डिजिटल प्लेटफार्म पर ‘पैरोकार’ पत्रिका का आगाज

डिजिटल प्लेटफार्म पर ‘पैरोकार’ पत्रिका का आगाज
  • पैरोकार टीवी और पैरोकार वार्ता डॉट कम की हुई लांचिंग
  • अपने उद्देश्यों में आगे बढ़ रही है पत्रिकाः प्रो. संजय जायसवाल

कोलकाताः पिछले दस वर्षों से प्रकाशित होनेवाली त्रैमासिक हिंदी पत्रिका ‘पैरोकार’ का डिजिटल प्लेटफार्म पर धमाकेदार आगाज हुआ। पत्रिका के प्रधान संपादक अनवर हुसैन ने मंगलवार को बांगुर मुक्त मंच में आयोजित एक रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम में इसके डिजिटल संस्करण को लांच किया। समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित विद्यासागार विश्वविद्यालय के सहायक प्रो. संजय जायसवाल ने कहा कि पैरोकार अपने प्रकाशन काल से ही हिंदी के नए रचनाकारों को मंच प्रदान करती रही है। पैरोकार का अर्थ होता है दूसरों की यानी जनसाधारण की पैरवी करना। अपने नाम के अनुरूप पत्रिका अपने उद्देश्यों की पूर्ति करने में तेजी से आगे बढ़ रही है। कोलकाता के आगरपाड़ा से प्रकाशित होने वाली एक लघु पत्रिका को अत्याधुनिक तकनीकी के साथ डिजिटल प्लेटफार्म के व्यापक फलक पर पेश करना अपने आप में सराहनीय कमद है।

 

 

 

पैरोकार के प्रधान संपादक अनवर हुसैन ने कहा कि करोना काल और लॉकडाउन की स्थिति उनके लिए हताशा से कम नहीं थी। वर्ष 2020 में प्रकाशित पैरोकार के मीडिया विशेषांक की राष्ट्रीय स्तर पर सराहना हुई। उत्साहित होकर उन्होंने पत्रिका के शेष अंक का भी प्रकाशन किया। लेकिन लॉकडाउन के कारण पत्रिका छप जाने के बावजूद पाठकों तक नहीं पहुंच सकी। यह स्थिति उनके लिए हताशा भरी रही और एक बार ऐसा लगा कि सीमित संसाधान और व्यक्तिगत प्रयास से पत्रिका का प्रकाशन अब असंभव है। लेकिन लॉकडाउन की चुनौतियों से जूझते हुए उन्होंने अवसर भी तलाश लिया और पत्रिका को नए कलेवर में डिजिटल फार्म में लाने का निर्णय किया।

पैरोकार वार्ता डॉटकम पर पत्रिकमा ई-मैगजीन के रूप में अपलोड करने की तैयारी कर ली गई। अब पत्रिका का नियमित अंक पाठक देश की किसी भी कोने में बैठकर ई-मैगजीन के रूप में पढ़ सकते हैं। सोशल मीडिया पर टैक्सट की तुलना में वीडियो की अधिकता को देखते हुए पैरोकार टीवी शीर्षक से यूट्यूब चैनल भी शुरू करने करने का निर्णय किया गया। पैरोकार के साहित्यिक पहचान को बरकरार रखते हुए इसका विस्तार किया जा रहा है। साहित्यिक पत्रिका का नियमित अंक ई-मैगजीन के रूप में पहले पोर्टल पर अपलोड होगा और देर सबेर मुद्रित अंक भी पाठकों तक पहुंचेगा। इसके अतिरिक्त स्वास्थ्य, शिक्षा, संस्कृति, कृषि, व्यापार और मनोरंजन से जुड़ी समसामयिक सामग्री भी पैरोकार वार्ता डॉटकम के पाठकों को नियमित प्राप्त होगी।

 

इस मौके पर लायंस क्लब आफ कोलकाता मैग्नेट्स और पैरोकार के संयुक्त तत्वाधान में भारतीय ‘लोकतंत्र में न्यू मीडिया की संभावनाएं और चुनौतियां’ शीर्षक से एक राष्ट्रीय सेमिनार भी संपन्न हुआ जिसमें आईसेक्ट यूनिवर्सिटी, हजारीबाग( डिपार्टमेंट आफ जर्नालिज्म एंड मास कम्युनिकेशन) के सहायक प्रोफेसर डॉ. ललित कुमार और वरिष्ठ स्थानीय शिक्षक नारायण दास समेत अन्य वक्ताओं ने अपने विचार रखे। सेमिनार में शोधार्थी, छात्र और शिक्षकों ने समान रूप से भागीदारी की। इस मौके पर लायंस क्लब आफ कोलकाता मैग्नेट्स की ओर से पैरोकार के प्रधान संपादक अनवर हुसैन को पत्रकारिता के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदाने के लिए प्रशस्ति पत्र और मेडल प्रदान कर सम्मानित किया गया।

धन्यवाद ज्ञापन पैरोकार के प्रबंध संपादक मनोज कुमार ने किया और कार्यक्रम का संचालन लायंस क्लब आफ कोलकाता मैग्नेट्स के अध्यक्ष व हैलो कोलकाता के संपादक-निदेशक आशीष बसाक ने किया।