पत्रकारिता के संक्रमण काल में याद किए गए सुरेंद्र प्रताप सिंह

पत्रकारिता के संक्रमण काल में याद किए गए सुरेंद्र प्रताप सिंह
सुरेन्द्र प्रताप सिंह की 75वीं जयंती पर संगोष्ठी आयोजित
कोलकाता 4दिसम्बर। पश्चिम बंग हिंदी भाषी समाज ने राजस्थान सूचना केन्द्र में हिंदी पत्रकारिता में इतिहास रचनेवाले साप्ताहिक “रविवार “के पूर्व संपादक और दूरदर्शन के पहले लोकप्रिय समाचार कार्यक्रम “आज तक” के प्रस्तोता सुरेन्द्र प्रताप सिंह की 75वीं जयंती मनायी।इस अवसर पर “सुरेन्द्र प्रताप सिंह का महत्व”विषय पर संगोष्ठी आयोजित की गयी। पश्चिम बंग हिंदी भाषी समाज के कार्यकारी अध्यक्ष फैयाज अहमद खान ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। राजस्थान पत्रिका कोलकाता के संपादक विनीत शर्मा का शाल ओढ़ाकर कोलकाता प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष राज मिठौलिया और फैयाज अहमद खान ने स्वागत किया।
सुरेन्द्र प्रताप सिंह की पत्रकारिता के महत्व पर बोलते हुए राज मिठौलिया ने कहा कि “धर्मयुग “से आने के बाद सुरेंद्र प्रताप सिंह की टीम में सुदीप,मणि मधुकर,उदयन शर्मा शामिल थे।वे लीक से हटकर पत्रकारिता करनेवाले संपादक थे। “रविवार “में सत्ता की खामियों को वे प्रकाशित करते थे। कोलकाता अपने नायक को याद करता है जबकि दिल्ली भूल गयी है।
राजस्थान पत्रिका कोलकाता के संपादक विनीत शर्मा ने कहा कि सुरेन्द्र प्रताप सिंह की पत्रकारिता पर बोलना सूरज को दीया दिखाना है।आज सच की व्याख्या की जा रही है जबकि वे सच को दिखाते थे।आज सच को बचाए रखने की जरूरत है। उनके कार्यक्रम “आज तक”को देखने के लिए लोग शादियों में जाने का समय बदल देते थे।उनकी जगह आज तक कोई नहीं ले सका है।
पत्रकार और कथाकार अनवर हुसैन ने कहा कि वे रिपोर्टर को पूरा महत्व देते थे। राजस्थान सूचना केन्द्र के सहायक निदेशक हिंगलाज दान रतनू ने राजस्थानी डिंगल कविता में सुरेन्द्र प्रताप सिंह के महत्व को बताते हुए श्रद्धांजलि दी।
कवि और पत्रकार शिव शारदा, पत्रकार विमल शर्मा और नाट्य निर्देशक केशव भट्टड़ ने सुरेन्द्र प्रताप सिंह के महत्व को याद किया।
कार्यक्रम के अध्यक्ष फैयाज अहमद खान ने कहा कि सुरेन्द्र प्रताप सिंह गाजीपुर की धरतीपुत्र थे जिसने शहीद अब्दुल हमीद और राही मासूम रज़ा को पैदा किया। सुरेन्द्र प्रताप सिंह डरते नहीं थे,लालच नहीं था।आज की कारपोरेट पत्रिका का मुख्य काम मुनाफा कमाना है जबकि सुरेन्द्र प्रताप सिंह जन पक्षधरता की पत्रकारिता करते थे।आज की पत्रकारिता माफिया को समाज सुधारक बना रही है।सच लिखने वाले पत्रकार को यू पी ए धारा में जेल में बंद कर दिया जा रहा है।समाज जब तक जागरूक नहीं होगा, स्थिति में बदलाव नहीं होगा। अशोक सिंह ने कार्यक्रम का संचालन और संयोजक राजीव पांडेय ने आभार व्यक्त किया।