‘’ मनुष्य और प्रकृति के बीच संपर्क टूटने से होती है संक्रामक बीमारियां ‘’

‘’ मनुष्य और प्रकृति के बीच संपर्क टूटने से होती है संक्रामक बीमारियां ‘’

कोलकाता, 4 नवंबर 2023. इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ बायो-सोशल रिसर्च एंड डेवलपमेंट( इबराड) के चेयरमैन एसबी राय ने कहा है कि कभी-कभी प्रकृति मानव को बहुत कुछ सिख दे जाती है। कोरोना काल को प्रकृति की एक ऐसी ही सिख के रूप में देखा जा सकता है। मनुष्य और प्रकृति के बीच संपर्क टूटने से संक्रमाक बीमारियां फैलती है। जूनोटिक एक ऐसी है संक्रामक बीमारी हैं। सिर दर्द और पेट दर्द समेत अन्य तकलीफदेह लक्षणों के साथ मनुष्य में 65 प्रतिशत बीमारियां जूनोटिक से संबंधित है। यह ऐसी बीमारी है जिस पर चिकित्सकों का भी कोई वश नहीं चलता। इसकी रोकथाम के लिए सामाजिक स्तर पर लोगों के व्यवहार में परिवर्तन के लिए जागरूकता फैलाना होगा। जानवर के डाक्टर, मनुष्य के डाक्टर और पर्यावरण विशेषज्ञ सबको मिलकर सम्मिलित रूप से काम करना होगा। श्री राय ने 3 नवंबर को ‘’ वन हेल्थ सिस्टमः दि पाथवेज टू एचिविंग सस्टनेबल हेल्थ एंड फूड सिस्टम ‘’ पर आयोजित कार्यशाला के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए यह बातें कही। इबराड के सम्मेलन कक्ष में आयोजित कार्यशाला में सिस्टर निवेदिता यूनिवर्सिटी और ब्रेनवेयर यूनिवर्सिटी समेत राज्य के अन्य उच्च शिक्षण संस्थानों के वरिष्ठ संकाय सदस्य और छात्र-छात्राएं उपस्थित थीं। राय ने संबंधित शोध व उच्च शिक्षण संस्थानों को इबराड में ‘’ एक स्वास्थ्य ‘’ की अवधारणा पर सम्मिलित केंद्र स्थापित करने का प्रस्ताव देते हुए कहा कि समय के साथ स्वास्थ्य और जैव विधिता की रक्षा के लिए कार्य पद्धति बदलनी होगी। अब एकल प्रयास कारगर नहीं हो सकता। यह समय अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग चुनौतियों से निपटने की मांग करता है।

कार्यशाला में प्रो. बुद्धदेव चौधरी, डॉ. अशोक सान्याल, डॉ. अरूप रतन बंद्योपाध्याय, डॉ. संधिमिता मंडल, डॉ. रिपम विश्वास, डॉ. परितोष भट्टाचार्य ने जैव विविधता की रक्षा, पर्यावरण, जैविक खेती, मिट्टी की उर्वरता और रोग के निदान में एंटीवायटिक के इस्तेमाल आदि विविध विषयों पर गंभीरता से प्रकाश डाला। कार्यशाला में सिस्टर निवेदिता यूनिर्वसिटी के कुलपति डॉ. ध्रुवज्योति चटोपाध्याय ने बतौर मुख्य अतिथि कहा कि समाज के व्यापक हित के लिए हमें आपसी सहयोग से सम्मिलित रूप से काम करना होगा। उन्होंने स्वास्थ्य संबंधी गंभीर मुद्दे पर सरकारी और गैर सरकारी कुछ उच्च शिक्षण संस्थानों के वरिष्ठ संकाय सदस्यों और छात्र-छात्राओं को लेकर इस तरह के कार्यशाला आयोजित करने के लिए इबराड के प्रयासों की सरहाना की। कार्यशाला का संचालन इबराड की कार्यकारी निदेशक रक्तिमा मुखोपाध्याय ने किया।