-अनवर हुसैन
नई दिल्लीः मुसलमानों के हित के लिए लड़ने वाली संस्था इंडियन मुस्लिम फार प्रोग्रेस एंड रिफार्म ( इम्पार) ने त्रिपुरा के मुख्यमंत्री विप्लव कुमार देव को पत्र लिखकर त्रिपुरा में मुस्लिमों के विरुद्ध हिंसा रोकने के लिए उनसे सीधे हस्तक्षेप का अनुरोध किया है। संस्था ने मुसलमानों पर हमला करने व मस्जिदों तथा कुछ घरों में तोड़फोड़ व अगजनी के लिए जिम्मेदार लोगों को सिनाख्त कर उन्हें कड़ीसे से कड़ी सजा देने की भी मांग की है। संस्था ने अपने पत्र में कहा है कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर जो हमले हुए वह भी शर्मनाक है। बांग्लादेश की घटना के तुरंत बाद इम्पार ने वहां की शेख हसीना सरकार से भी दोषिय़ों को सिनाख्त कर कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की और घटना की निंदा की थी। पड़ोसी देश में हिंसा की की घटना का असर हमारे शांतिप्रिय मुल्क पर नहीं पड़ना चाहिए। बांग्लादेश की घटना के लिए त्रिपुरा के मुस्लमानों पर जुल्म और अत्याचार करना संगीन अपराध का दायरे में ही आता है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक दुर्गापूजा के दौरान बांग्लादेश में कुछ पूजा मंडपों और कुछ अल्पसंख्यक हिंदू परिवारों पर कट्टरपंथियों द्वारा हमले किए गए। हालांकि बांग्लादेश सरकार ने हिंसा की घनना पर तुरंत कार्रवाई की और अल्पसंख्यक हिंदुओं की सुरक्षा के लिए कई सार्थक कदम उठाए। बांग्लादेश के सत्तारूढ़ दल अवामी लीग ने अल्पसंख्यकों पर हिंसा के विरुद्ध रैलियां भी निकाली और शांति बहाली की अपील।
बांग्लादेश के सूचना व प्रसारण मंत्री हाचान महमूद ने कोलकाता में एक बांग्ला दैनिक को दिए साक्षात्कार में कहा है कि प्रधानमंत्री शेख हसीना की छवि धूमिल करने के लिए कुछ स्वार्थी तत्वों ने सांप्रदायिक हिंसा को अंजाम दिया। कुछ सांप्रदायिक तत्व भारत-बांगालादेश के मैत्रीपूर्ण संबंधों को बिगाड़ना चाहते हैं। प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रति अल्पसंख्यक हिंदुओं का भरोसा तोड़ने के लिए हिंसा को अंजाम देना षड्यंत्र का एक हिस्सा था। लेकिन उनकी सरकार ने सख्ती से हिंसा पर काबू पा लिया और साजिश को सफल होने नहीं दिया। सरकार और सत्तारूढ़ दल अवामी लीग की ओर से हिंसा की चपेट में आए अल्पसंख्यकों को पर्याप्त राहत सामग्री दी गई और उनकी सुरक्षा की व्यवस्था की गई। सत्तारूढ़ दल अवामी लीग ने पूरे देश में शांति जुलूस निकाला। महमूद ने कहा कि बांग्लादेश में 32 हजार मंडपों में दुर्गापूजा होती है। सभी पूजा कमेटियों को प्रशासन की ओर से हर संभव मदद की जाती है और धार्मिक अयोजन के समय सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जाते हैं।
बताया जाता है कि दुर्गापूजा के समय बांग्लादेश में अल्पसंख्य हिंदुओं पर हुए हमले की प्रतिक्रया में विश्वहिंदू परिषद ने त्रिपुरा में रैली निकाली और मुसलमानों को निशाना बनाया गया तथा कुछ मस्जिदों में भी तोड़फोड़ कर आगजनी की घटना को भी अंजाम दिया गया।
त्रिपुरा में आगामी होनेवाले स्थानीय निकाय के चुनाव और 2023 में होनेवाले विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक खींचतान भी जारी है। पश्चिम बंगाल में सत्तारुढ़ तृणमूल कांग्रेस पड़ोसी राज्य त्रिपुरा पर राजनीतिक कब्जा जमाने के लिए सक्रिय हो गई है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सांसद भतीजे अभिषेक बनर्जी आगरतला में 31 अक्टूबर को सभा करेंगे। तृणमूल कांग्रेस को प्रवक्ता व पूर्व सांसद कुणाल घोष पहले से ही त्रिपुरा में डेरा डाले हुए हैं। मुसलमानों के विरुद्ध सांप्रदायिक हिंसा को तृणमूल कांग्रेस मुद्दा बनाने में जुट गई है। भाजपा के सत्ता में अने से पहले 25 वर्षों तक त्रिपुरा में शासन करने वाले कम्युनिस्ट भी राजनीतिक रोटी सेंकने के लिए सक्रिय हो गए हैं। लगभग 4 मिलियन आबादी वाले राज्य त्रिपुरा में मुसलमानों की के संख्या 9 प्रतिशत से भी कम है। राज्य में अधिकांश बहुसंख्यक हिंदू शरणार्थी है जो कभी बांग्लादेश से भारत में कूच किए थे।