सोच-विचार कर किया गया वोट ही मतदान : श्री लोहिया

सोच-विचार कर किया गया वोट ही मतदान : श्री लोहिया

अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन के केंद्रीय कार्यालय सभागार में ‘वोट का अधिकार, लोकतंत्र का आधार’ विषय पर संगोष्ठी का आयोजन संपन्न हुआ। सुप्रसिद्ध पत्रकार कौशल किशोर त्रिवेदी ने अपने वक्तव्य में कहा कि देश में चुनाव और लोकतंत्र की स्थिति ऐसी है कि आम लोगों की जागरूकता के लिए हमें और काम करने की आवश्यकता है। लोगों को मतदान के प्रति संवेदनशील बनाना होगा, अगर हम खुद वोट देने नहीं जाते हैं, तो सरकार के रुख को लेकर चिंता करने अथवा उसे दोष देने का भी हमारा अधिकार स्वतः ही खत्म हो जाता है। जब हम  सौ प्रतिशत वोट देने लगेंगे यकीन मानिए, सरकारें मनमानी करने से डरने लगेंगी।

            संगोष्ठी को संबोधित करती हुई सुप्रसिद्ध शिक्षाविद एवं बाबा साहब अम्बेडकर एजुकेशन यूनिवर्सिटी की कुलपति डॉ. सोमा बंद्योपाध्याय ने कहा कि भारत सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है, चुनाव  देश में जनतंत्र का सबसे बड़ा उत्सव है। उन्होंने अपने जीवनानुभवों को साझा करते हुए कहा कि मेरे बचपन का हिस्सा नॉर्थ ईस्ट में अधिक गुजरा है, मिजोरम, केरल आदि जैसे राज्यों में देखा है कि वहां वोटिंग प्रतिशत भारत के अन्य क्षेत्रों की अपेक्षा अधिक होती है। इसकी वजह यह है कि वहां के लोग शिक्षित हैं। वे अपने अधिकारों से परिचित है। इसलिए मतदान में भाग लेते है। लेकिन, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज भी देश में कई जगहों पर लोग यह तक नहीं जानते कि उनके प्रत्याशी कौन हैं, किस दल से हैं, उनका चुनाव चिह्न क्या है। कुछ लोग तो बताते हैं कि उन्हें बता दिया जाता है कि इसमें वोट देना है और उसको वोट डाल देते हैं। यह किसी भी लोकतांत्रिक देश के लिए दुखद स्थिति है।

            सुप्रसिद्ध प्रेरक वक्ता सीए विनोद अग्रवाल ने कहा कि  वोट का अधिकार बहुत  महत्वपूर्ण अधिकार है। जो हमें बाबा साहब अम्बेडकर ने दिया है। हमें खुद भी और समाज को भी अधिक से अधिक जागरूक करने की जरूरत है। आज गलत शब्द का पर्यायवाची राजनीति बन गया है। इस कारण इसमें अधिक से अधिक अच्छे लोगों का आना और जरूरी हो गया है। आज समय की सबसे बड़ी मांग यह है कि अच्छे लोग राजनीति में ज्यादा से ज्यादा आएँ। हमें राजनीति में अपने स्वार्थ को त्याग कर समाज एवं लोगों के लिए राजनीति करनी चाहिए।

            राष्ट्रीय अध्यक्ष शिव कुमार लोहिया ने कहा कि सम्मेलन की स्थापना १९३५ में हुई थी तब से हम, लोगों में वोट के प्रति जागरूकता को लेकर कार्यक्रम करते आ रहे हैं। आज राजनीति के नाम पर देश में कुनीति हो रही है। हमें देश के कल्याण के लिए बिना किसी डर व लालच के अपने मताधिकार का प्रयोग करना चाहिए, इस दिशा में लोगों को जागरूक करने के लिए बड़े पैमाने पर हम प्रयास कर रहे है। चुनाव की आड़ में हो रहे भ्रष्टाचार पर हमें नजर रखनी चाहिए। आज ऐसी स्थिति पैदा कर दी गई है कि जिनके पास पैसा नहीं है, वे लोग चुनाव लड़ ही नहीं सकते, यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है। सोच-विचार कर किया गया वोट ही मतदान है। मतदान के प्रति नए युवकों में उदासीनता है, उसके कारणों को हमें समझकर आवश्यक कार्य करने की जरूरत है। अंत में उन्होंने कहा कि मतदान के प्रति हम खुद सजग हों और साथ में अपने आस-पास के लोगों को भी प्रोत्साहित करें। कोई समस्या हो या शिकायत हो तो चुनाव आयोग के CVIGIL एप का व्यवहार कर शिकायत दर्ज करवाएँ। चुनाव आयोग आपके शिकायत पर  तत्काल कार्रवाई करती है।

सम्मेलन के राजनीतिक चेतना उपसमिति के चेयरमैन नंदलाल सिंघानिया ने कार्यक्रम के विषय में जानकारी देते हुए कहा कि वोट देने हेतु जागरूकता के लिए हम कार्यक्रम करते रहे हैं और कर रहे हैं। हमें अधिक से अधिक लोगों को जागरूक करना चाहिए। हमें अपने परिवार और स्वजनों के साथ ही साथ आसपास के लोगों को भी वोट देने के लिए प्रेरित, प्रोत्साहित करना चाहिए। वोट हमारा अधिकार है और इसका प्रयोग हमें करना ही चाहिए। राष्ट्रीय महामंत्री कैलाशपति तोदी ने कार्यक्रम का सफल संचालन करते हुए कहा कि हम सभी को अपनी जिम्मेदारी समझकर वोट जरूर करना चाहिए।

सम्मेलन पदाधिकारियों एवं सदस्यों ने कुलपति डॉ. सोमा बंद्योपाध्याय एवं प्रेरक वक्ता सीए विनोद अग्रवाल को दुपट्टा व शाल भेंटकर सम्मान किया। साथ में प्रभात खबर के संपादक कौशल किशोर त्रिवेदी को दुपट्टा भेंटकर सम्मान किया।राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष केदार नाथ गुप्ता ने ‘तू वोट कर’ कविता का पाठ कर लोगों को वोट देने के लिए प्रेरित किया। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिनेश जैन ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।

इस अवसर पर राष्ट्रीय संयुक्त महामंत्री पवन कुमार जालान, पश्चिम बंग मारवाड़ी सम्मेलन के अध्यक्ष नंद किशोर अग्रवाल, जुगल किशोर जाजोदिया, शंकर लाल कारीवाल, अनिल कुमार मल्लावत, घनश्याम सुगला, पवन कुमार बंसल, पीयूष केयाल, सज्जन बेरिवाल, अशोक पुरोहित, रघुनाथ झुनझुनवाला, राजेश कुमार सोंथलिया, अरविंद कुमार मुरारका, बाबूलाल बंका, बिनय कुमार सिंघानिया, जीतेंद्र शर्मा, पवन जैन, सांवरमल शर्मा, प्रकाश चंद नाहर, सुनील कुमार खेता, शशि कांत शाह, सरद श्रॉफ, तारा चंद पाटोदिया व अन्य उपस्थित थे।