सिफ़री ने किया पश्चिम बंगाल के डूमा आर्द्रभूमि में मत्स्य हार्वेस्ट मेला का आयोजन

सिफ़री ने किया पश्चिम बंगाल के डूमा आर्द्रभूमि में मत्स्य हार्वेस्ट मेला का आयोजन

कोलकाता, 1 मईः भाकृअनुप-सिफ़री पश्चिम बंगाल के विभिन्न आर्द्रभूमियों में अनुसूचित जनजाति उपयोजना कार्यक्रम (एससीएसपी) के तहत आर्द्रभूमि में उत्पादन बढ़ाने की रणनीति पर काम कर रहा है। पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना में स्थित डूमा एशिया की सबसे बड़ी घोड़े की नाल के आकार की आर्द्रभूमियों में से एक है, जिसका क्षेत्रफल 257 हेक्टेयर है और पानी की गहराई 8 – 17 फीट है। डूमा फिशरमेन्स कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड आर्द्रभूमि के प्रबंधन कार्य से युक्त है। 30 महिला मछुआरों सहित 1081 सदस्य इसमें शामिल हैं। डूमा आर्द्रभूमि के आसपास के 9 गांवों के मछुआरे परिवार पूरी तरह से इस आर्द्रभूमि पर निर्भरशील हैं। भाकृअनुप-सिफ़री ने फरवरी 2021 में निदेशक डॉ. बि.के.दास की प्रेरणा और नेतृत्व में उत्पादन वृद्धि प्रदर्शन के लिए इस आर्द्रभूमि में काम शुरू किया और तीन साल की अवधि के भीतर मछली उत्पादन को 1000 किग्रा/हेक्टेयर/वर्ष तक बढ़ाने के लक्ष्य के साथ पेन कल्चर प्रदर्शन की भी शुरूवात की।

पेन कल्चर प्रदर्शन के लिए 0.1 हेक्टेयर के छह सिफ़री एचडीपीई®पेन स्थापित किए गए जिनमें पाँच पेन में भारतीय मेजर कार्प (1,20,000 संख्या/लगभग 710 किग्रा) और ग्रास कार्प (12,000 संख्या/लगभग 70 किग्रा) की अंगुलिमीन स्थापित किए गए। तकनीकी सहायता और मार्गदर्शन के अलावा, सिफ़री ने मछली फ़ीड (लगभग 9.0 टन) और मछली बीज जैसे इनपुट भी प्रदान किए। सिफ़री की सहायता से आर्द्रभूमि सहकारी समिति ने मछलियों को पेन में 35-40 ग्राम के आकार तक बढ़ा किया और उसके बाद आर्द्रभूमि में छोड़ दिया।

18 अप्रैल 2022 को सहकारी समिति के सक्रिय समर्थन के साथ पकड़ के 63 वें दिन, सिफ़री द्वारा मत्स्य हार्वेस्ट मेला का आयोजन किया गया। इस हार्वेस्ट मेला के अवसर पर उन्होंने भारतीय प्रमुख कार्प (आईएमसी) और अन्य देशी मछलियों सहित लगभग 250 किलोग्राम मछलियों की पकड़ की। इन 2 महीने की लंबी पकड़ अवधि के दौरान, उन्होंने लगभग 30 लाख मूल्य की 15 टन व्यावसायिक मछली की पकड़ की है। इसके अलावा, 500 से अधिक सक्रिय मछुआरे नियमित रूप से छोटी देशी मछलियों जैसे गुडुसिया छपरा, एंब्लीफरींगोडन मोला, सिस्टोमस सरना, पुंटियस एसपीपी, ग्लोसोगोबियस ग्यूरिस, मैक्रोग्नैथस एसपीपी, कैटफ़िश, छोटे आकार के मुर्रल आदि मछली की पकड़ में शामिल हैं।