर्वक संचालन विनोद यादव ने किया। अंत ने धन्यवाद ज्ञापन विवेक लाल ने दिया।