*”लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड “* से सम्मानित हुए बस्तर के डॉ. राजाराम त्रिपाठी

*”लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड “* से सम्मानित हुए बस्तर के डॉ. राजाराम त्रिपाठी

*कालीमिर्च, सफेद मूसली ऑस्ट्रेलियन टीक,स्टीविया, इंसुलिन पौधा की नई किस्मों पर दीर्घकालिक शोध के लिए मिला अवार्ड,*

विगत 30 वर्षों से अधिक समय से हर्बल कृषि के क्षेत्र में नित नए नए शोध एवं प्रयोगों की वजह से हर्बल कृषि में वैश्विक स्तर पर लगातार कई कीर्तिमान स्थापित करते हुए, कृषि को फायदे का सौदा बनाकर उससे लाभ प्राप्त करने वाले बस्तर संभाग के कोंडागांव जिले के प्रसिद्ध हर्बल कृषक डॉ राजाराम त्रिपाठी को थिंक मीडिया, बालाजी समूह ने उद्यानिकी विभाग छत्तीसगढ़ शासन की सहभागिता में छत्तीसगढ़ व बस्तर की कृषि के ज्वलंत मुद्दों पर जीवंत परिचर्चा चर्चा आयोजित की एवं  बस्तर के प्रगतिशील किसानों को मंच से सम्मानित किया।
    *इस आयोजन का प्रमुख आकर्षण था बस्तर की माटी के लाल डॉ राजाराम त्रिपाठी के द्वारा अंचल की खेती,किसानों और मुख्य रूप से जनजातीय समुदाय की 30 वर्षों की गई अनर्हिश सेवा हेतु “लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड” से सम्मानित करना।*  डॉक्टर त्रिपाठी को यह सम्मान बस्तर के अंचल के लोकप्रिय जननायक केबिनेट  मंत्री तथा पूर्व पीसीसी अध्यक्ष श्री मोहन मरकाम तथा वरिष्ठ पत्रकार ए.एन. द्विवेदी के करकमलों से प्रदान किया गया। इस कार्यक्रम में प्रदेश में सबसे कम उम्र में मंत्री बनाए गए तथा 15 वर्षों तक लगातार मंत्री रहे कद्दावर जननेता केदार कश्यप, शाकंभरी बोर्ड के सदस्य रितेश पटेल,जन प्रतिनिधि तरुण गोलछा,जिजप सदस्य बाल सिंह बघेल, उद्यानकी व कृषि विभाग के उच्चाधिकारी  श्री गौतम, श्री ध्रुव, समाजसेवी यतीद्र छोटू सलाम, मां दंतेश्वरी हर्बल समूह के निदेशक अनुराग कुमार,बलई चक्रवर्ती,शंकर नाग,कृष्णा नेताम, मेंगो नेताम तथा  अनुज नाहरिया,अंजय यादव सहित मीडिया जगत के साथियों की गरिमामय उपस्थिति रही। इसके अलावा इस आयोजन में सम्मानित होने वाले प्रगतिशील किसानों महिला समूहों ने भी सैकड़ो की संख्या में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
इस अवसर पर डॉक्टर त्रिपाठी ने उन्हें सम्मानित करने वाली संस्थाओं तथा स्थानीय जनप्रतिनिधियों, स्थानीय प्रशासन और स्थानीय मीडिया के साथियों को हमेशा सहयोग देने और हौसला बढ़ाने हेतु  विशेष रूप से धन्यवाद दिया।
उन्होंने कहा कि यह सम्मान दरअसल उनका सम्मान नहीं है, यह तो बस्तर की माटी का सम्मान है और उन्होंने अपने सम्मान को मां दंतेश्वरी हर्बल समूह परिवार के सभी सदस्यों को सादर समर्पित किया। आगे उन्होंने कहा कि मां दंतेश्वरी की कृपा,बस्तर के माटी के प्रताप एवं मां दंतेश्वरी हर्बल समूह के साथियों के कठोर परिश्रम से उन्हें देश-विदेश में सैकड़ो अवार्ड तथा पुरस्कार मिले हैं। किंतु अपनी कर्म-भूमि में ,अपने क्षेत्र के जननायकों के हाथों सम्मानित होना मेरे जीवन का सबसे बड़ा सम्मान है।
         गौरतलब है कि डॉ त्रिपाठी द्वारा “माँ दंतेश्वरी हर्बल फार्म तथा रिसर्च सेंटर ” के जरिए विगत तीन दशकों से कई प्रकार के देश विदेश में भारी मांग वाली हर्बल फसलों जैसे सफेद मूसली,स्टीविया,काली मिर्च,आस्ट्रेलियन टीक आदि फसलों की गुणवत्ता उत्पादकता तथा लाभदायकता बढ़ाने के दृष्टिकोण से इनपर निरन्तर शोध कार्य करते हुए कई हर्बल फसलों की  उन्नत किस्में भी डॉ त्रिपाठी के द्वारा विकसित की गई हैं। इन नई किस्मो के अंकुरण दर और उनकी उत्पादन क्षमता में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी दर्ज हुई है। इनके द्वारा विकसित की गई उन्नत किस्म की काली मिर्च  “मां दंतेश्वरी काली मिर्च-16” और ‘आस्ट्रेलियन टीक’ की  सफल जुगलजोड़ी ने कृषि जगत में ही नहीं वल्कि राष्ट्रीय खबरों में भी धूम मचाई है । हाल में ही इन्हें 40 लाख रुपए में बनने वाले 1 एकड़ के “पाली हाउस” का मात्र डेढ़ लाख रुपए में सस्ता टिकाऊ और ज्यादा लाभ देने वाला नैसर्गिक विकल्प “नेचुरल ग्रीन हाउस” के सफल मॉडल हेतु, देश के कृषि मंत्री  श्री नरेंद्र सिंह तोमर के हाथों  देश के सर्वश्रेष्ठ किसान (Best Farmer Award-23) का अवार्ड भी प्रदान किया  गया है। बीएससी ,(गणित), एलएलबी, कार्पोरेट-ला एवं पांच अलग-अलग विषयों में स्नातकोत्तर की डिग्रियों तथा डॉक्टरेट की उपाधि के साथ डॉ त्रिपाठी देश के सबसे ज्यादा पढ़े लिखे अग्रिम पंक्ति के किसान-नेता के रूप में भी जाने जाते है । सबसे बड़ी बात यह है कि इनके इन रिसर्च तथा नवाचारों के फायदे बस्तर छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि पूरे देश के किसान उठाने लगे हैं। डॉ त्रिपाठी के उच्च लाभदायक बहुस्तरीय खेती तथा नेचुरल ग्रीनहाउस के ‘कोंडागांव-मॉडल’ को देश की खेती का गेम चेंजर माना जा रहा है