नई दिल्लीः इंडियन मुस्लिम फार प्रोग्रेस एंड रिफार्म( इम्पार) ने पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में मुस्लिम मतदाताओं को उनके लोकतांत्रिक अधिकार की कीमत समझाते हुए सुझबूझ के साथ अपने जनप्रतिनिधि को चुनने के अपील की है। संस्था ने एक लिखित बयान में मतदाताओं को जागरूक करते हुए कहा है कि मतदान कराना उनका लोकतांत्रिक अधिकार है और चुनाव में ज्यादा से ज्यादा मतदान करना चाहिए।
इम्पार की एडवाइजरी कमेटी ने अपने जारी बयान में कहा है कि फरवरी में पांच राज्यों का विधानसभा चुनाव है। लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए सभी मतदाताओं को वोट देने के अपने संवैधानिक और मौलिक अधिकार का इस्तेमाल खुलकर करना चाहिए। अगर किसी का नाम मतदाता सूची में नहीं है तो उसे तुरंत चुनाव आयोग द्वारा जारी एप्प से इसकी जानकारी लेनी चाहिए। मतदाता सूची में अपने नाम को लेकर किसी तरह की त्रुटि नजर आए तो उसे तुरंत चुनाव आयोग के हेल्पलाइन पर संपर्क करना चाहिए। संस्था ने उसी उम्मीदवार के पक्ष में मतदातान करने की अपील की है जो संविधान की रक्षा करने, समता मूलक विचार रखने, आपसी भाइचारगी और धर्मनिरपेक्षता की रक्षा करते हुए समाज के सभी वर्ग के हितों की रक्षा करने में विश्वास रखता हो। संस्था ने सांप्रदायिक और जाति-पात पर आधारित राजनीति के विरुद्ध देश के सर्वागींण विकास के पक्ष में मतदान करने की अपील की है। रोजागर का अवसर पैदा करने, गरीबी दूर करने, महिलाओं की सुरक्षा, शांति और सांप्रदायिक सौहर्द, शिक्षा का अधिकार और अभिव्यक्ति की आजादी आदि मानदंडों पर जो उम्मीदवार खरा उतरते हों उन्हीं के पक्ष में मतदान करने की जरूरत बताई गई है।
इम्पार पॉलिटिकल एक्शन कमेटी की ओर से संस्था के कार्यकारी निदेशक खालिद अंसारी ने जारी बयान में कहा है कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के उत्थान के लिए संविधान में आरक्षण की व्यवस्था की गई है लेकिन 1950 में एक आदेश जारी कर मुस्लिम और इसाई समुदाय के एससी वर्ग को धर्म के आधार पर आरक्षण की सुविधा पाने से वंचित कर दिया गया। यह आदेश संविधान की कुछ धाराओं का उल्लंघन करता है। चुनाव में उस उम्मीदवार का चयन बेहतर हो सकता है जो इस मामले में संविधान के उल्लंघन का खुला विरोध करता हो और इसे सुधारने को लेकर गंभीर लगता हो।
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में अगले माह विधानसभा चुनाव है। 10 मार्च को इन पांचों राज्यों के चुनाव नतीजे आएंगे। 2024 में लोकसभा चुनाव के पहले इन पांच राज्यों का चुनाव राजनीतिक हलको में अहम माना जा रहा है। राजनीतिक पर्वक्षेकों की नजर इन पांच राज्यों के चुनाव नतीजों पर रहेगी। इसलिए कि उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, और पंजाब ये तीन ऐसे बड़े राज्य हैं जिनमें राजनीतिक हारजीत का केंद्र की सत्ता पर गहरा असर पड़ता है। कहा तो यह भी जाता है कि दिल्ली के तख्त का रास्ता उत्तर प्रदेश ही होकर गुजरता है।